District Adminstrationकिशनगंजताजा खबरप्रमुख खबरेंब्रेकिंग न्यूज़राज्य

किशनगंज : जिले की फराहाना नाज को मिली नई जिंदगी, परिवार में आई खुशहाली।

बाल हृदय योजना के तहत दोनों हृदय संबंधी रोग से ग्रसित बच्चों का नि:शुल्क जांच व इलाज किया गया, स्क्रीनिंग से इलाज तक आने-जाने का खर्च सरकार करती है वहन।

किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से जिले के लोगों के स्वास्थ्य पर ध्यान दे रहा है। इसी क्रम में जिले में हृदय में छेद के साथ जन्मी बहादुरगंज प्रखंड की 04 वर्षीय फरहाना नाज को नई जिंदगी मिली है। फराह नाज को 01 अप्रैल को सदर अस्पताल से पटना एयरपोर्ट के लिए एम्बुलेंस के माध्यम से अहमदाबाद भेजा गया था जहां विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम द्वारा हृदय में छेद से ग्रसित बच्चों का सफल इलाज किया गया। सफल इलाज के बाद परिवार वालों की खुशी का ठिकाना नही है। वे बार–बार स्वास्थ्य विभाग को धन्यवाद दे रहे है जहां उनके बच्चों का निःशुल्क इलाज कर नई जिंदगी दी गयी है।आरबीएसके के जिला समन्वयक डॉ. ब्रहमदेव शर्मा ने बताया कि हृदय में जन्मजात छेद वाले बच्चों का इलाज अब बेहद आसान हो चुका है। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत संचालित इस योजना में हृदय संबंधी गंभीर बीमारी से ग्रसित बच्चों के नि:शुल्क इलाज का प्रावधान है। सर्वप्रथम आरबीएसके की टीम ऐसे बच्चों की पहचान करती है। चिह्नित बच्चों की सूची वरीय संस्थान को भेजी जाती है। वहां काउंसिलिंग के बाद बीमार बच्चों को इलाज के लिये बेहतर चिकित्सा संस्थान भेजे जाने का प्रावधान है। जिले के बहादुरगंज प्रखंड के डोहर ग्राम पंचायत निवासी विशनपुर में रहने वाली 04 वर्षीय फरहाना नाज को बार-बार बुखार आता रहा। वे अक्सर बीमार रहती थी और बहुत जल्द थक जाती थी और उसका शारीर नीला पर रहा था। उसके पिता उसकी बीमारी को लेकर बड़े परेशान थे। फिर एक दिन निकट के आगनबाड़ी केंद्र में जब आरबीएसके टीम के डॉ. सरफराज , डॉ कबिन्द्र व एएनएम स्नेहलता ने फरहाना नाज का परीक्षण किया। तो उन्हें उमा के दिल की धड़कन सामान्य नहीं लगी। इस पर उन्होंने इसे टीम ने फरहाना का रेफरल कार्ड बनाकर किशनगंज सदर अस्पताल भेजा। वहां से उसे स्क्रीनिंग के लिए इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान (आईजीआईएमएस), पटना भेजा गया। स्क्रीनिंग में रोग की पुष्टि होने के बाद ऑपरेशन के लिए हवाई जहाज से अहमदाबाद के लिए भेजा गया। वहां से सफल ऑपरेशन होने के बाद उसे एम्बुलेंस से घर तक छोड़ा गया। अपनी बिटिया के सफल ऑपरेशन के बाद अब्दुल कदीर और हसीना बेगम का खुशी का ठिकाना नही रह। अब्दुल कदीर ने कहा कि उनकी बेटी का स्वस्थ्य होकर घर लौटना यह उनके जीवन की सबसे बड़ी खुशी का पल था। उन्होंने यह उम्मीद ही छोड़ दी थी कि कभी उनकी बेटी स्वस्थ्य हो सकेगी। लेकिन सरकार के प्रयास से यह संभव हो सका है। उन्होंने कहा- मेरी बिटिया अब पूरी तरह से स्वास्थ्य है। मेरे आंगन में खुशिया चहक रही है। घर के अंदर खुशी का माहौल है। यह ऑपरेशन पूरी तरह से नि:शुल्क किया गया है। यदि मैं निजी अस्पताल में यह ऑपरेशन कराता तो कम से कम 3 से 4 लाख रूपये खर्च हो जाते। यह खर्चा उठाना मेरे लिए काफी मुश्किल था। वही जिला कार्यक्रम प्रबन्धक डॉ मुनाजिम ने बताया कि जिले के दो बच्चो के सफल इलाज के लिए आरबीएसके के जिला समन्वयक डॉ. ब्रहमदेव शर्मा एवं आरबीएसके के सभी सदस्य ने काफी मेहनत किये हैं। जिसके कारण ये संभव हो पाया है। उन्होंने बताया बच्चों में होने वाले जन्मजात रोगों में हृदय में छेद होना एक गंभीर समस्या/बीमारी है। एक अध्ययन के अनुसार जन्म लेने वाले 1000 बच्चों में से 9 बच्चे जन्मजात हृदय रोग से ग्रसित होते हैं। जिनमें लगभग 25 प्रतिशत नवजात बच्चों को प्रथम वर्ष में शल्य क्रिया की आवश्यकता रहती है। बच्चों में होने वाले जन्मजात रोगों में हृदय में छेद होना एक गंभीर समस्या है। राज्य सरकार के सात निश्चय-2 के तहत हृदय में छेद के साथ जन्मे बच्चों के निःशुल्क उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित करने को नई योजना ‘बाल हृदय योजना’ को 5 जनवरी, 2021 को मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृति दी गई है। आपकों मालूम हो कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के जिला समन्वयक डॉ. ब्रहमदेव शर्मा ने बताया कि योजना के तहत 0 से 18 साल के बच्चों में होने वाले कुल 38 रोगों के नि:शुल्क इलाज का प्रावधान है। इसमें चर्मरोग, दांत व आंख संबंधी रोग, टीबी, एनीमिया, हृदय संबंधी रोग, श्वसन संबंधी रोग, जन्मजात विकलांगता, बच्चे के कटे होंठ व तालू संबंधी रोग शामिल हैं। बीमार बच्चों को चिह्नित करने के लिये आरबीएसके टीम द्वारा जरूरी स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है। उन्होंने बताया कि 0 से 6 साल तक के बच्चों में रोग का पता लगाने के लिये आंगनबाड़ी स्तर व 6 से 18 साल तक के बच्चों में रोग का पता लगाने के लिये विद्यालय स्तर पर स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन नियमित अंतराल पर किया जाता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button