आगजनी और हिंसा मामले में 3 FIR, 2 SIT गठित, 150 को किया अरेस्ट…
औरंगाबाद जुलूस के दौरान फैली हिंसा के बाद हुए तोड़फोड़ व आगजनी मामले में प्रशासन ने तीन अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज किया है।जिसमें करीब 200 लोगों को नामजद व करीब 600 से ज्यादा अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया है।इसमें से 150 लोगों को गिरफ्तार कर पुलिस ने जेल भेज दिया।इस मामले की जांच के लिए बीएमपी डीजी गुप्तेश्वर पांडेय द्वारा दो एसआईटी गठित किया है।एसआईटी की दोनों टीमें अलग-अलग गुटों की जांच करेगी।हिंसा के असली गुनहगार जो दर्ज प्राथमिकी से बाहर हैं,उनके बारे में पता करेगी।इसके साथ-साथ दर्ज मामले में गिरफ्तार किए गए लोगों व नामजद आरोपियों की भूमिका को भी एसआईटी गंभीरता से तहकीकात करेगी।हिंसा के दौरान तोड़फोड़ व आगजनी से हुए भारी नुकसान का भरपाई आरोपियों से प्रशासन करेगी।हिंसा मामले के आरोपियों से क्षतिपूर्ति का जुर्माना वसूलेगी।यही नहीं इस मामले में पुलिस जल्द ही चार्जशीट सौंपेगी।स्पीडी ट्रायल चलाकर हिंसा के गुनहगारों को सजा दिलाया जाएगा।एसपी डॉ. सत्य प्रकाश ने कहा कि पुलिस हिंसा के गुनहगारों को दो से तीन माह के अंदर सजा दिलाने की पूरी कोशिश करेगी।ताकि हिंसा फैलाने वाले असामाजिक तत्व भविष्य में ऐसी दुस्साहस करने की हिम्मत न जुटा सकें।25 व 26 मार्च के हिंसा के बाद प्रशासन ने पूरे शहर को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया था।प्रशासन ने हिंसा पर काबू पाने के लिए शहर में असामाजिक तत्वों पर जमकर लाठियां बरसायी और 144 लागूकर दिया था।जिसके कारण बाजार की सभी दुकानों में ताले लटक गए।लोग घरों में दुबक गए।जिससे मानों औरंगाबाद ठहर सा गयाहो।राशन,
दूध,हरी सब्जी,दवा सहित अन्य उपयोगी सामानों की किल्लत हो गई।लोग भोजन के मोहताज होने लगे।हालात को देखते हुए प्रशासन ने बुधवार 28 मार्च को धारा 144 रहने के बावजूद थोड़ी ढिल दी।कुछ दुकानों व सब्जी बाजार खुलवाया।जिसके बाद जन जीवन पटरी पर लौटते नजर आया।दो दिन बाद बुधवार 28 मार्च 2018 को प्रशासन के इजाजत से सब्जी बाजार व दूध की दुकानें खुली तो खरीदने वाले लोगो की भीड़ उमड़ गई।दूध की दुकानों पर खरीदारों की कतार लग गई तो सब्जी बाजार में हुजूम उमड़ पड़ा।सब्जी बाजार खुलते ही लोगों का हौसला बढ़ाने के लिए बीएमपी के डीजी गुप्तेश्वर पांडेय, डीआईजी विनय कुमार,एसपी डा० सत्य प्रकाश समेत अन्य अधिकारी वहां पहुंचे और खुद सब्जियां खरीदी।इसके बाद स्थिति यह हो गई कि देखते ही देखते कुछ ही देर में बाजार से सब्जी गायब हो गए।औरंगाबाद के हिंसा को सरकार गंभीरता से ले रही है।इसके दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।इस मामले में दो एसआईटी अलग-अलग गुटों की जांच करेगी।अगर कोई निर्दोश फंसे होंगे तो उन्हें पुलिस जांच कर दोष मुक्त करेगी।वहीं असली गुनहगार अगर अब तक दर्ज मामले से बाहर होंगे तो उन्हें भी अनुसंधान में लाया जाएगा और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई
होगी।शहर की वीरान पड़ी सड़कें व अंधेरी रात के सन्नाटे को पुलिस के वाहनों के सायरन की आवाज चीर रही थी।सड़कों पर सिर्फ पारा मिलिट्री के जवान नजर आ रहे थे।मंगलवार को करीब रात के 11 बज रहा था।तभी केवल सच की टीम धारा 144 के बीच शहर का जायजा लेने निकला।रमेश चौक पहुंचने पर पुलिस के आला अधिकारियों का काफिला भी आकर रूकता है।काफिले को बीएमपी के डीजी गुप्तेश्वर पांडेय लीड कर रहे थे।उनके साथ डीएम राहुल रंजन महिवाल,एसपी डॉ सत्य प्रकाश,एसडीपीओ पीएन साहू,एएसपी अभियान राजेश कुमार थे।तभी जानकारी मिली कि उन्हें शहर के नावाडीह के एक गली में कुछ भीड़ इक्कठा है।सूचना पर बीएमपी डीजी मौके के लिए रवाना हो गए।हम भी पीछे चल पड़े।उस इलाका को ट्रैस करने में काफी वक्त गुजर गया।करीब 12 बजे पुलिस मौके पर पहुंची।जहां भीड़ वाली बात अफवाह निकली।लेकिन डरे हुए परिवार ने फोर्स तैनात करने की मांग की।जिसके बाद डीजी ने तत्काल एक सेक्शन फोर्स तैनात कर दिया।करीब एक बजकर 40 मिनट पर टीम वापस मेन रोड में लौटी।जामा मस्जिद समीप पहुंचते ही दर्जी बिगहा से फोन कॉल आया।एक परिवार ने कहा तेज शोर सुनाई दे रहा है।फ़ौरन बाद टीम मौके के लिए कूच कर गई।करीब 2 बजे दर्जी बिगहा अधिकारियों की टीम पहुंची।जहां अधिकारियों को भी एक इलाके से उठ रहे शोर के गूंज सुनाई पड़े।फिर क्या था।प्रशासन का काफिला उस इलाके में निकल पड़ा।करीब 20 मिनट का सफर तय करने के बाद पुलिस जर्मा खाप गांव पहुंची,जहां शोर हो रहा था।वहां का नजारा देखकर अधिकारी राहत का सांस लिए।लोग एक मंदिर के पास हरि कीर्तन कर रहे थे।अधिकारियों को देखकर गांव वाले हैरान हो गए।तो उन्हें सच्चाई बताने के बाद अधिकारियों ने प्रसाद ग्रहण कर वापस लौट गए।इसी तरह पूरी रात आला अधिकारी एक जगह से दूसरी जगह अफवाह पर विराम लगाने के लिए चक्कर काटते रहे।
रिपोर्ट-न्यूज़ रिपोटर