देश

बंद हो गन्दी राजनीति

ब्रजेश मिश्र:-    राजनीति करने के लिए गन्दी सोंच ही रखा जाये यह उचित नहीं प्रतीत होता है. देश की सीमा की बात हो या फिर देश के भीतर की हमलोगों को इस बात पर  अवश्य गंभीर होना चाहिए की सिर्फ सत्ता प्राप्ति के लिए गन्दी राजनीति नहीं करनी भले ही हमें कुर्सी मिले या नहीं. सर्जिकल का मामला हो या भोपाल में मुठभेड़ का या फिर पूर्व सैनिक के आत्महत्या का, किसी भी प्रकार का बयान देने से पहले यह सोचना चाहिए की इसका दूरगामी परिणाम क्या होगा और देश के भीतर कैसा असर होगा लेकिन स्वार्थ साधने के लिए हम नीचता पर उतर जायेंगे सोचकर सिहरन होने लगती है की देश में सब कुछ कुशल-मंगल नहीं है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हो या युवराज राहुल गाँधी उनको यह सोचना पडेगा की उनकी कोई भी बात का सीधा असर पुरे भारत पर पड़ता है इसलिए ऐसी कोई बात नहीं होनी चाहिये जिससे देशवासी के दिल पर चोट पहुंचे. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरबिंद केजरीवाल को देश या दिल्ली  से सरोकार नहीं है बल्कि सत्ता हासिल करने के लिए लिसी भी हद तक गिरने से गुरेज नहीं करने वाले जनाब के लिए बयानबाजी जीजा-साले का खेल बनता जा रहा है. डेढ़ अरब वाला भारत के राजनेता कुर्सी के लिए गन्दी राजनीति करने से बाज नहीं आयेंगे तो पाकिस्तान ही नहीं अपितु कई देश हमपर हमला क्र फिर से गुलाम बना लेंगे.

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