*झारखंड सरकार के प्रयास से नीति आयोग के द्वारा मिलेनियम कंपनी के माध्यम से स्थापित स्मार्ट क्लास अपने दुर्दशा के चरम पर।*
*संबंधित कंपनी मिलेनियम और हिटाचि एमजीआरएम अपने (सर्विस) कर्तव्यों के प्रति उदासीन।*
इन दोनो कंपनियों के द्वारा जिले में मॉनिटरिंग एवं टेक्निकल सपोर्ट के लिए नही है, कोई मानव बल की व्यवस्था।
मार्च/अप्रैल 2019 करोना महामारी के समय प्रथम लॉक डाउन के समय झारखंड राज्य के समस्त जिलों में मिलेनियम कंपनी के माध्यम से 1000 सरकारी विद्यालयों स्मार्ट क्लास कॉन्टेंट के साथ में लगाया गया था।
आर के पांडे/ सही तरीके से देख-रेख के अभाव में वर्षो से यूं ही विद्यालय के दीवाल पर टंगे हुए फांक रहे है, धूल।
कंपनी के द्वारा सही समय पर सर्विस नही मिलने के कारण हिटाची एमजीआरएम के द्वारा स्थापित 29 आईसिटिलेब और 578 स्मार्ट क्लास का हालत भी मिलेनियम कंपनी द्वारा स्थापित स्मार्ट क्लास जैसा ही है।
पिछले सात से आठ वर्षों से यह आईसीटी प्रॉजेक्ट पूरे राज्य भर में जेपीसी रांची की देख-रेख में विभिन्न निजी कंपनियों जैसे.. स्कुल नेट इंडिया लिमिटेड, एक्स्ट्रा मार्क्स, टीसीआईएल, बीसीसीएल, हिटाची एमजीआरएम और मिलेनियम इत्यादि। के द्वारा सरकार के करोड़ों रुपए खर्च कर चलाया जा रहा है।
इनमे दो कंपनिया मिलेनियम और हिटाची एमजीआरएम के द्वारा राज्य स्तर पर इसके द्वारा स्थापित आईसीटी लैब और स्मार्ट क्लास के मॉनिटरिंग के लिए कोई भी मानव बल उपलब्ध नहीं है। जिसके परिणाम स्वरूप उनके द्वारा स्थापित आईसीटी लैब एवं स्मार्ट क्लासो की हालत पिछले तीन-चार वर्षों से काफी दयनीय है, यूं ही खराब पड़े हुए है। जिसे देखने वाला कोई नहीं है, और इसके विपरित राज्य सरकार द्वारा नित्य नई आईसीटी योजना एवं स्मार्ट क्लास योजना पर करोड़ों की राशि खर्च की जा रही है।
जो निसंदेह जांच का विषय है।
ज्यादातर विधालय प्रभारी को तो यह ज्ञात भी नही की इसे किस योजना के अंतर्गत एवं किस कंपनी के द्वारा लगाया गया है।
संबंधित विभाग के जिला अधिकारियों को भी इस योजना के बारे में सही प्रकार से कुछ भी ज्ञात नही होना, यह काफी चिंता जनक बात है, और कहीं न कहीं उनके अपने कर्तव्यों के प्रति उदानसीनता का परिचायक है।