किशनगंज : राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा जिलाध्यक्ष के नेतृत्व में नीट परीक्षा में आरक्षण की मांग को लेकर किया एक दिवसीय धरना प्रदर्शन..

किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, मेडिकल में प्रवेश के लिए 12 सितम्बर, 2021 को आयोजित होने वाली नीट परीक्षा में ओबीसी को केंद्र सरकार द्वारा आरक्षण नहीं दिये जाने के मामले को लेकर 26 जुलाई को टाउन हॉल के समीप राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा के जिलाध्यक्ष सह मुखिया राजेन्द्र पासवान के नेतृत्व में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया गया। धरना प्रदर्शन के बाद जिलाध्यक्ष श्री पासवान ने समाहरणालय परिसर पहुंचे और राष्ट्रपति के नाम एक मांग पत्र डीएम डॉ आदित्य प्रकाश के कार्यलाय में सौंपा। आवेदन में लिखा गया है कि 12 सितम्बर, 2021 को मेडिकल प्रवेश के लिए होने वाली नीट परीक्षा में ओबीसी को सेन्ट्रल कोटे की 15 प्रतिशत राज्य मेडिकल की सीटों में आरक्षण को जीरो कर दिया गया है जो कि ओबीसी के साथ धोखाधड़ी है। दिये गये आवेदन पत्र 4 सूत्री मांग शामिल है। ओबीसी के जिलाध्यक्ष सह मुखिया राजेन्द्र पासवान ने बताया कि तीन चरणों में चरणबद्ध आंदोलन चलाया जायेगा। जिसके तहत ही धरना-प्रदर्शन आयोजित किया गया। उन्होंने बताया कि चार सूत्री मांगों को लेकर देश भर में आंदोलन चलाया जा रहा है। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा के अध्यक्ष सह प्रभारी संयोजक राजेंद्र पासवान ने कहा कि 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू होने के समय से ही लगातार ओवैसी के साथ धोखाधड़ी की जा रही है। कोविड-19 महामारी के समय दुनिया के प्रत्येक व्यक्ति को एहसास हो गया है कि डॉक्टर की कितनी ज्यादा आवश्यकता है जबकि भारत में जनसंख्या के अनुपात में डॉक्टर की बहुत ज्यादा कमी है इसलिए महामारी से लड़ने के लिए डॉक्टर की संख्या बढ़ाने के लिए अभियान चलाया जाना चाहिए परंतु भारत के संपूर्ण आबादी का लगभग 70 करोड लोग ओवैसी हैं जिन्हें हेल्थ सिस्टम में आने से रोकने के लिए तमाम तरह के षड्यंत्र लगातार शासन द्वारा वर्ग द्वारा किया जा रहा है। 1931 की जनगणना के अनुसार ओवैसी 52% है जिन्हें क्रीमी लेयर लगाकर 27% प्रतिनिधित्व के लिए आरक्षण के रूप में सेफगार्ड दिया गया है जो कि संविधान के अनुच्छेद 340 की मूलभावना के विरूद्ध में है। धरना-प्रदर्शन में फैजल अंसारी, नफीस, ताहीर हुसैन, शहवाज आलम, सोनु कुमार राम, सदरो आलम, रसुल बकस, हसनत अंसारी, नोसाद आलम, फरीद अंसारी, मो. सयाद आलम सहित अन्य लोग भी मौजूद थे।