डीएम ने राजकीय बालिका उच्च विद्यालय, महुआबाग का निरीक्षण किया, विद्यालय प्रबंध समिति की बैठक आयोजित की गई।।…

छात्राओं के शैक्षणिक हित में सभी सुविधा उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया*
अभिभावकों से फीडबैक लिया गया, *भूगोल एवं अर्थशास्त्र की कक्षा में बच्चियों से उनके अध्ययन में बारे में जानकारी ली गई*
*विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुलभ कराना प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकताः डीएम*
डीएम ने छात्राओं को दी एक अच्छा नागरिक बनने की सीख; प्रतिभा सुविधाओं की मोहताज नहीं: डीएम
त्रिलोकी नाथ प्रसाद :-जिला पदाधिकारी, पटना-सह-अध्यक्ष, विद्यालय प्रबंध समिति, राजकीय बालिका उच्च विद्यालय, महुआबाग, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह द्वारा आज विद्यालय का निरीक्षण एवं प्रबंध समिति की बैठक की गई। यह बैठक विद्यालय के प्रशासनिक भवन में आयोजित की गई। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि विद्यार्थियों को *गुणवत्तापूर्ण एवं उत्कृष्ट शिक्षा उपलब्ध कराना प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता है*। उन्होंने सभी पदाधिकारियों को इसके लिए *तत्पर एवं प्रतिबद्ध* रहने का निदेश दिया।
इस बैठक में एजेंडावार चर्चा की गई तथा शैक्षणिक हित में आवश्यक निर्णय लिया गया। नए भवन का निर्माण, उपस्कर का क्रय, शिक्षकों एवं कर्मियों का पदस्थापन, प्रसाधनों का निर्माण, भवनों एवं वर्ग कक्षों की मरम्मति, पेयजल की उपलब्धता सहित सभी बिन्दुओं पर विस्तृत विमर्श किया गया। छात्राओं की शैक्षणिक जरूरत एवं मांग के अनुरूप निर्णय लिया गया।
गौरतलब है कि बैठक में समिति के सदस्य के तौर पर विद्यार्थियों के अभिभावक भी उपस्थित थे। डीएम डॉ. सिंह द्वारा अभिभावकों से फीडबैक भी लिया गया। अभिभावकों द्वारा विद्यालय में पठन-पाठन की स्थिति को बेहतर बताया गया एवं हर्ष व्यक्त किया गया।
बैठक की शुरूआत में जिला शिक्षा पदाधिकारी श्री अमित कुमार द्वारा विद्यालय की शैक्षणिक स्थिति के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। इस विद्यालय की स्थापना 16.07.1994 को हुई थी। विद्यालय में कुल 116 विद्यार्थी हैं जिसमें नवम वर्ग में 54 तथा दशम वर्ग में 62 छात्राएँ हैं। 04 महिला शिक्षक कार्यरत हैं। इस विद्यालय का अपना भवन नहीं होने के कारण वर्तमान में यह विद्यालय प्राथमिक विद्यालय, महुआबाग के वर्ग कक्ष में संचालित होता है। प्राथमिक विद्यालय में कक्षा 5 तक की पढ़ाई होती है तथा उच्च विद्यालय में वर्ग 9 एवं 10 की पढ़ाई होती है। अभिभावकों द्वारा बताया गया कि कक्षा 06 से 08 तक की पढ़ाई के लिए उन्हें अपनी बच्चियों के लिए किसी अन्य विद्यालय में जाना पड़ता है।
*डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि बालिका उच्च विद्यालय का पोषक क्षेत्र काफी बड़ा है।* नए भवन निर्माण से छात्राओं के शैक्षणिक विकास में सहायता मिलेगी। उन्होंने जिला शिक्षा पदाधिकारी को अंचलाधिकारी के साथ समन्वय कर विद्यालय का अपना भवन निर्माण करने के लिए आस-पास के इलाके में सरकारी जमीन की उपलब्धता के लिए विशेष प्रयास करने का निदेश दिया। उन्होंने सम्पूर्ण परिसर का पुनर्विकास कराने एवं जी प्लस 2 भवन निर्माण के लिए प्रस्ताव प्रेषित करने को कहा ताकि अभिभावकों की मांग के अनुसार छात्राओं को एक ही जगह कक्षा 12 तक की पढ़ाई की सुविधा उपलब्ध हो जाए। उन्होंने कहा कि इससे ड्रॉप आउट कम होगा तथा बालिकाओं की शिक्षा में निरंतरता बनी रहेगी। डीएम डॉ. सिंह ने मानक के अनुसार अतिरिक्त वर्ग कक्षों, प्रयोगशाला, पुस्तकालय, प्रशासनिक भवन के निर्माण के लिए प्रस्ताव उपस्थापित करने का निदेश दिया।
डीएम डॉ. सिंह ने छात्राओं की मांग पर जिला शिक्षा पदाधिकारी को विद्यालय में अंग्रेजी, विज्ञान एवं गणित के शिक्षक के पदस्थापन/प्रतिनियुक्ति हेतु अविलंब कार्रवाई करने का निदेश दिया।
डीएम डॉ. सिंह ने नगर कार्यपालक पदाधिकारी, नूतन राजधानी अंचल को विद्यालय परिसर एवं आस-पास साफ-सफाई हेतु नियमित तौर पर विशेष अभियान चलाने तथा फॉगिंग करने का निदेश दिया। जल-निकासी की व्यवस्था सुनिश्चित करने का निदेश दिया गया। प्राचार्या द्वारा बताया गया कि विद्यालय में पेयजल हेतु 2 चापाकल है। डीएम डॉ. सिंह ने इसे सदैव क्रियाशील रखने एवं स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निदेश दिया। लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण प्रमंडल, पटना द्वारा विद्यालय परिसर में आवश्यकतानुसार हैण्ड पम्प लगाया जाएगा।
विकास कोष/छात्र कोष की राशि से वित्तीय नियमों का अनुपालन करते हुए दर मानक एवं विशिष्टियों के अनुरूप 15 जोड़ी बेंच-डेस्क क्रय करने का निर्णय लिया गया।
डीएम डॉ. सिंह द्वारा जिला शिक्षा पदाधिकारी को विद्यालय परिसर से अतिक्रमण हटाने का निदेश दिया गया। विद्यालय की चहारदीवारी निर्माण के लिए कार्रवाई करने का निदेश दिया गया ताकि सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित रहे।
बैठक के बाद डीएम डॉ. सिंह ने कक्षाओं का भ्रमण किया। उन्होंने कक्षा में छात्राओं से उनके विषयों के बारे में जानकारी ली, विद्यालय में उपलब्ध सुविधाओं एवं आवश्यकताओं के बारे में पूछा तथा उनके उद्देश्यों से रू-ब-रू हुए। कक्षा 10 में भूगोल विषय का क्लास चल रहा था। छात्राओं को परिवहन, संचार एवं व्यापार अध्याय पढ़ाया जा रहा था। जल-जीवन-हरियाली मिशन पर बच्चियों द्वारा कलाकृति का निर्माण कर कक्षा की दीवार पर लगाया गया था। वर्ग 09 में अर्थशास्त्र का क्लास चल रहा था। डीएम डॉ. सिंह ने पाया कि सभी बच्चे अनुशासित थे। विद्यालय में पठन-पाठन की अच्छी स्थिति थी। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए बच्चों को एक अच्छा नागरिक बनने की सीख दी तथा सभी बच्चों के उज्जवल भविष्य की कामना की। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि प्रशासन छात्राओं के लिए सभी शैक्षणिक सुविधा उपलब्ध कराने हेतु प्रतिबद्ध है।
*डीएम डॉ. सिंह द्वारा विद्यालय के संचालन एवं शैक्षणिक माहौल पर संतोष व्यक्त किया गया।*
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि पटना जिला में 21 राजकीय माध्यमिक/उच्च माध्यमिक विद्यालय है। इसके प्रबंध समिति के अध्यक्ष जिलाधिकारी होते हैं। अबतक लगभग 13 राजकीय माध्यमिक/उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्रबंध समिति की बैठक हो चुकी है तथा शैक्षणिक गुणवत्ता सुनिश्चित करने एवं विद्यालयों में विकास गतिविधियों में तेजी लाने के लिए अपेक्षित कार्रवाई की गई है। आने वाले समय में सभी राजकीय माध्यमिक/उच्च माध्यमिक विद्यालयों के प्रबंध समिति की बैठक आयोजित कर विद्यार्थियों के लिए उत्कृष्ट शिक्षा सुनिश्चित करने की कार्रवाई की जाएगी। इसके अतिरिक्त जिला में 405 राजकीयकृत माध्यमिक/उच्च माध्यमिक विद्यालय है। इसके प्रबंध समिति के अध्यक्ष माननीय विधानमंडल सदस्य होते हैं। डीएम डॉ. सिंह ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को निदेश दिया कि जिला के प्रत्येक राजकीयकृत उच्च विद्यालयों में शैक्षणिक गुणवत्ता सुनिश्चित करने, विकास कार्यक्रमों में तेजी लाने तथा आवश्यक एवं आकस्मिक प्रकृति के कार्यों को सुचारू रूप से सम्पन्न करने हेतु राजकीयकृत उच्च विद्यालयों के विद्यालय प्रबंध समिति का नियमित तौर पर बैठक आयोजित कराना सुनिश्चित करें। इसके लिए इन विद्यालयों के प्रधानाध्यापक, जो विद्यालय प्रबंध समिति के पदेन सदस्य-सचिव होते हैं, को आदेश निर्गत करें।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि विद्यार्थियों की शैक्षणिक आवश्यकता के अनुरूप सभी व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। उनके सर्वांगीण विकास के लिए उत्कृष्ट शैक्षणिक वातावरण का निर्माण करने के लिए प्रशासन सतत प्रयत्नशील है।
इस अवसर पर जिलाधिकारी के साथ जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (योजना एवं लेखा), नगर कार्यपालक पदाधिकारी, विद्यालय की प्राचार्या एवं विद्यालय प्रबंध समिति के अन्य सदस्य भी उपस्थित थे।