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भोजपुर-खाद की कालाबाजारी व कील्लत से त्रस्त हैं किसान।।..

मुख्यालय समेत खेड़ी और नारायणपुर में चल रहा खाद का कालाबाजारी

गुड्डु कुमार सिंह –अगिआंव ! धान के कटोरा कहे जाने वाले क्षेत्र में खाद की कालाबाजारी और किल्लत के कारण किसान त्रस्त हैं !किसानों को खाद की कालाबाजारी के कारण शोषण का शिकार होना पड़ रहा है! : प्रखंड क्षेत्र के अगिआंव पवना अजिमाबाद नोनउर खेड़ी तथा नारायणपुर में खाद का कालाबाजारी बेरोकटोक चल रहा है। यहाँ किसानों से खाद के लिए अधिक रुपये लिया जा रहा है। यहाँ किसानों से यूरिया के लिए 330 रु लिया जा रहा है जबकि यूरिया खाद का मूल्य 266.00 रु निर्धारित है!तथा डीएपी का 1650.00 रु लिया जा रहा है जबकि डीएपी का दाम 12 50 रु है।

अगिआंव प्रखंड क्षेत्र में यूरिया खाद की किल्लत के चलते किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। दुकानदारों ने यूरिया को सरकारी मूल्य से अधिक पैसो में बेचना प्रारंभ कर दिया है। कुछ दुकानदार यूरिया के साथ फास्फेट जबरदस्ती दे रहे हैं,जिससे किसानों की जेब से अधिक पैसा जा रहा है।

अगिआंव में धान, गेहूं, सब्जी के अलावा विभिन्न प्रकार की खेती की जाती है। कृषि बहुल क्षेत्र होने के साथ यहां पर फसलों की बड़े स्तर पर पैदावारी की जाती है। अब गेहूं की फसल का सीजन चल रहा है ऐसे में हर बार यूरिया खाद की किल्लत हो जाती है।छोटे किसान खाद से वंचित रह जाते है। दुकानों पर भी यूरिया खाद की ओवर रेटिग कर दी गई है। सरकार की ओर से निर्धारित मूल्य के अलावा किसानों से अधिक पैसा वसूला जा रहा है। 266.00 रुपये प्रति कट्टे की कीमत सरकार की ओर से निर्धारित की गई लेकिन किसानों को 300 से लेकर 350 तक का मूल्य देना पड़ रहा है। कुछ दुकानदारों ने यूरिया खाद के साथ फास्फेट अनिवार्य कर दी है जिससे किसानों को अधिक पैसा खर्च करना पड़ रहा है। खाद की किल्लत के चलते किसानों की धान की फसल भी खराब हो रही है जिससे किसानों में रोष है। इस संबंध में जिला कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि इस तरह की प्राप्त शिकायतों पर जांच कर दोषी उर्वरक विक्रेताओं पर धनात्मक कार्रवाई किया जाएगा!

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