बंगाल में अराजकता के मद्देनजर राष्ट्रपति शासन में ही चुनाव हों।।….

रणजीत कुमार सिन्हा : -कल भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे 0 पी 0 नड्डा जी और पश्चिम बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय जी के काफिले पर, जो कि कलकत्ता से डायमंड हार्बर जा रहा था, जिस प्रकार तृणमूल
कार्यकर्ताओं द्वारा घातक हमला किया गया, वह अशोभनीय और निंदनीय ही नहीं है, शर्मनाक भी है। यह पूरी तरह सिद्ध करता है कि ममता बनर्जी का लोकतंत्र में रत्तीभर भी विश्वास नहीं रह गया है। जो विडीयो क्लिपिंग्स आई है, उसे आप देख सकते हैं कि मंडल में दोनों तरफ बडे-बडे डंडों में तृणमूल कांग्रेस के झूठे डालकर तृणमूल के कार्यकर्ता खड़े हैं। पुलिस भी साथ ही खड़ी है और उन्ही डंडों से मोटरसाइकिल से जा रही भाजपा कार्यकर्ताओं की जमकर पिटाई हो रही है। पुलिस मूक दर्शक है मैं काफिले पर लगातार पत्थर फेंके जा रहा है। यह सबस्पेशपूर्ण कार्य अब चलने वाला नहीं है। लोकतंत्र में यह कभी नहीं गया है। इंदिरा गांधी का दमन नहीं गया। बंगाल में जब सिद्धार्थ शंकर रे ने नक्सलियों का दमन करना शुरू किया तो निशानवादियों की सरकार आ गई। जब मार्क्सवादियों ने दमन शुरू किया तो ममता दीदी की सरकार आयी और अब ममता बनर्जी भी वही गलत रास्ता अपना रही है, जो लोकतंत्र के लिए घातक सिद्ध होगा।अत: