
* वर्तमान कर्मियों के वेतन मद में 52,734 करोड़ का व्यय, 10 लाख और वेतन हो तो वेतन पर केवल 1 लाख 11 हजार करोड़ रुपये का लाभ होगा
* विकास के सारे काम को बंद करना चाह रहा है विपक्ष
त्रिलोकीनाथ प्रसाद उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि विपक्ष की डपोरशंखी घोषणाओं के तहत • वास्तव में दस लाख लोगों को सरकारी नौकरी दी जाए तो राज्य के खजाने पर 58,415.06 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। इसके अलावा पूर्व से कार्यरत 12 लाख से ज्यादा कर्मियों के वेतन मद में होने वाले खर्च 52,734 करोड़ को जोड़ लें तो इसमें राशि 1,11,189.06 करोड़ होती है।
जब विपक्ष वेतन पर ही बजट का अधिकांश भाग खर्च करेगा, तो फिर पेंशन, छात्रवृत्ति, साइकिल, पोशाक, मध्याह्न भोजन, कृषि अनुदान, फसल सहायता, पुल-पुलिया, सड़क, बिजली आदि तमाम योजनाओं के लिए पैसा कहां से आयेंगे? वर्तमान में बजट का आकार 2,11,761 करोड़ का है, अगर वेतन में केवल 1 लाख 11 हजार करोड़ रु। तब खर्च होगा, फिर ब्याज, पुराने ऋण के भुगतान सहित अन्य 1,28,979 करोड़ के प्रतिबद्ध व्यय के लिए राशि कहां से आयेंगी?
श्री मोदी ने कहा कि विपक्ष के झूठे वायदों के अनुसार यदि 1.25 लाख चिकित्सक और 2.50 लाख पारा मेडिकल स्टाफ की नियुक्ति होती है तो वेतन पर 22,270.95 करोड खर्च होंगे। 2.50 लाख शिक्षकों और 50 हजार काइलेज शिक्षकों की नियुक्ति पर वेतन मद में 20,352.66 करोड़, 95 हजार पुलिस की नियुक्ति पर 3604.22 करोड़, इंजीनियर (जेई) के 75 हजार पदों की भर्ती पर 5,780.43 करोड़ और लाखों रुपये अनुसेवकों की नियुक्ति पर वेतन मद में सालाना। 6,406.80 करोड़ यानी कुल 58,415.06 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
दरअसल झांसा देकर वोट लेने के मकसद से विपक्षी मतदाताओं से ऐसा वायदा कर रहा है, जिसे उसने कभी पूरा नहीं किया।