पुण्यतिथि पर याद किए गए रफी, तुम मुझे यूं भुला ना पाओगे
गुड्डू कुमार सिंह /उदवंतनगर – तुम मुझे यूं भुला न पाओगे…, दिल का सुना साज तराना ढूंढेगा…, तेरी आंखों के सिवा दुनिया में रखा क्या है…, यहां मैं अजनबी हूं…, ये दिल तुम बिन कहीं लगता नहीं…, यूं ही तुम मुझसे बात करती हो…समेत लगभग ढाई दर्जन से अधिक गीत घंटों शहर के ऐतिहासिक नागरी प्रचारिणी सभागार में गूंजा। अवसर था मशहूर पार्श्व गायक मो. रफी की 44वीं पुण्यतिथि के अवसर पर व्यू प्वाइंट के तत्वावधान मे आयोजित फिल्म संगीत का कार्यक्रम ‘तुम मुझे यूं भुला न पाओगे…’। कार्यक्रम में स्थानीत लगभग दर्जनभर कलाकारों ने मो. रफी और लता मंगेशकर के गाए डेढ़ दर्जन से अधिक गीतों को प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का उद्घाटन धर्मेन्द्र कुमार, सुनीता पांडेय राजकुमार, इकबाल इल्मी, और रमेश कुमार ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। मंच संचालन करते हुए कार्यक्रम के संयोजक संस्कृतिकर्मी शमशाद ‘प्रेम’ ने कहा कि मो. रफी महज एक अच्छे गायक ही नहीं, बल्कि एक अच्छे इंसान भी थे। उन्होने संगीत के क्षेत्र में जिस मकाम को हासिल किया, वह बहुत कम लोगों को मिला। एक बड़े कलाकार होने का उनमेथोड़ा सा भी घमंड नहीं था। उन्होंने अपने दौर के लगभग सभी अभिनेताओं के लिए गीत गाए। फिल्म संगीत में उनके महत्वपूर्ण योगदान को भुलाया नहीं जा सकता।
शिक्षक सह गायक राजाराम शर्मा ने तुम ने यूं भुला न पाओगे… गीत गाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। तदोपरांत ऋषिका शर्मा ने अहसान तेरा होगा मुझ पर…, रमेश कुमार ने पैसे की पहचान यहां…, मो. नौशाद ने तुझको पुकारे मेरा प्यार…., अलका शरण ने ईश्वर अल्लाह तेरे नाम…, कुमार अनुपम ने दर्दे दिल दर्दे जिगर दिल में जगाया.., राजकुमार ने दोनों ने किया था प्यार मगर…, मो. युसूफ ने मोहब्बत के सुहाने दिन…, मो.मनव्वर अंसारी ने ओ मेरी महबूबा…, शमशाद ‘प्रेम’ ने किसी ने कहा है मेरे दोस्तों…गीतों को गया। वहीं सुनीता पांडेय व नवीन पांडेय ने रिमझिम के गीत सावन…, रमेश कुमार और शमशाद प्रेम’ ने बने चाहे दुश्मन जमाना हमारा…, अम्बे शरण और धर्मेन्द्र सिंह ने जनम-जनम का साथ है…, ऋषिक शर्मा व पीहु शर्मा ने बार-बार देखो हजार बार देखो…, संजना सिंह व धर्मेन्द्र सिंह ने बाहों में तेरी मस्ती के झूले… गाकर श्रोताओं को झूमने पर मजबूर किया। धर्मेन्द्र कुमार, शमशाद प्रेम’ और रमेश कुमारने मेरे देश प्रेमियों आपस और में प्रेम करो… गाकर कार्यक्रम का समापन किया। कार्यक्र में डा.विभा कुमारी, डा.सिद्धनाथ सागर, डा. रीता शर्मा, कावेरी मोहन, डा. संगीता सिंह, धर्म कुमार, शौकत, मो.रफी, हरिश्चंद्र साह डब्लू समेत अन्य लोग मौजूद थे।