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*प्रशांत किशोर का परिवारवाद पर प्रहार – पिछले 30 वर्षों में बिहार में जो भी नेता, सांसद या विधायक बने हैं, वे चाहे किसी भी दल से हों, वे केवल 1250 परिवारों के सदस्य हैं और इन्ही लोगों ने समाज के मन में यह डर बैठा दिया है कि यदि आपके पास पैसा और जाति का समर्थन नहीं है, तो आप चुनाव नहीं लड़ सकते*

श्रुति मिश्रा/पटना : जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने बिहार के गांव-गांव का दौरा करते हुए आम जनता से संवाद स्थापित कर और उनसे बातचीत के माध्यम से प्रदेश की राजनीति और उनकी समस्याओं पर चर्चा कर रहे हैं। इस दौरान उन्होंने जनता को यह भी बताया कि अब तक किस प्रकार से राजनेताओं ने उनके साथ छल किया है और उन्हें धोखा दिया है।

प्रशांत किशोर ने बताया कि किस तरीके से बिहार की राजनीति आज परिवारवाद की जंजीरों में जकड़ी हुई है। उन्होंने बताया कि पिछले 30 वर्षों में बिहार में जो भी नेता, सांसद, या विधायक बने हैं, वे चाहे किसी भी दल से हों, वे सिर्फ 1250 परिवारों के सदस्य हैं। यही 1250 परिवार के लोग मंत्री, विधायक और सांसद बनते आए हैं और इन्होंने समाज के मन में यह डर बैठा दिया है कि अगर आपके पास पैसा और जाति का समर्थन नहीं है, तो आप चुनाव नहीं लड़ सकते।

प्रशांत किशोर ने उदाहरण देते हुए कहा कि लोगों को लगता है कि लालू जी का पार्टी है या राम विलास जी का पार्टी है, लेकिन अगर भाजपा का उदाहरण लें तो बिहार में भाजपा का नेतृत्व सम्राट चौधरी कर रहे हैं, जो शकुनी चौधरी के पुत्र हैं। शकुनी चौधरी कांग्रेस शासनकाल में विधायक और मंत्री थे। जब लालू जी का शासन आया, तब भी वे विधायक और मंत्री बने। नीतीश कुमार की सरकार में भी उन्होंने यही भूमिका निभाई और मांझी जी के मुख्यमंत्री काल में भी वे विधायक और मंत्री रहे। और आज जब भाजपा को राजनीति करनी है, तो उसे भी कोई और कुशवाहा नहीं मिला, बल्कि शकुनी चौधरी जी का ही लड़का मिला। प्रशांत किशोर ने जनता को बताया, आपको लगता है कि आपने कांग्रेस हटाकर लालू को लाया, लालू को हटाकर नीतीश को लाया, और फिर भाजपा को लाया। लेकिन हकीकत यह है कि परिवार वही 1250 का शासन कर रहा है। चाहे सरकार किसी की भी हो, शासन इन्हीं परिवारों के हाथ में रहता है।

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