
गुड्डू कुमार सिंह:-आरा . तरारी प्रखंड मुख्यालय पर भाकपा माले का प्रखंड विकास पदाधिकारी के समक्ष कदवन डैम निर्माण, सोन नहरों के अंतिम छोर तक पानी पहुंचाने और किसानों के अन्य मांगों को लेकर , किसान संघर्ष मोर्चा और किसान महासभा के द्वारा धरना दिया गया. धरना की अध्यक्षता किसान नेता कृष्णा प्रसाद गुप्ता और संचालन प्रखंड अध्यक्ष जमाल अशरफ ने किया.। धरना को संबोधित करते हुए भाकपा माले प्रखंड सचिव रमेश जी ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे किसानों के लिए हितकारी योजना कृषि रोड मैप के तहत हर खेत तक पानी पहुंचाने एवं किसानों की आमदनी दुगुना करने के एजेन्डा आज घरातल पर कारगर नहीं दिखाई पड़ रहा है।. केवल घोषणा तक ही सिमट कर रह गई है. जिससे देश के किसान तंग तबाह व परेशान है।. कृषि प्रधान देश में ज्यादातर किसान लीज, पट्टा, मनी बटाई पर खेती करते हैं. लेकिन उनके लिए सरकार द्वारा कोई कानून नहीं बनाई जा ही है।. जिससे बटाईदार किसानों को सरकारी लाभ नहीं मिल पाता है। और कल्याणकारी योजना केवल बिचौलियों के भेंट चढ़ कर रह जाता है.। सोन नदी के दोनों तरफ नहरे निकाल कर अग्रेजों ने शाहाबाद और मगध के क्षेत्रों में सिचाई की व्यवस्था की थी।. आज पानी के अभाव में नहरे दम तोड़ रही है. मौसम अनुकुल नही रहा तो खेती करना मुश्किल हो जाता है. इसे ध्यान में रखते हुए 34 वर्ष पहले डीहरी से 60 किमी उपर कदवन में डैम निर्माण हेतु शिलान्यास किया गया था, जो केन्द्र व राज्य के उपेक्षा के कारण अभी तक अधर में लटका हुआ है।. इस कदवन डैम के निर्माण नही होने से शाहाबाद और मगध क्षेत्र के तमाम जिलों के किसानों को सुखे का डर सताता रहता है। काफी वर्षा होने पर जलाशय के अभाव में सोन नदी से लाखों क्यूसेक पानी बहा दिया जाता है. इस कारण क्षेत्र के लोगों को पीने के पानी के संकट से भी जुझना पड़ता है।धरना के माध्यम से निम्नलिखित मांग कदवन डैम इन्द्रपुरी जलाशय का शीघ्र निर्माण , सोन नहर का आधुनिकीकरण,सरकारी अनुदानित दर पर डीएपी, और यूरिया खाद उपलब्ध कराई जाय, असिंचित क्षेत्र में नलकुप की व्यवस्था व सिचाई के लिए किसानों को मुफ्त बिजली की व्यवस्था की जाय, पैक्स व व्यापार मंडलों में न्यूनतम समर्थन मुल्य पर फसलों की खरीद की गारन्टी किया जाय.। धरना में शामिल किसान नेता कृष्णा प्रसाद गुप्ता, जमाल अशरफ, मुकेश सिंह, विजेन्द्र सिंह,कामता प्रसाद सिंह, युवा नेता सुधीर यादव, कामेंद्र सिंह, सरपंच श्रीराम साह, दिनेश राम, सुरेंद्र राम, काशीनाथ राम, सतेन्द्र राम, नेपाली राम सहित दर्जनों किसान शामिल थे.