राजनीति

महागठबंधन छोड़ नीतीश शामिल हुए एनडीए में – बिहार में बनी एनडीए की सरकार

जितेन्द्र कुमार सिन्हा ::राजनीति में कब कौन कहां और किसके साथ, कैसे होगा कौन पार्टी किस पार्टी के साथ किसी को नहीं होता है पता, लेकिन जो हुआ, उसका अनुमान पहले से ही मीडिया के माध्यम से, हवा के बदले रुख को देखकर अंदाजा लगाया जा रहा था। इसी बीच बिहार में चल रही नीतीश कुमार की अगुवाई वाली जनता दल यूनाइटेड (जदयू) और लालू प्रसाद यादव के राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की महागठबंधन की सरकार में मतभेद अपनी चरम सीमा पर पहुंच गई और जदयू गठबंधन तोड़कर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) से अलग हट कर, एनडीए की सरकार में शामिल हो गए और एनडीए की सरकार बिहार में बन गई। कुछ लोग समझते और सोचते रह गए गतिविधि को और होते रहे परेशान। इस बीच रविवार को जदयू के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी और सरकार की ओर से इस्तीफा राज्यपाल राजेन्द्र वी आर्लेकर को सौंप दिया। बिहार में सरकार गठन करने के लिए भी नीतीश कुमार ने एनडीए की ओर से बहुमत की सूची सौंप दी ।

बिहार में एक बार फिर नीतीश कुमार ने नए गठबंधन के साथ मुख्यमंत्री पद की शपथ रविवार को ही संध्या में ली। नीतीश कुमार ने इस शपथ ग्रहण के साथ नौवीं बार मुख्यमंत्री बनने का रिकॉर्ड बनाया हैं।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ शपथ ग्रहण करने वालों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा, प्रेम कुमार, जदयू के बिजेंद्र प्रसाद यादव, विजय कुमार चौधरी, श्रवण कुमार, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) के संतोष कुमार सुमन और निर्दलीय विधायक सुमित कुमार सिंह शामिल हैं।

नीतीश कुमार के साथ शपथ ग्रहण करने वालों में 2 भूमिहार, एक यादव, कुर्मी, एक कुशवाहा, एक राजपूत, एक मुसहर और एक कहार जाति के लोग हैं

मंत्री बनने वालों में विजय कुमार सिन्हा और विजय चौधरी भूमिहार जाति से हैं। सम्राट चौधरी कुशवाहा जाति से हैं। वहीं यादव बिरादरी से विजेंद्र यादव जबकि कुर्मी जाति से श्रवण कुमार मंत्री बने है। संतोष सुमन मुसहर जाति से हैं, वहीं प्रेम कुमार कहार जाति से आते हैं। नीतीश कुमार खुद भी कुर्मी जाति से आते हैं।

बिहार में नए राजनीतिक समीकरण के बाद भाजपा ने सम्राट चौधरी को राज्य में भाजपा विधायक दल का नेता और विजय कुमार सिन्हा को उपनेता चुना। सम्राट चौधरी भाजपा के बिहार प्रदेश अध्यक्ष हैं।

सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा को उप मुख्यमंत्री बनाए जाने पर उन्हें बधाई देने की तांता लगी हुई है। वहीं महागठबंधन में गठबंधन टूटने पर शोक व्याप्त है और उसके नेता कुछ भी बोलने से अभी बचने का प्रयास कर रहे हैं।
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