नीतीश कुमार भ्रामक एवं निराधार बातें करते हैंः भीम सिंह भाजपा विरोधी दलों को मुद्दाविहिन बना दियः भीम सिंह

त्रिलोकी नाथ प्रसाद । बिहार सरकार के पूर्व मंत्री एवं भाजपा नेता भीम सिंह ने भाजपा प्रदेश कार्यालय के अटल सभागार में प्रेस कान्फ्रेंस कर पत्रकारों को बताया कि श्री नरेन्द्र भाई मोदी जी के नेतृत्व में भाजपा की चल रही केन्द्रीय सरकार के सेवा सुशासन विकास तथा गरीब कल्याण के कार्यों ने भाजपा विरोधी दलों को मुद्दा विहिन बना दिया है । मुद्दों के अभाव में वे हल्की-फुल्की निराधार तथा भ्रामक बातें करते रहते हैं । ऐसे गलतबयानी करने वालों में नीतीश कुमार भी शामिल हो गये हैं ।
हाल के दिनों में नीतीश कुमार तथा तेजस्वी यादव ने अनेक बार केन्द्र सरकार तथा भाजपा पर संविधान बदलने का आरोप लगाया है और आरोप इस भाव से लगाया है मानो गुपचुप तरीके से संविधान बदलने का प्रयास किया जा रहा हो, जबकि गुपचुप तरीके से नहीं बदला जा सकता क्योंकि संविधान संशोधन की प्रक्रिया निर्धारित है ।
इसलिए यह आरोप शतप्रतिशत निराधार तथा भ्रामक है । ऐसा बयान जनता को दिग्भ्रमित करने के उद्धेश्य से जानबूझकर दिया जा रहा है । हालांकि जनता ऐसे आरोपों की नोटिश नहीं लेनी तथापि यह आवश्य है कि इस संदर्भ में वस्तुस्थिति स्पष्ट कर दी जाए ।
वस्तुस्थिति यह है कि संविधान लागू होने के बाद तक 74 वर्षों में कुल 105 बार संविधान में संशोधन किए गये हैं ।
श्री नरेन्द्र भाई मोदी जी की सरकार ने 9 साल पूरे कर लिए हैं । अगर मोदी जी की सरकार 13 बार भी संविधान संशोधन करती तो उपरोक्त औसत के बराबर ही होती, ज्यादा नहीं । पर मोदी जी द्वारा कितनी बार संशोधन किए गये, मात्र 7 बार । स्पष्ट है कि संविधान बदलने का आरोप जनता को दिग्भ्रमित करने के उद्धेश्य से दिया जा रहा है, जो अत्यन्त निन्दनीय है । हम इसकी सख्त निंदा करते हैं और गलतफहमी के लिए जनता से माफी मांगने की मांग करते हैं ।
यहॉं यह भी जान लेना प्रासंगिक होगा कि श्री मोदी जी ने अत्यन्त आवश्यक होने पर ही संविधान में संशोधन किया है । इन संशोधनों की आवश्यकता इस बात से भी प्रमाणित होती है कि लगभग तमाम दलों ने संसद में इन संशोधनों का समर्थन किया था । मोदी जी द्वारा किए गये संशोधनों की विवरणी इस प्रकार हैः-
99वॉंः- न्यायिक नियुक्ति आयोग के लिए प्रावधान
100वॉंः- बांगलादेश से समझौता के अनुसरण में
101वॉंः- ळैज् के लिए
102वॉंः- राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा ।
103वॉंः- म्ॅै के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण
104वॉंः- लोकसभा/विधानसभा में एससी/एसटी के लिए आरक्षण का अवधि विस्तार
105वॉंः- पिछड़े वर्गों की सूची बनाने के लिए राज्यों को अधिकार
क्या नीतीश कुमार यह बतलाने का कष्ट करेंगे कि उपरोक्त संशोधनों में से किसे अनावश्यक मानते हैं जिसके कारण वे संविधान संशोधन से दुखी हैं ?
इस संवाददाता सम्मेलन में मुख्य रूप से प्रदेश उपाध्यक्ष सिद्धार्थ शम्भू, प्रदेश प्रवक्ता संतोष पाठक, प्रदेश मीडिया प्रभारी अशोक भट्ट उपस्थित थे ।