अपराधताजा खबरप्रमुख खबरेंब्रेकिंग न्यूज़राज्य

किशनगंज : बिहार के सीतामढ़ी, पूर्णिया, किशनगंज समेत 1 दर्जन जिलों में बाढ़ का कहर

किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, बिहार के कई जिलों में लगातार हो रही बारिश से नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। राज्य के सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, खगड़िया, चंपारण, मधुबनी, पूर्णिया, किशनगंज, अररिया समेत 11 जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है। दरभंगा में बाढ़ के पानी से अतिहार गांव में उप स्वास्थ्य केंद्र ढह गया। हालांकि, इस घटना में किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। मधुबनी के हरलाखी प्रखंड में भारत नेपाल सीमा पर बहने वाली जमुनी नदी उफान पर है। जिससे भारतीय सीमा क्षेत्र के पिपरौन, फुलहर, दिघीया सहित कई गाँव के बाघर में पानी घुस गया है साथ ही सैकड़ो एकड़ में लगाई गई धान की फसलें डूब गई है। वहीं बिशनपुर पंचायत में भी धौस नदी का जलस्तर बढ़ने से पकड़ी गांव में ग्रामीण सड़क नदी में समा गई वहीं कई घर कटाव की चपेट में आ गए हैं। बिहार में कोसी और गंडक नदी, कोल, कमला, कनकई, महानंदा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। इसके चलते अलग अलग जिलों के कई गांवों में पानी भर गया है।नदियों के उफान से डरे लोग बाढ़ की आशंका को लेकर उंचे स्थानों पर जा रहे हैं।बिहार के मोतिहारी में भी बाढ़ का कहर जारी है। सुगौली में सैलाब का संकट गहराता जा रहा है। नदी में कटान की वजह से किनारे बने घर पानी में बह गए हैं। बिहार के मधुबनी में भारी बारिश की वजह से कमला बलान नदी उफान पर है। लोगों के घर बाढ़ की पानी से चौतरफा घिरे हुए हैं। गंडक, बागमती, कमला और महानंदा नदी का जलस्तर भी तेजी से बढ़ रहा है। कमला और बागमती नदी जो खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं। वहीं, गंडक नदी के जलस्तर के बढ़ने से पश्चिमी चंपारण, गोपालगंज और सारण में स्थिति बिगड़ती जा रही है। खिरोई, बागमती, कमला, लालबकेया और अधवारा समूह की नदियां भी खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं। मोतिहारी से सटे बंजरिया का इलाका टापू में तब्दील हो गया है। यहां हर साल बाढ़ से ऐसी ही स्थिति बन जाती है। यहां लोगों का बाढ़ से हर साल सबकुछ तबाह हो जाता है। वहीं, इस बार आई इस बाढ़ ने कई तटबंधों को भी अपना निशाना बना लिया है। कई घर जलमग्न हो चुके हैं व दर्जनों रास्ते इस बाढ़ के कारण ध्वस्त हो चुके हैं कई गॉवो का संपर्क अब भी जिला मुख्यालय से कटा हुआ है।वहीं दुधौरा के बाद तिलावे व बंगरी नदी पर बने बांध के टूटने के बाद यहां तबाही और बढ़ गई है। पानी तेजी से नए नए क्षेत्रो में प्रवेश कर रहा है जिससे तबाही ओर बढ़ रही है। वहीं स्थिति की भयावहता को देखते हुए जिला प्रसाशन ने एसडीआरएफ की टीम को लगाया गया है जो यहां रेस्क्यू में जुटी है।जिले के टेढ़ागाछ, दिघलबैंक, बहादुरगंज प्रखंड में बहने वाली कनकई, रतुआ, कोल, सहित अन्य नदिया उफान पर है। टेढ़ागाछ के कई गांव में नदी का पानी प्रवेश कर चुका है जिससे लोग ऊंचे स्थानों पर शरण लेने को मजबुर है वहीं कटाव की वजह से दर्जनों घर नदी में समा गए हैं। बीबीगंज पंचायत सरकार भवन व वार्ड नंबर 5 और वार्ड नंबर 6 के निचले इलाकों के घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है। ग्रामीण बढ़ते जलस्तर को देख भयभीत है।वहीं पूर्णिया जिले के अमौर, रोटा सहित अन्य इलाकों में कनकई, परमान एवं अन्य नदियों का जलस्तर बढ़ने से निचले इलाकों में पानी घुस गया है साथ ही भीषण कटाव की मार यहां के ग्रामीण झेलने को मजबुर है।अमौर के ताराबाड़ी, तालबाड़ी पंचायत सहित अन्य गांव में भारी कटाव हो रहा है। ग्रामीण अपना आशियाना खुद तोड़ने पर मजबुर है।ग्रामीणों की मांग है कि कटाव निरोधी कार्य करवाए जाएं। ताकि जान माल की रक्षा हो सके।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button