इज्जत आबरू लुटने का प्रयास, बात नहीं मानने पर न्याय के बदले अनेको मुकदमा।

त्रिलोकी नाथ प्रसाद :-अल्पसंख्यक वर्ग के दो पीडित महिला ने की आत्मदाह का घोषणा, अलाधिकारियो को भेजा त्राहिमाम संदेश,
अलाधिकारियो से न्याय नहीं मिलने की स्थिति में 23 मार्च 2021 को करेंगे आत्म दाह।
घटनाओं की पुनरावृत्ति पर रोक लगाने हेतू उच्चस्तरीय जाँच तथा दोषी थानाध्यक्ष पर कार्रवाई आपेक्षित हैं।
अनिल कुमार मिश्र ,संवाददाता, केवल सच पत्रिका
औरंगाबाद (बिहार) 11.02.2012
थानाध्यक्ष अम्बा एवं थाना के दलालों के कालीकरतुतो से तंग आ चुके अम्बा थाना के परता गाँव निवासी अल्पसंख्यक वर्ग के दो घरों के 02 द्वारा अलाधिकारियो से न्याय नहीं मिलने की स्थिति में 23 मार्च 2021 को आत्मदाह का घोषणा किया गया है।
थानाध्यक्ष एवं इनके चहते अम्बा थाना के दलाल मजूर आलम का तांड़व से पीड़ित परिवार त्रस्त है और दो जून की रोटी के लिए मुहताज दो घर के अनेको परिवार को औरंगाबाद न्यायालय जाने के लिए भाड़ा तक भी नहीं है।ऐसे हलात में गरीब लोग अपने इज्जत- आबरु को दरिद्रों के सामने कैसे बचाये ,यह एक जटिल समस्या बन चुका है
आखिर बेगुनाह लोगों पर बिना अपराध का अनेको मुकदमा अम्बा थाना से कैसे हो जाता है और केस को टुरु और फाँल करने के लिए बैठे लोग क्या कर रहे है। झुठे मुकदमें की आड़ में बेगुनाह को परेशान करने के लि आखिर जबाबदेह व जिम्मेदार हैं कौन है।थानाध्यक्ष अम्बा वीरेंद्र पासवान के पदस्थापना से आज तक अम्बा थाना दलालो एवं लुटेरों का आड़ा बन चुका है। थाना में अगर सीसीटीवी कैमरा चलू है तो उसके मूल्यांकन ही बता सकते हैं थानें में बिचौलियों का अड्डा किस तरह का है ।
थानाध्यक्ष अम्बा एवं दलालोँ की कालीकरतुतो एवं तांड़व से अम्बा थाना क्षेत्र में दो रोटियां के लिए मुहताज दो घरो के अनेक परिवार के साथ ही यह समस्या नहीं हैं इनके कालीकरतुतो एवं तांड़व से पत्रकार,समाज सेवी एवं इनके परिवार के लोग भी आत्म हत्या के लिए विवश वह बाध्य हैं फिर भी अपराधकर्मियों के संरक्षक थानाध्यक्ष तथा बिचौलियों/ थाना के दलालों के विरूद्ध अलाधिकारी मेहर तमाशबीन क्यों है और प्रर्याप्त साक्षय रहने के बाबजूद कार्रवाई क्यों नहीं हो रहा है ,यह अहम सवाल और अलाधिकारियो के समक्ष यक्ष प्रश्न हैं।