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माननीय उप मुख्यमंत्री-सह-कृषि मंत्री ने किया राज्यस्तरीय खरीफ कर्मशाला का उद्घाटन खरीफ फसलों की वैज्ञानिक खेती पर विशेष जोर जलवायु अनुकूल कृषि और जैविक खेती को मिलेगा बढ़ावा खरीफ मौसम की तैयारियों पर विस्तृत तकनीकी सत्रों का आयोजन

श्रीधर पांडे/माननीय उप मुख्यमंत्री-सह-कृषि मंत्री, बिहार श्री विजय कुमार सिन्हा द्वारा आज बामेती सभागार, पटना में राज्य स्तरीय खरीफ महाभियान-सह-कर्मशाला 2025 का उद्घाटन किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कृषि विभाग के सचिव श्री संजय कुमार अग्रवाल के द्वारा की गई।

माननीय उप मुख्यमंत्री ने अपने सम्बोधन में कहा कि सरल हिन्दी शब्दों का प्रयोग ज्यादा-से-ज्यादा करें। इस भाषा के प्रयोग से किसान पदाधिकारियों के साथ सहजता से जुड़ सकेंगे। उन्होंने कहा कि खरीफ और रबी के स्थान पर क्रमशः शारदीय एवं बसंतीय शब्द का प्रयोग किया जाये। उन्होंने कहा कि कार्यशाला का उद्देश्य शारदीय (खरीफ) मौसम के लिए राज्य भर में कृषि योजनाओं एवं तकनीकी कार्यक्रमों का सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों की आय में वृद्धि तथा जलवायु अनुकूल टिकाऊ कृषि व्यवस्था के लिए निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि शारदीय (खरीफ) महाभियान के अंतर्गत किसानों तक नई कृषि तकनीकों का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। इसके अंतर्गत बीज वितरण कार्यक्रम के माध्यम से उन्नत किस्मों के प्रमाणित बीज समय पर किसानों को उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जिससे फसलों के उत्पादन एवं उत्पादकता और बेहतर हो सके।

श्री सिन्हा ने मृदा नमूना संग्रहण एवं मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरण योजना की महत्ता पर बल देते हुए कहा कि इससे किसानों को उनके खेत की मिट्टी के अनुसार संतुलित उर्वरक उपयोग करने की सलाह दी जाती है, जिससे उत्पादन लागत घटती है और गुणवत्ता में सुधार होता है। उन्होंने शारदीय (खरीफ) मौसम में विभिन्न फसलों पर प्रत्यक्षण कार्यक्रम चलाकर किसानों को वैज्ञानिक पद्धति से खेती हेतु प्रोत्साहित करने की बात कही।

फार्मर रजिस्ट्री की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि सभी किसानों का डिजिटल पंजीकरण कर उन्हें विभिन्न सरकारी योजनाओं से जोड़ा जा रहा है। जैविक खेती प्रोत्साहन योजना के तहत जैविक उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षण, प्रमाणीकरण और विपणन की व्यवस्था की जा रही है। इसके अतिरिक्त जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम 2025-26 के माध्यम से सूखा एवं बाढ़ जैसी परिस्थितियों के प्रति सहनशील किस्मों और समेकित कृषि तकनीकों को बढ़ावा दिया जा रहा है।
उन्होंने कृषि यांत्रिकरण योजना की जानकारी देते हुए बताया कि आधुनिक कृषि यंत्रों की उपलब्धता एवं कस्टम हायरिंग केंद्रों की स्थापना के माध्यम से किसानों की उत्पादकता में वृद्धि हो रही है। शारदीय (खरीफ) महाभियान में उर्वरकों एवं अन्य आगतों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार अग्रिम कदम उठा रही है। महाभियान के अंतर्गत डिजिटल टूल्स के उपयोग से किसान समय पर सही जानकारी प्राप्त कर रहे हैं।

माननीय उप मुख्यमंत्री ने धान/संकर धान, मक्का, मोटे अनाज (मिलेट्स), दलहन एवं तेलहन की वैज्ञानिक खेती पर विशेष जोर देते हुए कहा कि इन फसलों की उन्नत खेती से किसानों की आमदनी में बढ़ोतरी होगी। उन्होंने शारदीय (खरीफ) मौसम में लगने वाली फसलों के कीट व रोग प्रबंधन के लिए समेकित तकनीकों को अपनाने की सलाह दी। शारदीय (खरीफ) फसलों एवं प्याज की वैज्ञानिक खेती एवं उनके विपणन पर भी विस्तृत जानकारी साझा की गई।
सचिव, कृषि विभाग, बिहार श्री संजय कुमार अग्रवाल ने अपने संबोधन में कहा कि शारदीय (खरीफ) मौसम में राज्य के कृषि तंत्र को मजबूत करने के लिए सभी संबंधित विभागों एवं जिलास्तरीय इकाइयों को समन्वयपूर्वक कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि तकनीकी जानकारी, उन्नत बीज, कृषि यंत्र, जैविक पद्धतियां और डिजिटल नवाचारों को अपनाकर बिहार कृषि क्षेत्र को आत्मनिर्भर एवं समृद्ध बनाया जा सकता है।

कार्यशाला में विभिन्न तकनीकी सत्रों के माध्यम से उपस्थित अधिकारियों, वैज्ञानिकों और कृषि कर्मियों को आगामी शारदीय (खरीफ) मौसम की योजनाओं की रूपरेखा से अवगत कराया गया।
शारदीय (खरीफ) महाभियान का मुख्य आकर्षण
माननीय मुख्यमंत्री, बिहार के कर कमलों से शारदीय (खरीफ) महाभियान, 2025 का शुभारम्भ- 19 मई, 2025
राज्यस्तरीय शारदीय (खरीफ) कर्मशाला, 2025 का आयोजन- 20 मई, 2025
जिला स्तरीय शारदीय (खरीफ) कर्मशाला, 2025 का आयोजन- 22 मई, 2025
प्रखंड स्तरीय प्रशिक्षण-सह-उपादान वितरण कार्यक्रम का आयोजन – 26 मई से 01 जून तक
सभी पंचायतों में किसान चैपाल कार्यक्रम का आयोजन – 02 जून से 21 जून तक
रथ पर एल.ई.डी. स्क्रीन लगाया जायेगा, जिसपर कृषि विषय से संबंधित फिल्म चलाये जायेंगे।
शारदीय (खरीफ) महाभियान में किसानों को बदलते मौसम के परिवेश में धान की सीधी बुआई, जीरो टिलेज से धान की खेती, दलहनी फसलों की वैज्ञानिक खेती, ड्रीप और स्प्रींकलर सिंचाई पद्धति की उपयोगिता आदि विषय की जानकारी दी जायेगी।
राज्य में जैविक खेती को विस्तार करने हेतु प्रोत्साहित किया जायेगा।
जिन क्षेत्रों/पंचायतों में फसल अवशेष के जलाने की घटनायें पूर्व में होती रही हैं, उन पंचायतों में शारदीय (खरीफ) महाभियान रथ में विशेषकर फसल अवशेष को नहीं जलाने के संबंध में राज्य सरकार द्वारा तैयार वृत्तचित्र को विशेष रूप से चलाया जायेगा।
प्रत्येक शारदीय (खरीफ) महाभियान रथ के चारांे तरफ फ्लैक्सी लगाकर कृषि से संबंधित विभिन्न कार्यक्रमों की जानकारी दी जायेगी।
प्रत्येक शारदीय (खरीफ) महाभियान रथ पर एक आॅडियो सिस्टम भी लगातार चलता रहेगा, जिसके माध्यम से कृषि संबंधित योजनाओं की जानकारी दी जायेगी।
रथ के माध्यम से प्रखंड स्तरीय कृषि कर्मशाला की जानकारी दी जायेगी तथा किसानों को कर्मशाला में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया जायेगा।

मखाना – ‘‘माँ का खाना’’
-विजय कुमार सिन्हा
पटना के एक स्थानीय होटल में आयोजित मखाना पर राष्ट्रीय संगोष्ठी में बिहार के उप मुख्यमंत्री-सह-कृषि मंत्री श्री विजय कुमार सिन्हा ने मखाना को “माँ का खाना” बताते हुए इसकी पोषणीय एवं आर्थिक महत्ता पर प्रकाश डाला। इस संगोष्ठी का आयोजन बिहार कृषि विज्ञान अकादमी (डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा, समस्तीपुर), कृषि अर्थशास्त्र अनुसंधान एसोसिएशन तथा आई॰एफ॰पी॰आर॰आई॰ के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। माननीय मंत्री ने बताया कि देश के कुल मखाना उत्पादन का 85 प्रतिशत तथा विश्व के कुल उत्पादन का 60 प्रतिशत हिस्सा बिहार से आता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा घोषित मखाना बोर्ड का सकारात्मक प्रभाव दिखने लगा है और लगभग 50 हजार मखाना उत्पादक किसानों को सीधे ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। मखाना-सिंघाड़ा, मखाना-पान, मखाना-मछली की चक्रीय खेती को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल देते हुए उन्होंने मांग की कि मखाना को न्यूनतम समर्थन मूल्य की बास्केट में शामिल किया जाए।

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