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थानों में जब्त गाड़ियों के संबंध में प्रमंडल आयुक्त ने की समीक्षा

त्रिलोकी नाथ प्रसाद –विभिन्न थानों में जब्त वाहनों के निस्तारण व बेहतर रखरखाव हेतु प्रमंडलीय आयुक्त श्री संजय कुमार अग्रवाल ने पुलिस महानिरीक्षक, पटना रेंज, राज्य परिवहन आयुक्त, पटना डीएम, एसएसपी, ट्रैफिक एसपी, एसडीओ, डीएसपी, थानाध्यक्ष आदि के साथ किया विचार विमर्श।

– शराब से संबंधित वाहनों का शीघ्र अधिग्रहण एवं नीलामी का दिया निर्देश।

– प्रथम चरण में पटना शहरी क्षेत्र के सभी थानों में वर्ष 2020 में जब्त वाहनों का सूची बनाने का प्रमंडलीय आयुक्त ने दिया निर्देश।

– सभी नगर पुलिस अधीक्षक को कम से कम 100 जब्त वाहनों की समीक्षा कर उनके नियमानुसार रिलीज करने की पहल का दिया लक्ष्य।

– बिहार सड़क सुरक्षा परिषद के पदाधिकारी जब्त वाहनों का डिटेल्स प्राप्त कर वाहन मालिक से बात कर वाहन नहीं ले जाने के कारणों का करेंगे सर्वे।

– परिवहन सचिव के निर्देश पर पटना शहरी क्षेत्र के थानों में जब्त वाहनों की स्थिति का कराया गया है सर्वे।

– परिवहन विभाग द्वारा सभी जिलों के डीएम एवं एसपी से थानों में जब्त गाड़ियों की मांगी गई है रिपोर्ट।

– रिपोर्ट उपलब्ध कराने के लिए सभी जिलों को परिवहन विभाग द्वारा भेजा गया है फाॅर्मेट
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अब थानों में जब्त गाड़ियों के संबंध में कार्रवाई शुरु की जाएगी। पहले जब्त गाड़ियों की सूची तैयार की जाएगी। इसके बाद थानावार लक्ष्य निर्धारित कर चरणवार वाहनों के निस्तारण की कार्रवाई की जाएगी। जब्त किये वाहनों को रिलीज करने के लिए प्रमंडलीय आयुक्त श्री संजय कुमार अग्रवाल ने सभी नगर पुलिस अधीक्षक को 100 जब्त वाहनों के केस का अध्ययन कर नियमानुसार रिलीज करवाने लक्ष्य दिया है। उन्होंने निर्देश दिया कि वर्ष 2020 में विभिन्न थानों में जब्त वाहनों की सूची बनाकर उनके सभी कागजातों की जांच एवं केस डायरी का अध्ययन कर नियमानुसार शीघ्र कार्रवाई करें।

विभिन्न थानों में जब्त वाहनों के निस्तारण हेतु प्रमंडलीय आयुक्त श्री संजय कुमार अग्रवाल ने बुधवार को प्रमंडलीय आयुक्त के कार्यालय सभागार में पुलिस महानिरीक्षक, पटना रेंज, श्री संजय कुमार, राज्य परिवहन आयुक्त, श्रीमती सीमा त्रिपाठी, पटना डीएम, श्री चंद्रशेखर सिंह, एसएसपी, उपेंद्र कुमार शर्मा, ट्रैफिक एसपी, डी अमरकेश, एसडीओ, डीएसपी और थानाध्यक्ष आदि के साथ विचार विमर्श किया। बैठक के प्रारंभ में राज्य परिवहन आयुक्त सीमा त्रिपाठी ने पीपीटी के जरिए पटना शहरी क्षेत्र के विभिन्न थानों में जब्त वाहनों की स्थिति को प्रस्तुत किया।

प्रमंडलीय आयुक्त श्री संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि विभिन्न थाना यथा- थाना परिसर, सड़क के किनारे एवं यत्र-तत्र जब्त कर रखे गये वाहनों की वजह से गाड़ियां जर्जर हो रही है, थानों की सुंदरता खराब हो रही है, कहीं-कहीं यातायात की समस्या भी उत्पन्न हो रही है एवं राष्ट्रीय संपति का भी नुकसान हो रहा है। ऐसे जब्त वाहनों को, जिसका उपयोग किया जा सके नियमानुसार रिलीज किया जाना आवश्यक है। ताकि ये गाड़ियां भविष्य में कचरा बन कर न रह जाए।

थानों में जब्त गाड़ियों को रिलीज करने में आने वाली बाधाओं तथा उसे कैसे रिलीज किया जा सकता है इस पर प्रमंडलीय आयुक्त ने बैठक में उपस्थित पुलिस पदाधिकारियों के सुझाव मांगे। पुलिस पदाधिकारियों द्वारा बताया गया कि वाहन जब्ती के अधिकतर मामलों में वाहन मालिक थाने में वाहन रिलीज करने के लिए दावा करने नहीं आते हैं। जबकि संगीन मामलों में जब्त वाहनों को तब तक नहीं छोड़ा जाता है, जब तक न्यायालय का आदेश नहीं मिलता।

प्रमंडलीय आयुक्त, पटना ने बताया कि विभिन्न थानों में सड़क दुर्घटना, चोरी, शराबबंदी, यातायात उल्लंघन, अवैध खनन, ओवरलोडिंग एवं अन्य अपराध के मामलों में काफी संख्या में जब्त वाहन रखे हुए हैं। बिहार सड़क सुरक्षा परिषद के पदाधिकारियों द्वारा थानों में जब्त वाहन के वाहन मालिक का डिटेल्स प्राप्त कर थानों से वाहन न ले जाने के कारणों का पता लगाएंगे। इसके लिए पटना शहरी क्षेत्र के थानों में जब्त वाहनों की स्थिति सैंपल सर्वे कराया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि सामान्य मामलों में जब्त वाहनों की जांच हेतु एमवीआई की भी रोस्टर ड्यूटी लगाई जाएगी।

शराब के अवैध परिवहन भंडारण एवं व्यापार के संबंध में जप्त गाड़ियों का शीघ्र अधिग्रहण एवं नीलामी करने का निर्देश दिया ताकि शराबबंदी को कड़ाई से लागू किया जा सके साथ ही थाने में जो जगह की कमी है उससे भी दूर की जा सके।

चोरी से बरामद मोटर गाड़ियों को उनके मालिकों को हस्तगत कराने की दिशा में प्रक्रिया में तेजी लाने का निर्देश दिया ताकि वाहन मालिक जिनकी गाड़ियां चोरी हो गई तथा पुलिस के द्वारा बरामद कर लिया गया है उसे वाहन मालिक को दिया जा सके।

प्रमंडलीय आयुक्त ने कहा कि जिन मामलों में माननीय न्यायालय से अनुमति की आवश्यकता होगी उनमें माननीय न्यायालय के समक्ष विशेष अनुरोध प्रस्तुत किया जाए जिससे माननीय न्यायालय द्वारा उस संबंध में अंतिम निर्णय लिया जा सके।

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