जलनिकासी के लिए तत्परता से कार्य कर रहे दिलीप सिंह।।..

अमित कुमार:-कहते हैं भाद्रपद का महीना हो और अतिवृष्टि न हो, ऐसा हो ही नहीं सकता। ऐसे भी इस वर्ष मानसून बहुत पहले ही आ चुका था और कभी तेज तो कभी हल्की बारिश का होना स्वभाविक था। यह तो रही प्रकृति की बात। लेकिन मैं बात प्रकृति के प्रभाव से आमजन के लिए व्यवस्था के अनुरूप कार्य को लेकर कर रहा हूं।
सर्वविदित हो कि बीते वर्ष बिहार विधान सभा का चुनाव संपन्न हुआ और अब पंचायत चुनाव होने को हैं और अगले वर्ष नगर निकाय के चुनाव होने तय हैं। ऐसे में चुनावी भाषणों और जुमले वादों से जनता प्रभावित होकर अपना बहुमूल्य वोट उन प्रतिनिधियों को देकर विजयी तो अवश्य बना देती है किन्तु पांच वर्षों के दरम्यान जनप्रतिनिधियों का जनता से सीधा संवाद हो पाना भी मुश्किल ही दिखता है। साथ ही विकास कार्य की बात की जाये तो उनके द्वारा किये गये कार्य की रफ्रतार कछुए की चाल की तरह ही दिखती मालूम पड़ती है।
गौरतलब हो कि राजधानी पटना के कई वार्डों की स्थिति ऐसी है कि अगर थोड़ी बारिश हो जाये तो सड़क से लेकर घर, मोहल्लों तक में पानी प्रवेश कर जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। कारण कुछ टेक्नीकल होते हैं तो उससे कही ज्यादा नगर निगम एवं वार्ड पार्षद द्वारा इस गंभीर समस्या को नजरअंदाज किया जाना कहा जा सकता है। अपितु सभी ऐसे वार्ड की बात मैं नहीं करूंगा। कुछेक वार्ड ऐसे भी हैं, जहां जनता की समस्याओं को सुना ही नहीं जाता बल्कि त्वरित गति से उसके निदान में भी वह जुट जाते हैं। जलजमाव की समस्याआें पर ग्राउंड रिपोर्टिंग के दरम्यान एक वार्ड
ऐसा दिखा, जहां पर वार्ड पार्षद पति जनता की समस्याओं को सुन भी रहे थे और नगर निगम की हाइटेक जलनिकासी के उपकरण लगे भारी वाहनों की मदद से सड़क पर लगे जलजमाव की निकासी भी करवा रहे थे। यह समस्या वार्ड नं–30 अंतर्गत रामकृष्ण नगर, बाईपास मंदिर के नीचे से लेकर आगे जहां तक जलजमाव की स्थिति बनी हुई थी, वहां तक जलनिकासी की व्यवस्था पार्षद पति दिलीप सिंह द्वारा नगर निगम की मदद से करायी गयी।
बताते चलें कि वार्ड-30 से वार्ड पार्षद कावेरी देवी हैं, जिनके पति दिलीप सिंह एक कर्मठ समाजसेवी है। पार्षद पति दिलीप कुमार सिंह सुबह होने के साथ ही जनता के बीच अपनी उपस्थिति को दिखाते हुए उनके समस्याआें को सुनकर उसके निदान करने के हरसंभव प्रयास में लगे दिख जाते हैं। वही कोरोना महामारी के शुरूआत में जो प्राणदायक समस्या बनी हुई थी, उसमें कोरोना वरीयर्स के रूप में इन्हाेंने कार्य करते हुए अपने वार्ड क्षेत्र में ‘दो गज दूरी और मास्क है जरूरी’ की बातों से जागरूकता लाने का प्रयास किया। साथ ही नगर निगम की मदद से क्षेत्र अंतर्गत प्रत्येक घरों को सेनेटाइज भी कराया गया था। बहरहाल, ऐसे जनप्रतिनिधि से ही नगर और समाज दोनो ही बेहतर बनता है और हम स्वच्छ और सुंदर भारत की कल्पना कर सकते हैं।