किशनगंज : छात्रोपस्थिति बढ़ाने को चलाएं अभियान: डा० सजल
पेयजल व शौचालय की कमी दूर करने के भी दिए निर्देश। एम.एच.ए.एन.डी. कॉलेज, ठाकुरगंज का हुआ औचक निरीक्षण। पूर्णियाँ विश्वविद्यालय के कुलपति को भेजी गई रिपोर्ट

किशनगंज, 08 सितंबर (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, पूर्णिया विश्वविद्यालय, पूर्णिया के शिक्षाविद कुलपति प्रो. डा. द्वारा चलाए जा रहे औचक निरीक्षण कार्यक्रम के तहत शुक्रवार को मारवाड़ी कॉलेज के कार्यवाहक प्रधानाचार्य डा. सजल प्रसाद एम.एच.ए.एन.डी. कॉलेज, ठाकुरगंज पहुचे और औचक निरीक्षण किया। जब वे पहुंचे तो महाविद्यालय में अपराह्न 12.45 बजे छात्र-छात्राओं की उपस्थिति भी बहुत कम थी। किंतु, प्रिंसिपल मो. अबरार एवं शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मी वहा उपस्थित थे। जुमा की नमाज के बाद अन्य शिक्षक भी पहुच गए। कॉलेज में उपस्थित छात्र-छात्राओं में रोज़ी बेगम, चांदनी कुमारी, रौनक परवीन, कृपा शंकर गणेश, आकाश कुमार पंडित, करीना कुमारी, मुकेश कुमार, किशन कुमार सिंह, राजशेखर राय आदि से जब पूछा गया तो उन्होंने बताया कि वे रजिस्ट्रेशन कराने आए हैं और कभी-कभी क्लास भी करते हैं। उन्हें 75% उपस्थिति की अनिवार्यता के बारे में बताया गया। प्रिंसिपल व शिक्षकों को छात्र-छात्राओं की उपस्थिति बढ़ाने के लिए अभियान चलाने के निर्देश दिए गए। डा. प्रसाद ने निरीक्षण के क्रम में उपस्थिति पंजी, समय सारणी व विश्वविद्यालय को प्रेषित अटेंडेंस रिपोर्ट भी चेक किया जिसके अनुसार 05 शिक्षक व 08 शिक्षकेतर कर्मी अनुपस्थित थे। उन्होंने पुरानी समय-सारणी को हटाकर अविलंब चार वर्षीय सीबीसीएस कोर्स के अनुरूप समय सारणी तैयार करके वर्ग संचालन करने का निर्देश दिया। सीबीसीएस कोर्स के तहत रजिस्ट्रेशन और विभाग/ विषयवार आंतरिक परीक्षा कैसे आयोजित करने हैं, इसके बारे में डा. प्रसाद ने सभी शिक्षकों को करीब एक घंटे तक विस्तार से जानकारी दी और विभाग/विषयवार नामांकित विद्यार्थियों का व्हाट्सएप्प ग्रुप बनाकर उनसे संपर्क करने का निर्देश दिया।प्रयोगशालाओं के निरीक्षण से पता चला कि उपकरण आदि तो पर्याप्त हैं, परन्तु छात्र-छात्राओं के नहीं आने से प्रयोगशालाएं नहीं खुलती हैं। कॉलेज परिसर साफ-सुथरा लगा किंतु, पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं थी। एक चापाकल लगा है, किंतु वह भी खराब था। छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग शौचालय भी नहीं बने थे। किशनगंज से आए डा. प्रसाद ने प्रिंसिपल को पेयजल की व्यवस्था व शौचालय निर्माण के लिए जनप्रतिनिधियों से संपर्क करने की सलाह दी। शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मियों ने डा. प्रसाद को कॉलेज द्वारा आंतरिक कोष से भुगतान नहीं किए जाने की शिकायत की और सरकारी अनुदान की राशि आने के बावजूद दो गुटों के परस्पर विरोध के कारण भुगतान नहीं होने की भी शिकायत की। इस पर डा. प्रसाद ने कुलपति को रिपोर्ट देने की बात कही।