किशनगंज : जिले में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को विकसित करने को ले सीएचओ की समीक्षा बैठक आयोजित।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत गैर संचारी रोग पर रहा विशेष जोर।
- आशा जीविका समूह के सदस्यों का हाइपरटेंशन, डायबिटीज व कैंसर मरीजों की करेंगी स्क्रीनिंग।
किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, जिले में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में नॉन कम्युनिकेबल डिजीज (गैर संचारी रोगों) पर नजर रखने के लिए जिले के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में कार्यरत एवं नव चयनित सभी सीएचओ जिला स्वास्थ्य समिति के प्रांगन में समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के नोडल अधिकारी एवं जिला योजना समन्वयक (डीपीसी) विश्वजीत कुमार ने बताया कि जिला स्तर पर हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के रूप में विकसित किए जाने वाले स्वास्थ्य उपकेंद्र एवं अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र पर पदस्थापित सीएचओ या स्टाफ नर्स, एएनएम और आशा कार्यकर्ता को वहां दी जाने वाली स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में समय–समय पर कार्य के सुदृढ़ीकरण के लिए समीक्षा बैठक आयोजित किया जाता है। उन्होंने बताया कि समीक्षा बैठक में गैर संचारी रोग, नवजात और शिशु स्वास्थ्य, ओरल या डेंटल हेल्थ, वेब पोर्टल से संबंधित, हेल्थ केयर, ईट राइट टूल किट, फैमिली प्लानिग लॉजिस्टिक सर्विसेज (एफपीएलएस), तम्बाकू से संबंधित, टीकाकरण , परिवार नियोजन, गैर संचारी रोग, शिशु-मातृ मृत्यु समीक्षा, मातृ- शिशु सुरक्षा, जननी बाल सुरक्षा योजना और एनिमिया मुक्त भारत को लेकर आवश्यक जानकारी एवं हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर से संबंधित योगाभ्यास के प्रगति के बारे में विस्तार से समीक्षा किया गया है। समीक्षा बैठक में मुख्य रूप से डीपीएम डॉ मुनाजीम, डीपीसी विश्वजीत कुमार एवं एनसीडी समन्वयक नवाज शरीफ, एवं अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे। जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ मुनाजीम ने समीक्षा के दौरान बताया की आशा अपने क्षेत्र के 30 की उम्र पार कर रहे स्त्री व पुरुषों का सी बैक फार्म व फैमिली फोल्डर फार्म भरेंगी। वेलनेस सेंटर पर कार्यरत एएनएम फार्म को एनसीडी एप्लीकेशन पर अपलोड करेंगी। बीमारी की पुष्टि होने पर पीड़ित को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर लाकर इलाज शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा की अब के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरके माध्यम से अब हम लोग हर घर तक पहुंच और लक्ष्य को आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। साथ ही इसके लिए मजबूत माइक्रो प्लान बनाने की जरूरत है ताकि जहां पर आप कब कार्यक्रम ऑर्गेनाइज करना चाह रहे। उसका माइक्रो प्लान करना आवश्यक है साथ ही कार्यक्रम का नियमित पोर्टल पर एंट्री किया जाना चाहिए। सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया की जिले में आशा कार्यकर्ता यूपीएचसी एपीएचसी एवं एचएससी के अंतर्गत कार्यक्षेत्र जिला में रहने वाले प्रत्येक परिवारों का फैमिली फोल्डर एवं परिवार के 30 वर्ष से अधिक आयु के सभी व्यक्तियों का सी बैक फॉर्म रुप से भरे रही है। एनपीसीडीएस (कैंसर, मधुमेह, हृदय रोग और स्ट्रोक की रोकथाम और नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम) के अंतर्गत पॉपुलेशन बेस्ड मास स्क्रीनिंग फॉर एनसीडी के तहत 30 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के जिले के सभी व्यक्तियों का एनसीडी स्क्रीनिंग निर्धारित किया गया है। कार्यक्रम के तहत कैंसर, मधुमेह, हृदयवाहिका रोग और लकवा आदि के मरीजों की लक्षणों व सामान्य जांच के आधार पर ऐसे मरीजों को चिह्नित करेंगी। गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को स्वास्थ्य केंद्रों पर पहुंचाकर इलाज में मदद करेंगी। ताकि नियत समय पर ऐसे मरीजों को अस्पताल में भर्ती कर इलाज हो सकेगा। उन्होंने बताया कि सामान्य भाषा में ऐसा रोग जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता है, गैर संचारी रोग कहलाता है। ऐसे गैर संचारी पांच रोगों की पहचान और रोकथाम के लिए आशा काम करेंगी। इन रोगों में मधुमेह, उच्च रक्तचाप, मुंह का कैंसर, स्तन कैंसर, बच्चेदानी के मुंह का कैंसर शामिल है। ये सभी रोग खान-पान तथा रहन सहन के स्तर पर निर्धारित होते हैं।