दिल्ली में भाजपा की जीत धर्मनिरपेक्ष-लोकतांत्रिक ताकतों के बीच फूट का परिणाम
कुणाल कुमार/पटना। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव रामनरेश पाण्डेय ने कहा कि दिल्ली विधान सभा चुनाव में भाजपा की जीत धर्मनिरपेक्ष-लोकतांत्रिक ताकतों के बीच फूट के कारण हुई है। परिणाम से हमें सबक लेने की जरूरत है। क्योंकि आगे आने वाले दिनों में बिहार विधानसभा का भी चुनाव होने वाला है। यह परिणाम स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि आरएसएस-भाजपा के विभाजनकारी एजेंडे का मुकाबला केवल एकजुट, वैचारिक और राजनीतिक मोर्चे के माध्यम से ही प्रभावी ढंग से किया जा सकता है। यह इंडिया ब्लॉक के घटकों, विशेष रूप से गठबंधन में सबसे बड़ी पार्टी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और अन्य प्रमुख क्षेत्रीय दलों के लिए एक चेतावनी है। आगे का रास्ता हमारे संविधान और जन-हितैषी नीतियों की रक्षा के लिए आवश्यक एकता को मजबूत करने के लिए ईमानदार, आत्म-आलोचनात्मक आत्मनिरीक्षण की आवश्यकता है। एकता वैचारिक और व्यावहारिक दोनों होनी चाहिए, क्योंकि यह भारत के लिए एक बेहतर, समावेशी भविष्य सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है।
चुनाव आयोग और सरकारी एजेंसियों की निष्पक्षता के बारे में लगातार चिंताएँ, जिन्हें अक्सर केन्द्र में सत्तारूढ़ पार्टी के पक्ष में देखा जाता है, को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। चुनावों के दौरान उठाई गई आशंकाएँ व्यापक चुनावी सुधारों के लिए एकजुट आवाज की माँग करती हैं। हमारे संविधान में निहित धर्मनिरपेक्षता, समाजवाद और सामाजिक न्याय के मूल्यों की रक्षा करते हुए निष्पक्ष, निष्पक्ष संस्थागत बुनियादी ढांचे की दिशा में काम करना महत्वपूर्ण है। इस परिणाम पर गहन मंथन की आवश्यकता है। हमें मिलकर इन चुनौतियों का समाधान करना चाहिए और भारत के लोकतांत्रिक आदर्शों की रक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता में एकजुट और दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ना चाहिए।