CM Yogi’s Birthday:महंत से सीएम की कुर्सी तक का सफर, किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं सीएम योगी की स्टोरी

उमेश कुमार कसेरा- :उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) का आज जन्म दिन है। राज्य में बीजेपी के सत्ता में आने के बाद योगी आदित्यनाथ को राज्य का सीएम बनाया गया। लेकिन एक मठ के पीठाधीश्वर से देश के सबसे ताकतवर सीएम बनने के सफर की कहानी किसी दक्षिण भारत की फिल्म की स्टोरी से कम नहीं है।
CM Yogi’s Birthday:उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) का आज 49 वां जन्मदिन है और राज्य की सियासत में योगी आदित्यनाथ की एक अलग पहचान बन चुकी है। भाजपा में आज उनका कद बढ़ चुका है और वह देश के सबसे ताकतवर प्रदेश उत्तर प्रदेश के सीएम के पद पर काबिज हैं। दिल्ली में सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के सीएम बनने की कहानी भी दिलचस्प है। क्योंकि राज्य में 2017 के चुनाव जीतने के बाद किसी को अंदेशा नहीं था कि सीएम योगी राज्य के नए सीएम बनने जा रहे हैं। जबकि इस पद के लिए कई दावेदार थे। लेकिन सीएम योगी के नाम ने सबको चौंका दिया।
उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में 5 जून 1972 को जन्मे अजय सिंह बिष्ट (Ajay Singh Bisht) यानि योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने गढ़वाल विश्वविद्यालय से गणित में अपना बीएससी किया। कहा जाता है कि योगी आदित्यनाथ को शुरूआत से ही राजनीति में लगाव था। वह अपने कॉलेज के दिनों में छात्र संघ का चुनाव भी लड़े। लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। लेकिन ये कौन जानता था कि एक छोटे से छात्रसंघ का चुनाव हारने वाला युवा नेता, भारत के सबसे बड़े प्रदेश उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनेगा।
कहा जाता है कि इसके बाद वह गोरक्षपीठ के महंत अवैद्यनाथ के संपर्क में आए, जिन्होंने पहली नजर में योगी की क्षमता देखी और उन्हें अपना शिष्य बना लिया। असल में श्रीरामजन्मभूमि आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाने वाले श्री महंत अवैद्यनाथ भी उत्तराखंड मूल के थे। अजय सिंह बिष्ट (Ajay Singh Bisht) को सांसारिक दुनिया रास नहीं आ रही थी और उन्होंने गोरखपुर की तरफ रूख किया और अपने माता-पिता को बिना बताए वह गोरखपुर पहुंच गए और संन्यास ले लिया। इसके बाद उत्तराखंड के आम परिवार से ताल्लुक रखने वाले अजय सिंह बिष्ट (Ajay Singh Bisht) की योगी आदित्यनाथ बनने की कहानी शुरू हुई।
अवैद्यनाथ ने योगी आदित्यनाथ को गढ़ा
महंत अवैद्यनाथ का शिष्य बनने के बाद योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने धर्म से लेकर शास्त्र की शिक्षा ली। योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की कई परीक्षाएं लेने के बाद महंत अवैद्यनाथ ने उत्तराधिकारी के लिए योगी आदित्यनाथ को चुना और अपना उत्तराधिकारी बनाया और इस तरह योगी गोरखनाथ मठ के महंत बन गए। वहीं 1998 में महज 26 साल की उम्र में योगी आदित्यनाथ लोकसभा सीट से सबके कम उम्र के सांसद बने और सांसद के रूप में दिल्ली पहुंच गए।
इसके बाद वे 2017 तक लगातार पांच बार गोरखपुर से सांसद रहे। यही नहीं योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने अपने 19 साल के सियासी कैरियर में न केवल गोरखपुर बल्कि पूर्वांचल की कई अन्य सीटों पर भी अपना प्रभाव कायम किया और उन्होंने धर्म की रक्षा के लिए हिंदू युवा वाहिनी का गठन किया। हालांकि राज्य में सीएम बनने के बाद इस संगठन को हाशिए पर रखना पड़ा।
सीएम के दावेदार नहीं लेकिन बन गए सीएम
उत्तर प्रदेश में 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने राज्य की सियासत में बड़ी जीत दर्ज की। लेकिन उस वक्त उनके सीएम पद के लिए कई नामों पर चर्चा थी और इस लिस्ट में योगी आदित्यनाथ का नाम भी नहीं था। कहा जाता कि एक सीएम पद के प्रत्याशी ने मंदिर में बकरे की भी बली दे थी। लेकिन तमाम दावेदारों को दरकिनार कर योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) पर भाजपा आलाकमान ने विश्वास जताया और उन्हें राज्य का सीएम नियुक्त किया गया।
संत और संघ ने बनाया सीएम
असल में विधानसभा 2017 का चुनाव जीतने के बाद भाजपा को ऐसे चेहरे की तलाश थी जो उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था को नियंत्रण में कर सके और खांटी हिंदुत्व का चेहरा हो। वहीं 2016 में प्रयागराज में हुई संतों की बैठक में सीएम योगी को उत्तर प्रदेश का सीएम बनाने का संकल्प लिया गया था और संतों ने अपनी बात संघ को भी पहुंचा दी थी। जिसके बाद अंदरूनी तौर पर योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) को राज्य का सीएम बनाने की बात चली और जब राज्य की सत्ता में भाजपा आई तो योगी आदित्यनाथ को राज्य का सीएम घोषित किया गया।
सीएम बनने के बाद लिए कड़े फैसले
राज्य के सीएम बनने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने कई कड़े फैसले लिए। क्योंकि पूर्व की सरकार में राज्य में कानून व्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो गई थी। जिस पर सरकार को काम करना था। राज्य में सीएम योगी बनने के बाद अपराधियों में इतना खौफ पैदा हो गया था कि वह खुद थाने जाकर सरेंडर कर रहे थे। यही नहीं महिलाओं से होने वाली छेड़छाड़ को रोकने के लिए एंटी रोमियो स्क्वॉड बनाया।
वहीं राज्य के अपराधी जो दूसरे राज्यों से अपना नेटवर्क, खासतौर से मुख्तार अंसारी जैसे माफिया चला रहे थे। उन्हें प्रदेश में वापस लाया गया। फिलहाल राज्य में 2022 में चुनाव होने हैं और बीजेपी योगी को सीएम के तौर पर प्रोजेक्ट करने का मन बना चुकी है। क्योंकि योगी आदित्यनाथ सिर्फ यूपी में बल्कि देश की राजनीति में भी एक प्रमुख चेहरा बन चुके है।