दिघलबैंक : एआईएमआईएम नेत्री ने योजना में हो रही धांधली को लेकर दी आवेदन,पंचायत के विकास कार्यों की जांच की मांग की।
किशनगंज-दिघलबैंक/फरीद अहमद, जिले के दिघलबैंक प्रखंड अंतर्गत इकड़ा पंचायत में योजना में हो रही धांधली को लेकर एआईएमआईएम नेत्री पम्मी बेगम ने आवेदन देकर पंचायत के विकास कार्यों की जांच की मांग की है। एआईएमआईएम पार्टी से प्रखंड अध्यक्ष पम्मी बेगम ने इकड़ा पंचायत में हो रहे मनरेगा कार्य व प्रधानमंत्री आवास योजना सहित कई विकास कार्यों को लेकर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए जिला पदाधिकारी किशनगंज, प्रखंड विकास पदाधिकारी दिघलबैंक, जिला चेयरमैन अध्यक्ष जिला परिषद किशनगंज, पंचायती राज विभाग पटना को लिखित आवेदन देकर पंचायत के विकास कार्यों की जांच की मांग की है। पम्मी बेगम ने बताया कि दिघलबैंक प्रखंड के ग्राम पंचायत इकड़ा के सभी 15 वार्डो में वार्ड सदस्य एवं पंचायत सहायकों द्वारा विभिन्न योजनाओं में धांधली की जा रही है सबूत के तौर पर वार्ड नंबर 12 में प्रधानमंत्री आवास योजना का दुरुपयोग हुआ है जो कि लाभुक से वार्ड सदस्य द्वारा 12 हजार रुपया वसूला गया है और व्यक्ति को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिया गया है जिसके पास पहले से ही संपत्ति और घर है इस योजना का सरासर दुरुपयोग हो रहा है। जब ग्रामीण और पम्मी बेगम के द्वारा इस मामले की जांच की गई तो सभी लाभुक फ्रॉड और अमीर पाए गए। इस विषय में जब वार्ड सदस्य से बात की गई तो वार्ड सदस्य ने पम्मी बेगम से कहा कि हम प्रखंड विकास पदाधिकारी को अपने जेब में रखते हैं जहां जाना है जाओ जिला से लेकर पटना तक मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकते हैं। आगे पम्मी बेगम ने बताया कि इकड़ा पंचायत में वार्ड नंबर 12 का जांच हो और ऐसे प्रतिनिधियों का सदस्यता कानूनी प्रक्रिया के साथ रद्द की जाए और कई मामले ऐसे हैं जो जांच का विषय है। जैसे कि नल जल योजना के तहत जो प्लांट वार्ड सदस्य के घर पर लगाया गया है योजना का लाभ जो ग्रामीणों को मिलना है अपनी रंगदारी से पानी का सप्लाई नहीं होने देते है। 12 महीने पूर्व से पानी प्लांट का जो तनख्वाह आता है वह मुफ्त में हजम करते हैं। लोगों के कहने पर भद्दी भद्दी गाली देते हैं। मनरेगा के तहत कई योजनाओं का कार्य किया नहीं गया है और लाभुक द्वारा इन योजनाओं का रुपया निकासी हो गया है। मनरेगा योजना अंतर्गत पंचायत में किए गए कार्यों को लेकर पम्मी बेगम ने आरोप लगाते हुए कहा कि मनरेगा का कार्य जेसीबी से कराया जाता है और बाद में दो-चार मजदूर लगाकर लेवलिंग किया जाता है जो कि एक दिखावा है एवं उच्च स्तरीय जांच का विषय है।