बिहार बीजेपी के सोशल मीडिया एवं आईटी सेल के प्रदेश सहसंयोजक शुभम राज सिंह ने जदयू प्रवक्ता पलटवार करते हुए उन्होंने कहा कि
कहने को तो सुशासन शराबबंदी के लिए ना जाने कितने कानून संशोधन किए गए, फिर भी बिहार का बच्चा-बच्चा जानता है कि पहले तो शराब ठेका पर मिलता था अब शराब की होम डिलीवरी हो रही है, तो कहीं ना कहीं यह नीतीश सुशासन का नाकामी है। जिसको आप अपने बतोलाबाजी से दबाना चाहते हैं, अभिषेक जी अगर शराब बंदी लागू करने की होती तो कोई भी सरकार या कानून से ऊपर नहीं है, शराबबंदी तो होके ही रहती लेकिन इसमें कहीं ना कहीं आपके सुशासन बाबू, बिचौलियों और शराब माफियाओं के बीच एग्रीमेंट “अंडर द टेबल” हुई है!
जिसके कारण आज का युवा वर्ग और उसके परिवार इसके दुष्परिणाम से ग्रसित है। अपने वक्तव्य में यह बताएं कि 250 पुलिसकर्मी और एक्साइज डिपार्टमेंट के 10 कर्मचारियों को बर्खास्त किए परंतु इसका परिणाम क्या निकला। आज भी शराब बिक रहा है गली-गली में बिक रहा है घर-घर में बिक रहा है घर-घर तक पहुंच रहा है यह बतोलाबाजी करने का समय नहीं है करना है तो कुछ और करने कीजिए सुशासन बाबू को।
अभिषेक जी जहां तक हमारे संगठन की बात है तो हमारे अध्यक्ष जी और हमारे जितने भी माननीय हैं सभी इस कानून के संबंध में अपनी कार्यशाला में लोगों को शराब बंदी के लिए समाज को प्रेरित करते हैं और यहाँ तक कि उनके विकास और किसी भी कानून की जानकारी चाहे केंद्र सरकार की हो या बिहार सरकार की जनता के बीच रखते हैं, परंतु विडंबना है कि आपकी सुशासन ने शराबबंदी तो लागू कर दिया पर आपकी नियत शराबबंदी के संबंध में स्वच्छ नहीं रही है, स्वच्छ नियति से अगर किया गया कोई भी कार्य असफल नहीं होता है इसलिए अपने गिरेबान में झांकिए और दूसरों पर आरोप-प्रत्यारोप करना बंद कीजिए!!
