न्यायालय।..

पटना डेस्क:-न्यायालय में कोई काम होने पर, मुंशी, बाबू, से लेकर
जज तक को, पैसे देने के लिए, वकीलों द्वारा कहा
जाता हैं, यह लोग भी उस वकील का काम अच्छे से
करते हैं, जो अच्छी व नियमित, रिश्वत दिलवाता हैं।
इस बात को सभी जज, प्रतिदिन देखते हैं। आज तक
के इतिहास में कभी भी, किसी भी न्यायालय में स्टिंग
ऑपरेशन नहीं हुआ और न्यायालय में कैमरा ले
जाकर, शूट करना गोपनीयता का हनन हैं। क्या मस्त
व्यवस्था बनाई हैं ?? कुछ बोला तो संविधान ख़तरे में
और देशद्रोह तैयार हैं। ऊपर लिखी बातों को, इस देश
का एक भी व्यक्ति यह कह दे, कि ऐसा नहीं होता हैं,
तो ही वर्तमान व्यवस्था को लागू रहने दिया
जाए, अन्यथा व्यवस्था परिवर्तन के लिए तैयार रहें।
अपनी आँखों के सामने अन्याय होते देखना
भी, अन्याय करने के ही समान हैं। याद रखें असत्य
कितना भी बड़ा क्यों न हो जाए, विजय हमेशा सत्य की ही होगी।