ठाकुरगंज : कथित तौर पर जमीनी विवाद में बदरा की हुई हत्या..
किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह/फरीद अहमद, जिले के ठाकुरगंज प्रखंड के मालिन गांव पंचायत अंतर्गत वार्ड नंबर 07 में चौंकाने वाली घटना घाटी है। सूत्र द्वारा फोन कर संवादाता को जानकारी दी गई कि यहां पर एक अजीबो गरीब घटना घटी है सूचना प्राप्त होते ही संवादाता जब मौके पर पहुंचे तो वहां सैकड़ों की तादाद में भीड़ इकट्ठा थी और बारिश के कारण चारों तरफ कीचड़ ही कीचड़ बिछे हुए थे। किसी तरह से घटना की जानकारी प्राप्त करने के लिए जब संवादाता ने सैकड़ों की भीड़ में गए तो पता चला कि जमीनी विवाद के कारण दो पक्षों में मारपीट हुई और एक व्यक्ति को कथित तौर पर मार दिया गया है, अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए संवादाता ने जब एक घर के आंगन में रोते बिलखते महिलाओं को देखा तो वहां पहुंचकर पूछताछ की जिसमें पता चला कि एक व्यक्ति को जमीनी विवाद के कारण दूसरे पक्ष द्वारा कथित तौर पर हत्या कर दी गई है शव को बरामदे में रखकर रोती बिलखती औरतें और मृतक के बेटियां बेटे चारों तरफ इधर से उधर भागते और रोते हुए नजर आए मानो की जैसे उनका संसार उजड़ गया। लेकिन हैरान करने वाली बात तो यह भी सामने आई कि पंचायत के सरपंच सहित कई और लोग इस मामले को समझौता कराने में लगे हुए थे। संवाददाता को विश्वसनीय सूत्रों से पता चला है कि लेनदेन कर मामले में समझौता कराया जा रहा है। संवाददाता ने मृतक बदरा मालिन गांव निवासी के पुत्र अंजार आलम से मामले के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि दूसरे पक्ष के कई लोगों द्वारा मारपीट कर मेरे पिता को मार दिया है। मामले के बारे में और ज्यादा जानकारी प्राप्त करने के लिए जब संवाददाता ने दूसरे पक्ष को भी खोजा तो वहां पर दूसरे पक्ष के कोई जिम्मेदार लोग नजर नहीं आए। वहीं इस मामले को लेकर मृतक बदरा का बेटा अंजार आलम ने बताया कि मामले की जानकारी स्थानीय थाना को दे दी गई है, इसलिए संवाददाता ने मामले को लेकर आवेदन के बारे में जब स्थानीय थाना पौआखाली को दूरभाष से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो संपर्क नहीं हो पाया। मामले में चौंकाने वाली बात यह है कि जब मामला दो पक्षों में जमीनी विवाद को लेकर मारपीट के बाद कथित तौर पर हत्या का है तो फिर पंचायत कर समझौता कैसे सरपंच सहित अन्य लोगों द्वारा करा दिया गया। इस बारे में सरपंच से भी पूछने पर उन्होंने भी कहा कि दोनों पक्षों में समझौता हो गया है। आखिर कथित तौर पर हत्या के बाद भी समझौता, यह समाज के लिए घातक है कि जमीनी विवाद उसके बाद मारपीट उसके बाद मौत और फिर पंचायत कर लेनदेन के बाद समझौता कहीं ना कहीं समाज के लिए बुरा संदेश है। अब पता ही नहीं चलेगा कि आखिर मृतक व्यक्ति की मौत की वजह क्या रही ? और इसके लिए जिम्मेदार कौन रहा ?