रत्न संजय कटियार शराब माफियाओं पर कर रहे हैं कड़ा प्रहार…

जी हा चौंकिए मत एसएसपी के द्वारा रेड छापा सुने थे मगर बिहार मेँ एसएसपी आवास पर और थाने पर रेड हुए जो विश्व मेँ मिशाल कायम किया।श्री संजय सफल कुशल कारवाई के लिए मसहूर हैं।बिहार मेँ हुए कई कड़ा और बड़ा कारवाई से विश्व मेँ मिशाल कायम किया।नीतीश सरकार का महत्वपूर्ण अभियान शराब बंदी अभियान को सफलता तक पहुचाने के ख्याल से काफी सोच समझ कर स्पेशल निगरानी यूनिट के आई जी के पद के साथ श्री संजय को स्पेशल मध निषेध आई जी का पद सृजन कर शराब बंदी अभियान को सफल कराने का कमान सौपा गया।
मुजफ्फरपुर बिहार सरकार के लिए शराबबंदी अभियान बहुत बड़ा चुनौती हैं।माफिया का करोबार रक्त बीज के समान होता प्रतीत हो रहा हैं।माफियाओं का गढ़ माने जाने वाला मुजफ्फरपुर का मोतीपुर मेँ थाने को घेर कर तीन दिनो तक शराब जब्ती मामले मेँ व्यापक हेरा फेरी रत्न संजय की टीम ने पकड़ा, मामला प्रकाश मेँ आते ही थानाध्यक्ष कुमार अमिताभ गायब हो गए और उन पर थाने मेँ शराब खरीद बिक्री का आरोप आते उनके डेरा से शराब मिलने पर उन्ही के थाने मेँ जहा वो पदस्थापित थे वही उन पर प्राथमिकी दर्ज हुए।रेड मेँ साथ मेँ मुजफ्फरपुर एसएसपी मनोज कुमार, आईजी पूर्व मुजफ्फरपुर श्री सुनील कुमार समेत भारी संख्या मेँ अधिकारी और मजिस्ट्रेट अन्य पदाधिकारी कारवाई मेँ शमिल थे। शराब माफिया मुखिया पूर्व जिला पार्षद माफियाओ के आका जगरन्नाथ राय के पुरानी बजार गाँव मेँ उसके ठिकाने पर जब रेड किया तो वहा इटली का पिस्टन गोली पासबुक कई मोबाइल और शराब बरामद हुए।वहा से जगरन्नाथ राय का चेला सूरज शाह और प्रमुख को गिरफ्तार किया गया।जगरन्नाथ राय के चेला का मोबाईल जप्त होने से कई राज खुल गए हैं।मोबाईल मेँ कई रहस्य का उजागर हुआ हैं। जगरन्नाथ राय भी कुर्की जब्ती देखकर न्यायलय मेँ हाजिर हो गया।जहा से उसको जेल भेजा गया। जगरन्नाथ राय शराब के कारोबारी का आका हैं जिसके गिरोह का बेताज बादशाह भोला राय, देवनंद राय के कई ठिकाने से शराब का कई खेप पकड़ा गया।भोला राय पर पॉस्को एक्ट का भी प्राथमिकी दर्ज हैं।मगर ये दोनो माफिया पुलिस गिरफ्त से बाहर हैं।जगरन्नाथ राय और भोला राय का करोबार बिहार, हरियाणा झारखंड, बंगाल, उत्तरप्रदेश, कोलकता तक हैं।दर्जनो से अधिक प्राथमिकी के बावजूद इन माफियाओं पर कारवाई शून्य हैं।श्री संजय द्वारा इन माफियाओं को सजा दिलाने की दिशा मेँ बड़ा कारगर कदम उठाए जाने की खबर हैं।श्री संजय ने लगातर एक सप्ताह तक मुजफ्फरपुर के पूर्व एसएसपी विवेक कुमार के आवास पर रेड किया था।जिसमे शराब माफिया का बड़ा खेल उजागर हुआ और थाना बेचने खरीदने का मामला खुल गया।श्री विवेक को निलम्बित किया गया।कार्बाइन तक मिला और हरप्रीत कौर को एसएसपी का कमान दिया गया मगर हरप्रीत कौर राजनीति का शिकार हो गयी उनका तबादला समस्तीपुर किया गया और तेज तर्रार एसएसपी श्री मनोज कुमार को मुजफ्फरपुर का कमान दिया गया तब से लगातर मुजफ्फरपुर मेँ शराब बरामदगी का अभियान चल रहा हैं।अब स्वान दस्ता की टीम जिसमे तेज तर्रार ट्रेनिग दिए गए स्वान से शराब का फैक्ट्री कई थानाक्षेत्र मेँ श्री मनोज कुमार ने रत्न संजय के दिशा निर्देश पर खुद पकड़ा हैं।श्री संजय को उस वक्त शराब बंदी का कमान सौपा गया जब बिहार के डीजीपी श्री पीoकेo ठाकुर थे और उस समय शराब बंदी मजाक बनता जा रहा था।मगर श्री ठाकुर का बनाए गया तगड़ा चक्रव्यू के कारण शराब माफिया पर तेजी से कारवाई होता पाया गया,बिहार मेँ शराब बंदी कर नीतीश सरकार ने अनोखा मिशाल और रिकॉर्ड बनाया हैं विश्व मेँ प्रथम राज्य बिहार साबित हुआ जहा पर सफल और सबसे बड़ा मानव श्रुंखला बनाए गए।जिसमे शराब बंदी को भरपूर समर्थन मिला।रत्न संजय शराब बंदी को सफल कराने मेँ काफी तत्पर हैं।श्री संजय कई आवश्यक और कारगर रणनीति तैयार कर रहे हैं।ध्यान रहे ये वही रत्न हैं जो कई जिले मेँ पुलिस कप्तान होते हुए बड़े बड़े माफिया दलाल, गुंडा को कानून का हनक दिखाए, माफिया पनाह मँगता दिखा, मुजफ्फरपुर, सीवान, बगहा के पुलिस कप्तान होते समय कई सराहनीय कारवाई किए जो इतिहास रच गया। मुजफ्फरपुर से ही सीबीआई मेँ गए पुनः वापसी के बाद मगध का डीआईजी बनाए गए फिर आईजी स्पेशल निगरानी यूनिट और आईजी मध निषेध बनाए गए।शराब बंदी को सफल कराने मेँ आईजी पूर्व आईजी वर्तमान में पटना श्री सुनील काफी कारगर कदम उठाए हैं।मोतीपुर थाने पर रेड मेँ व्यापक गगड़बड़ी का खुलासा होते श्री सुनील ने पूरा थाना का पुलिस बदल दिया थानाध्यक्ष कुमार अमिताभ का शराब बंदी से खिलवाड़ किए जाने का खेल उजागर हुआ तब यहा अनिल कुमार को इस संवेदनशील थाना मोतीपुर का कमान सौपा गया।हाल मेँ श्री अनिल कुमार ने बरजिं गाँव, फूलार गाँव, चकचूहर गाँव औऱ महना गाँव से बड़ा बड़ा शराब का खेप पकड़ा हैं।पुलिस मुख्यालय एडीजीपी श्री कुंदन कृष्ण शराबबंदी अभियान को सफल बनाने मेँ काफी सक्रिय हैं। बिहार के डीजीपी पद पर तैनात श्री गुप्तेश्वर पाण्डे काफी गंभीर होकर शराबबंदी को सफल बनाने मेँ बड़ा कारगर अभियान चलाए हैं।कई जिलो मेँ कैम्प किए और कई योजना तैयार किए है। शराबबंदी अभियान सामजिक दृष्टिकोण से कल्याणकारी अभियान हैं।शराबबंदी होने से बिहार मेँ कई अपराध कम गए हैं।कई घरो मेँ अमन चैन आया हैं।ध्यान हो की शराबबंदी से होली पर्व काफी शांति से कई वर्ष हुए हैं जो होली खून की होली साबित होता था।जानकारी प्राप्त हुए हैं की शराब माफिया के कई ठिकाने पर से विदेशी हथियार गोली बरामद हुए हैं, विशेषज्ञो का कहना हैं की शराब माफिया और गुंडा मेँ विशेष अंतर नही हैं इसलिए तमाम शराब माफिया को गुंडा एक्ट के श्रेणी मेँ लाया जाय।शराब माफिया का जाल दूर दूर तक फैला हैं।शराब माफिया का संरक्षक कई सफेद पोस नेता, दलाल, कई भ्रष्ट पत्रकार, भ्रष्ट पुलिस वाले हैं।पूर्व मेँ थानो के इलाको के माफिया मन्थली देते थे अब ट्रक पर सौदा जारी हैं।इसमे कई चौकीदार की भूमिका संदिग्ध हैं।कई थानो के मुंशी और थानाध्यक्ष उच्यधिकारी को गुमराह कर इस कल्याणकारी अभियान को कामधेनु गाय बना लिए हैं।होम डिलेवरी ग्राहक को शराब माफिया के गिरोह द्वारा किया जा रहा हैं।श्री रत्न संजय कमर कस लिए हैं वो शराब माफिया पड़ लगाम लगाने मेँ सफल दिख रहे हैं।मगर माफिया के कारनामा तरकीब बदल बदल कर जारी हैं।शराब को स्थानीय स्तर पर भी माफिया निर्माण कर रहे हैं और हरियाणा, बंगाल, झारखंड, उत्तरप्रदेश, नेपाल उड़ीसा से सेटिंग कर ट्रक से अन्य समान के साथ मँगाकर मालोंमाल हो रहे हैं।फर्श से अर्श पर माफिया पलक झपके पहुंच जा रहे हैं। आश्चर्य हैं की तमाम थाने को सीमाव्रती इलाको मेँ जाँच का निर्देश हैं,क्या कारण हैं की बड़ा बड़ा ट्रक बिहार के कोने कोने मेँ असानी से पहुंच रहा हैं,क्या सीमावर्ती इलाको के पुलिस शिथिल हैं या वो सेटिंग मेँ हैं जो सीमा के अंदर तक शराब का ट्रक आ रहा हैं।जो जांच का विषय है।सरकार रत्न संजय को शराब करोबार को जड़ से सफाया के लिए और और कारोबारी का कर्मकुंडली खंगाल कर कड़ा और बड़ा कारवाई के लिए कमान दिया हैं। काफी हद तक श्री संजय कामयाब भी दिख रहे हैं।