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किशनगंज : सदर अस्पताल की लेबर रूम इंचार्ज शिप्रा भट्टाचार्य फ्लोरेंस नाईटेंगल पुरस्कार से हुई सम्मानित

पिछले 15 वर्षो से निरंतर दे रही है सेवा।

सदर अस्पताल में लक्ष्य प्रमाणीकरण में अहम भूमिका: सिविल सर्जन

किशनगंज,13 मई (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, नर्सिंग को विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य सेवा के रूप में देखा जाता है। रोगियों को शारीरिक एवं मानसिक रूप से राहत पहुंचाने में नर्सों का योगदान हमेशा से ही महत्वपूर्ण समझा गया है। विश्व नर्सिंग दिवस के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं में नर्सों के योगदान को याद करने, रोगियों के कल्याण के लिए नर्सों को बेहतर प्रशिक्षण प्रदान करने के साथ उनकी मेहनत और समर्पण की सराहना करने के लिए है। जन सेवा के लिए समर्पित नर्सों को उनके बहुमूल्य योगदान की सराहना करने को विश्व भर में 12 मई को अंतर्राष्ट्रीय नर्सेज दिवस “अवर नर्सेज, अवर फ्यूचर” की थीम पर मनाया गया है। आधुनिक नर्सिंग की जनक फ्लोरेंस नाईटेंगल की याद में विश्व भर में इस दिवस को प्रत्येक साल मनाया जाता है। नर्सिंग स्वास्थ्य सेवा की सबसे बड़ी इकाई है तथा नर्सेज स्वास्थ्य विभाग के लक्ष्यों की प्राप्ति की एक अहम् कड़ी हैं। इसी कड़ी में सदर अस्पताल की लेबर रूम इंचार्ज जीएनएम शिप्रा भट्टाचार्य को 12 मई को पटना स्थित ऊर्जा ऑडिटोरियम में राजकीय सम्मान समारोह में उपमुख्यमंत्री सह स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव के हाथो फ्लोरेंस नाईटेंगल पुरुष्कार दिया गया है, जो की जिले के लिए गर्व का विषय है। सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ उर्मिला कुमारी ने शनिवार को बताया कि जीएनएम शिप्रा भट्टाचार्य का कार्य उत्कृष्ट एवं सराहनीय है। रोगियों को मानसिक रूप से अधिक सहयोग की जरूरत होती है। नर्सों का फर्ज होता है कि वह मरीज से प्यार और संवेदना से पेश आये तथा मरीज की पीड़ा को समझते हुए जरूरी सलाह व चिकित्सा प्रदान करें जो कि इनमें पूरी तरह से मौजूद है। वह बताती हैं कि मरीज को सही एवं शीघ्र उपचार दिलाने के लिए डाक्टर व नर्स के बीच बेहतर संवाद की बेहद जरूरत होती है। इसलिए वह रोगियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा दिलाने के लिए डाक्टर के साथ संवाद पर बल देती हैं। लेबर रूम इंचार्ज जीएनएम शिप्रा भट्टाचार्य बताती हैं कि जब वह 2008 में इस जिला में कार्य करने के लिए आई थी तो उनका एक ही मकसद था कि असाधारण व्यावसायिकता के लिए सभी प्रसूता के दर्दो को समझू एवं अपनी निरंतर प्रशिक्षण का उपयोग कर बेहतर सेवा दूँ। 2019 से सदर अस्पताल में लेबर रूम इंचार्ज के रूप में कार्यरत शिप्रा का हमेशा प्रयास रहता है कि सुरक्षित प्रसव करवा कर जच्चा बच्चा दोनों हंसते हुए अपने घर लौटें। आज इसी का परिणाम है कि मेरे सभी वरीय चिकित्सा पदाधिकारी ने मुझपर विश्वास किया और मुझे इस अवार्ड के लायक समझा। इसके लिए मै सिविल सर्जन, जिला स्वास्थ्य समिति के सभी पदाधिकारी एवं जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी, सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ उर्मिला कुमारी साथ ही सदर अस्पताल परिवार के सभी कर्मियों को धन्यवाद देती हूँ।सिविल सर्जन ने बताया कि संस्थागत प्रसव यानि विश्वस्त चिकित्सा संस्थानों में प्रशिक्षित व सक्षम स्वास्थ्य कर्मियों के पर्यवेक्षण में एक बच्चे को जन्म देना। जहां प्रसव से जुड़ी तमाम जटिलताओं से निपटने व माता व शिशु के जीवन को बचाने के लिये बेहतर सुविधाएं उपलब्ध हों। संस्थागत प्रसव मातृ-शिशु मृत्यु दर के मामलों में कमी लाने का महत्वपूर्ण जरिया है। जिले के प्रमुख चिकित्सा संस्थानों में कोरोना काल में भी प्रसव सेवाएं निर्बाध रूप से जारी रही। बीते वर्ष 22 के अंत तक कुल 5982 सदर अस्पताल में सुरक्षित प्रसव संभव हो सका। उन्होंने कहा कि लक्ष्य प्रमाणीकरण हासिल होने के बाद प्रसव संबंधी सेवाओं के लिये सदर अस्पताल के प्रति लोगों का भरोसा बढ़ा है। इसमें वरीय चिकित्सा पदाधिकारी के साथ लेबर रूम इंचार्ज जीएनएम शिप्रा भट्टाचार्य की भी अहम भूमिका है। आज उनको फ्लोरेंस नाईटेंगल अवार्ड से नवाजा गया है जो कि पूरे जिले के लिए गर्व की बात है। साथ ही अन्य कर्मियों को भी इनसे सीख लेकर इसी तरह कार्य करना चाहिए। मै उनको शुभकामना देता हूँ कि यह अवार्ड उनके कार्य को ओर गति प्रदान करेगा।

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