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किशनगंज : सदर अस्पताल में कार्यक्रम की सफलता के लिए बैठक आयोजित, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य के लिए उपलब्ध सुविधाओं की ली जानकारी

अस्पताल में मरीजों को मिलने वाली सुविधाएं, एडमिन, ओटी, लेबर रूम इत्यादि में और क्या बेहतर हो सकता है, इसे लेकर सदर अस्पताल के कर्मियों को जानकारी दी गयी

किशनगंज, 29 दिसंबर (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा स्वास्थ्य विभाग के तीन स्तर पर प्रमाणीकरण के लिए लक्ष्य का निर्धारण किया गया है। जिसमें पहले चरण में कायाकल्प, दूसरे चरण में लक्ष्य एवं तीसरे चरण में राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड (एनक्वास) प्रमाणीकरण योजना की शुरुआत की गई है। राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक कार्यक्रम के तहत महिलाओं और शिशुओं के लिए अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी के लिए सदर अस्पताल उपाधीक्षक डा. अनवर हुसैन की अध्यक्षता बैठक का आयोजन  किया गया। इस दौरान एनक्वास प्रमाणीकरण के लिए अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं का अवलोकन करते हुए उसमें सुधार के लिए अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिया गया। इस दौरान जिला सलाहकार एवं गुणवत्ता यकीन पदाधिकारी (डीसीक्यूए) डा. विद्या, स्वास्थ्य प्रबंधक जुल्ले अशरफ, सहित अन्य स्वास्थ्य अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक में डा. अनवर हुसैन ने बताया कि एनक्वास के पैमाने पर खरा उतरने के लिए सदर अस्पताल में किस तरह की तैयारी करनी है उसकी अस्पतालकर्मियों को महत्वपूर्ण जानकारी दी जा चुकी है। उन्होंने बताया कि अस्पताल में मरीजों को मिलने वाली सुविधाएं, एडमिन, ओटी, लेबर रूम इत्यादि में और क्या बेहतर हो सकता है, इसे लेकर सदर अस्पताल के कर्मियों को जानकारी दी गयी। सदर अस्पताल में बहुत सारी चीजें ठीक हैं। यहां मरीजों को बेहतर सुविधाएं मिल रही हैं। हालांकि इसके बावजूद सुधार की कुछ गुंजाइश है। सिविल सर्जन डा. कौशल किशोर ने बताया कि जिलाधिकारी तुषार सिंगला के दिशा-निर्देश में सदर अस्पताल की व्यवस्था में लगातार सुधार हो रहा है। लक्ष्य और कायाकल्प में तो पहले अस्पताल ने बेहतर प्रदर्शन किया ही है। अब एनक्वास के पैमाने पर खरा उतरना है। इसे लेकर तैयारी चल रही है। यहां पर मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं में काफी बढ़ोतरी हुई है। ओपीडी, ओटी, लेबर रूम इत्यादि पहले से ही बेहतर काम कर रहा है। इसका परिणाम भी सामने आ चुका है। जटिल से जटिल रोगों का यहां पर इलाज हो रहा है। जिले के मरीजों को बाहर नहीं जाना पड़ रहा और न ही निजी अस्पतालों का दरवाजा खटखटाना पड़ रहा है। सिजेरियन, एक्सरे, किडनी मरीजों के लिए डायलिसिस तक की सुविधा यहां पर है। इन सुविधाओं का लाभ आसपास के जिले के लोग भी उठा रहे हैं। पिछले सालों में लक्ष्य कार्यक्रम में बेहतर प्रदर्शन इसका प्रमाण है। मुझे उम्मीद है कि जल्द ही सदर अस्पताल एनक्वास के पैमाने पर भी खरा उतरेगा और यहां इलाज के लिए आने वाले मरीजों को  बेहतर सुविधा मिलेगी। सिविल सर्जन डा. कौशल किशोर ने बताया कि सदर अस्पताल को एनक्वास सर्टिफिकेशन मिल जाता है तो एक प्रमाणपत्र के साथ तय राशि भी मिलेगी। साथ ही अस्पताल के छह विभागों को आयुष्मान योजना के तहत प्रतिदिन प्रति  बेड 10-10 हजार रुपये तीन सालों तक दिया जाएगा। इससे यहां पर इलाज कराने आने वाले मरीजों को फायदा होगा। उन्हें गंभीर बीमारी के इलाज के लिए फिर किसी निजी अस्पताल का दरवाजा नहीं खटखटाना पड़ेगा। एनक्वास प्रमाणीकरण हेतु अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं की जांच के लिए बहुत जल्द राष्ट्रीय स्तर की टीम द्वारा निरीक्षण किया जाएगा। इसके लिए सदर अस्पताल के सभी कर्मियों को सभी कमियों को एन्क्वास के मापदंडों के आधार पर खड़ा उतारने को लेकर सभी आवश्यक सुविधाओं को अस्पताल में उपलब्ध रखने का आवश्यक निर्देश दिया गया। जिससे कि किसी प्रकार से कोई कमी नहीं रहे और सम्बंधित अस्पताल को एनक्वास प्रमाणीकरण मिल सके।

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