:-: नमक :-:
पटना डेस्क:-आम घरों में खाया जाने वाला सफ़ेद नमक ज़हर के समान होता हैं और इसे खाने से लाखों लोगों की मौतों का अनुमान लगाया जा चुका हैं। दांडी यात्रा या नमक आंदोलनो से पहले, भारत जैसे आयुर्वेदिक देश में काला या पहाड़ी नमक खाया जाता था क्योंकि आम भारतीय समुद्री नमक से परिचित भी नहीं थे और आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में सफ़ेद नमक चलन में नहीं हैं तो सरकार यह बताएं कि आयोडीन वाला नमक, दांडी यात्रा आदि जैसी कई लुभावनी बातें करके, आमजन को जो सफ़ेद नमक खाने की आदत लगवाई गई हैं तो अब इस सफ़ेद नमक से होने वाली मौतों के लिए उत्तरदायी कौन होगा ??? पहले हर सनातनी परंपरा या खानपान को अवैज्ञानिक प्रचारित किया और जब वहीं सनातनी जीवनशैली वैज्ञानिक प्रमाणित हो रही हैं तो इसे अवैज्ञानिक कहकर, अपनी राजनीति चमकाने वालों की, मूर्खता भी प्रमाणित की जाना चाहिए। विजय सत्य की ही होगी।