किशनगंज : राष्ट्रीय लोक अदालत के संदर्भ में जिले के सभी थानाध्यक्षों के साथ जिला एवं सत्र न्यायाधीश कि अध्यक्षता में बैठक आयोजित, दिए आवश्यक दिशा निर्देश
मनीष कुमार, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-सह-सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, किशनगंज ने थानाध्यक्षों से राष्ट्रीय लोक अदालत का प्रचार प्रसार थाना स्तर से करने का निर्देश दिया

किशनगंज, 12 अगस्त (के.स.)। धर्मेंद्र सिंह, व्यवहार न्यायालय परिसर मे 09 सितम्बर 2023 को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत के संदर्भ में जिला विधिक सेवा प्राधिकार, किशनगंज द्वारा तैयारी जोर-शोर से चल रही है। इसी कड़ी में शनिवार को जिला के सभी थानाध्यक्षों के साथ मदन किशोर कौशिक, जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, किशनगंज की अध्यक्षता में बैठक आहूत की गई। इस बैठक में मनीष कुमार, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-सह-सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, किशनगंज भी उपस्थित थे। बैठक में जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकार किशनगंज ने विभिन्न थाना में भेजे गए नोटिस के शत-प्रतिशत तामिला का निर्देश सभी थानाध्यक्षों को दिया। उन्होंने थानाध्यक्षों को निर्देश देते हुए कहा की राष्ट्रीय लोक अदालत को सफल बनाने हेतु पक्षकारों को नोटिस का तामिला ससमय किया जाना आवश्यक है। मनीष कुमार, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-सह-सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, किशनगंज ने थानाध्यक्षों से राष्ट्रीय लोक अदालत का प्रचार प्रसार थाना स्तर से करने का निर्देश दिया। उक्त बैठक में राष्ट्रीय लोक अदालत के अतिरिक्त उच्चतम न्यायालय द्वारा सिविल अपील सं०-9322/2022 में मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण के संबंध में पारित आदेश दिनांक –15.12.2022 के अनुपालन हेतु थानाध्यक्षों के साथ चर्चा परिचर्चा की गई।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश मदन किशोर कौशिक, ने परिचय कराते हुए पूरी प्रक्रिया में तय समय सीमा, पुलिस की जिम्मेदारी, गाड़ी ड्राईवर और गाड़ी मालिक की जवाबदेही पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा की इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर को 48 घंटे के भीतर दुर्घटना की सूचना प्रपत्र–I में भरकर ट्रिब्यूनल और इंश्योरेंस कंपनी को सौपना है। इन्वेस्टीगेशन ऑफिसर को सड़क दुर्घटना के पीड़ित के अधिकार और योजना की प्रवाह चार्ट (फ्लो चार्ट) की सूचना प्रपत्र-II में उल्लेखित करते हुए पीड़ित विधिक उतराधिकार को 10 दिनों के भीतर समर्पित करना है। इन्वेस्टीगेशन ऑफिसर को अंतरिम रिपोर्ट (इनट्रिम रिपोर्ट) 50 दिनों के भीतर ट्रिब्यूनल को समर्पित करना है। आपराधिक वाद का जांच इन्वेस्टीगेशन ऑफिसर को दुर्घटना के 60 दिनों के भीतर पूर्ण करना है तथा 90 दिनों के अन्दर पूरी दुर्घटना विवरण (डी०ए०आर०) ट्रिब्यूनल को सौंप देना है। उन्होंने कहा की इंश्योरेंस कम्पनी पीड़ित पक्ष को 30 दिनों के अन्दर एक राशि ऑफर करेगी जो यथोचित होगा और यदि पीड़ित पक्ष उस राशि को स्वीकार कर लेता है तो 30 दिनों के अन्दर कम्पनी को पेमेंट करना होगा। यदि पीड़ित पक्ष उक्त राशि से संतुष्ट नहीं है तो 90 दिनों के भीतर राशि को लेकर ट्रिब्यूनल आदेश पारित करेगी। यदि इंश्योरेंस कम्पनी समझौता करने के लिए तैयार नहीं है तो अधिकतम 120 दिनों के भीतर ट्रिब्यूनल को मामले पर आदेश पारित करना है। उपरोक्त विषय के साथ-साथ न्यायिक प्रक्रिया के अनुपालन से संबंधित अन्य विषयों यथा आरोप पत्र (चार्जशीट) समर्पित करने में होने वाले विलम्ब, एनडीपीएस अधिनियम के तहत प्रतिबंधित सामग्री के नमूने लेने में देरी एवं वाद दैनिकी (केस डायरी) देने में विलम्ब आदि का अनुपालन ससमय सुनिश्चित करने का निर्देश सभी पुलिस पदाधिकारियों को दिया गया।