राजनीति

विपक्षी दलों की बैठक सफल रही, 2024 में भाजपा की विदाई तय

त्रिलोकी नाथ प्रसाद:-18 जुलाई, 2023 पटना। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव रामनरेश पाण्डेय ने कहा कि विपक्षी एकता को लेकर बेंगलुरू में आयोजित बैठक सफल रही। बैठक में 26 दलों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। यह एकता केंद्र की जनविरोधी, पूंजीपरस्त और तानाशाही सरकार को सत्ता से उखाड़ फेंकने के लिए बनी है। विपक्ष देश के आम नागरिकों की आवाज और उनकी आकांक्षाओं का वाहक है। विपक्षी दलों की एकता लोकतंत्र और संविधान को बचाने के लिए बनी है। इस एकता से 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में केंद्र की सत्ता से भाजपा की बिदाई तय है।

भाकपा राज्य सचिव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद में बोले थे कि मैं अकेला सब पर भारी हूँ। इस दाबे की हवा निकल गई है। विपक्षी एकता से वे इतना डर गए हैं कि जिन दलों का कोई जनाधार नहीं है और वे खुद एक सीट भी नहीं जीत सकते, उनके दरवाजे पर खड़े हैं, केवल मनोवैज्ञानिक लड़ाई लड़ने के लिए 38 दलों को राजग में शामिल करने में जुट गये हैं।

भाकपा राज्य सचिव ने प्रधानमंत्री द्वारा आयोजित बैठक पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जिस भाजपा ने 2014 के बाद अपने किसी सहयोगी को लगाया तक नहीं और किसी मुद्दे पर बातचीत तक नहीं की उसे भी इतने बड़े स्तर पर अपने सहयोगी दलों के साथ बैठक करनी पड़ी। एक अकेला सब पर भारी कहने वाले प्रधानमंत्री को आज 38 पार्टियों की जरूरत पड़ गई है। इससे स्पष्ट हो गया कि अब एक अकेला सब पर भारी नहीं रहा। सत्ता जाने की घबराहट उनके चेहरे पर दिखने लगी है और बयान में भी उनकी परेशानी झलक रही है।

भाकपा राज्य सचिव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने नौ वर्षों के कार्यकाल में संविधान और लोकतंत्र को केवल रौंदने का कार्य किया है। संवैधानिक संस्थाओं को बर्बाद कर दिया है। केन्द्र सरकार फासीवादी रास्ते पर चलते हुए आमलोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों को कुचल रही है। महगांई आसमान छू रही है। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को कौड़ी के भाव में बेचा जा रहा है। ऐसी स्थिति में केंद्र की सत्ता से भाजपा को हटाना आज की जरूरत है। उन्होंने कहा कि 23 जून को पटना में आयोजित बैठक में 15 दलों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया था जबकि 17-18 जुलाई को बेंगलुरू में आयोजित बैठक में 26 दलों ने शिरकत की।

Related Articles

Back to top button