कुपोषण उन्मूलन महाभियान’’ के शुभारंभ डाॅ. कलाम कृषि।…

त्रिलोकी नाथ प्रसाद:-महाविद्यालय, किशनगंज से माननीय कृषि मंत्री, बिहार श्री कुमार सर्वजीत जी द्वारा किया गया। माननीय कृषि मंत्री द्वारा भारत रत्न डाॅ. अब्दुल कलाम को नमन करते हुए देश के लिए उनके योगदान को याद किया। माननीय कृषि मंत्री ने कहा कि वर्तमान परिदृष्य में कुपोषण
पूरे देश की समस्या है और बिहार राज्य में 30 प्रतिशत लोग इस समस्या से घिरे हुए हैं।बिहार राज्य में कुपोषण का एक महत्वपूर्ण कारक आम जनता में पोषण के प्रति पूरी जानकारी का नहीं होना भी है। लोगों को पोषण के महत्व को समझाते हुए कुपोषण दूर करने के उपायपर भी ध्यान देना जरुरी होगा। उन्होने कहा कि बिहार कृषि विश्वविद्यालय द्वारा राज्य के 22
जिलों में 28 गावों को अंगीकृत करके वहाँ कुपोषण उन्मूलन का कार्यक्रम चलाना एकसराहनीय कार्य है और उसके लिए मैं विश्ववि़द्यालय के कुलपति डाॅ डी. आर. सिंह को बधाई
और धन्यवाद देता हूँ। माननीय कृषि मंत्री ने खाद्य सुरक्षा के साथ पोषण सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने की
अपील की और कहा कि बिहार में पोषक तत्वों से भरपूर सभी प्रकार की फसलों को पैदाकरने के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं जिनका बेहतर और वैज्ञानिक उपयोग करना चाहिए। मोटे अनाज की खेती पर जोर देने और उसके माध्यम से पोषण सुरक्षा पर विशेष बल देने की बात माननीय कृषि मंत्री द्वारा की गयी। इस अवसर पर माननीय कृषि मंत्री ने बताया कि राज्य में कृषि शिक्षा प्राप्त कर चुके छात्र-छात्राओं के लिए सरकार द्वारा 9000 पद
विज्ञापित करने की कार्रवाई प्रारंभ की जा चुकी है और निकट समय में इन पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।
उन्होनं े कहा कि बिहार भारत मंे तीसरा सबसे अधिक आबादी वाला राज्य है। राज्य की
12 करोड ़ से अधिक आबादी का लगभग आधे हिस्से मे ं बच्च े है,ं और यह भारत के किसी भी
राज्य में बच्चों का उच्चतम अनुपात है।
इस अवसर पर क्षेत्रीय सांसद डाॅ. जावेद आजाद ने कृषि मंत्री का स्वागत करते हुए
कहा कि कुपोषण उन्मूलन अभियान का शुभारभ्ं ा किशनगंज से करने के लिए मैं आपका
हार्दिक स्वागत और आभार व्यक्त करता हूँ। उन्होनं े कहा कि कुपोषण एक विश्वव्यापी समस्या
है जिसे जागरुकता और खान-पान में सुधार करके आसानी से दूर किया जा सकता है।
उन्होनं े कहा कि बिहार के 70 प्रतिशत लोग जमीन से जुड़े हैं जिन्हंे कुपोषण के कारण की
जानकारी ही नहीं है। उन्हें जागरुक एवं प्रशिक्षित करके तथा मोटे अनाज के व्यंजन बनाने
का प्रशिक्षण दके र कुपोषण को काफी हद तक दूर किया जा सकता है।
इस अवसर पर अध्यक्षीय भाषण देते हुए बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के कुलपति
डाॅ. डी. आर. सिंह ने कहा कि माननीय मंत्री जी के द्वारा कुपोषण उन्मूलन महाअभियान का
शुभारभ्ं ा इस समस्या के निदान का प्रथम चरण है जिसे विश्वविद्यालय 28 गाँवांे के माध्यम से
शुरु कर रहा है। डाॅ. डी. आर. सिंह ने बताया कि बिहार के किसानों की औसत आयु 65-70
साल है जो इस बात की गवाही दे रहा है कि हमारी नई पीढ़ी खेती-किसानी के प्रति
उदासीन है। ऐसे में विश्वविद्यालय ने बच्चों के स्कूल को गोद लेकर नई पीढ़ी को खेती
विशेष रुप से व्यवसायिक खेती के प्रति जागरुक एवं प्रेरित करने का कार्य प्रारंभ किया गया
है। उन्होनें कहा कि पोषण की समस्या सिर्फ मनुष्यों में नहीं है बल्कि हमारे पशु भी इस
समस्या से ग्रसित हैं। बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर द्वारा मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा
देने के साथ-साथ पशुओं को सालों भर हरा चारा उपलब्ध कराने हेतु हाईड्रोपोनिक्स
तकनीकि से चारा उत्पादित करने पर जोर दिया। उन्होनें बताया कि ग्लोबल हंगर इन्डेक्स में
भारत वर्ष 121 देशों की सूची में 107 वें स्थान पर है जिस पर हमें गंभीर चिन्तन करके इससे
बाहर आने की कोशिश करनी है।
इस अवसर पर अपना विचार रखत े हुए बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, पटना के
कुलपति डाॅ. रामेश्वर सिंह ने कहा कि बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के द्वारा कुपोषण
उन्मूलन का यह अभियान राज्य मंे मील का पत्थर साबित होगा। उन्होनं े बताया कि मानव
आहार में प्रोटीन एक महत्वपूर्ण तत्व है जिसमें पशु जनित आहार उसका सबसे बड़ा स्त्रोत है।
डाॅ. सिंह न े कहा कि कुपोषण को दूर करन े के लिए मांस, मछली एवं अंडा उत्पादन की घरेलू
एवं कम लागत वाली तकनीकों का व्यवहार करके इस समस्या से छुटकारा मिल सकता है।
राज्यव्यापी कुपोषण उन्मूलन महाअभियान के शुभारंभ अवसर पर डाॅ. आलोक रजं न
घोष, निदेशक कृषि, बिहार, श्री अभिषेक कुमार, निदेशक उद्यान, बिहार ने अपना विचार व्यक्त
किया और कुपोषण को दूर करने सहित अन्य सरकारी योजनाओं की जानकारी देकर आम
लोगों को उसका लाभ लेने का आवाह्न किया। इस अवसर पर माननीय कृषि मंत्री जी द्वारा
किशनगंज महाविद्यालय में 04 उच्च तकनीकि प्रयोगशालाओं का उद्घाटन एवं लोर्कापण किया
साथ ही उच्च विद्यालय, रायपुर की छात्राओं को शि़क्षण किट का वितरण सहित डाॅ. कलाम
कृषि महाविद्यालय एवं कृषि विज्ञान केन्द्र, किशनगंज द्वारा अंगीकृत गाँवों की महिलाओं को
पोषण किट वितरण के अलावा विभिन्न प्रकार के कृषि साहित्य का विमोचन एवं लोर्कापण
किया गया।
अन्त में माननीय कृषि मंत्री ने अररिया, पूर्णियाँ, कटिहार एवं किशनगंज से आये
किसानों के साथ सजीव संवाद करके उनकी समस्याओं को सुना और तत्काल यथोचित
निराकरण किया। चाय की खेती से संबंधित किसानों एवं उद्यमियों से परिचर्चा के समय
माननीय कृषि मंत्री सहित विभागीय पदाधिकारियों एवं विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों एवं वरीय
पदाधिकारियों की उपस्थितिर प्रशंसनीय रही।
राज्यव्यापी कुपोषण उन्मूलन महाअभियान कार्यक्रम में स्वागत भाषण डाॅ. आर. केसोहाने,
निदेशक प्रसार शिक्षा, बिहार कृषि विश्वद्यालय, सबौर तथा धन्यवाद ज्ञापन डाॅ. विद्या
भूणष झा, प्राचार्य डाॅ. कलाम कृषि महाविद्यालय, किशनगंज द्वारा दिया गया।
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