किशनगंज : जमीयत-ए-उलेमा की टीम बाढ़ पीड़ितों के बीच आये फरिश्ता बन कर, बांटी राहत सामग्री।

जमीयत-ए-उलेमा सिर्फ बाढ़ पीड़ितों के बीच ही नहीं, कोरोना संक्रमण काल में भी कोरोना संक्रमण से मृतक का दाह संस्कार (कफन-दफन) कराया।
किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, पिछले कई दिनों से लगातार हो रही बारिश ने किशनगंज के कई प्रखंडों में भीषण बाढ़ ला दी है। यह वर्षा मजदूर व गरीब परिवार के सामने भुखमरी लाकर खड़ा कर दिया है। घर नदी में समा गया है, जो बचा है वह गिरने के कगार पर है। जिला प्रशासन चुनाव में व्यस्थ है, बाढ़ पीड़ितों का कोई सुनने वाला नहीं है। ऐसे में फरिश्ता बन कर पीड़ित परिवार को राहत सामग्री पहुंचाने जमीयत-ए-उलेमा उन पीड़ितों के पास पहुंचे। जमीयत-ए-उलेमा किशनगंज के सचिव मोहम्मद खालिद अनवर ने कहा कि उनके टीम के द्वारा बाढ़ पीड़ितों के बीच दो दिनों से राहत सामग्री वितरण कर रही है। दिघलबैंक के आठगाछी, गोरुमारा आदि पंचायत के अधिकतर गांव बाढ़ के चपेट में है। इन पंचायतों के 150 परिवारों के बीच राहत सामाग्री वितरण किया गया है। इसके अलावा बहादुरगंज के भी 200 बाढ़ पीड़ितों के बीच राहत सामग्री वितरण किया गया है। वहीं टेढ़ागाछ प्रखंड में भी 500 बाढ़ पीड़ित परिवार के बीच राहत सामग्री वितरण किया जा रहा है। जमीयत-ए-उलेमा सिर्फ बाढ़ पीड़ितों के बीच ही नहीं कोरोना संक्रमण काल में भी संक्रमित पीड़ितों के बीच फरिश्ता बन कर सामने आए। जमीयत-ए-उलेमा चाहे बाढ़ हो या कोरोना संक्रमण हो, हर आपदा में पीड़ितों के सहयोग के लिए खड़ा रहते है।
जिस वक्त अपने अपने से दूर भाग रहे थे उस वक्त जमीयत-ए-उलेमा ने कोरोना संक्रमण से मृतक का दाह संस्कार (कफन-दफन) कराया। जमीयत-ए-उलेमा ने जिला प्रशासन से अनुरोध किया है कि बाढ़ पीड़ितों के सहयोग के लिए आगे आए और जिनका घर नदी में समा गया है उन्हें घर बनाने में सहयोग करें एवं जिनका फसल बर्बाद हो गया है उन्हें क्षति-पूर्ति दिया जाए। राहत सामग्री वितरण में दिघलबैंक प्रखंड के अध्यक्ष मौलाना मसूद अख्तर साहिब कासमी, महासचिव मौलाना गफ्फार अहमद साहिब के अलावा मौलाना अखलाक साहिब, मौलाना सद्दाम हुसैन कासमी मौजूद थे।