औरंगाबाद : पब्लिक किसको करेगी वोट, बना सस्पेंस का विषय ?



इस बार रालोसपा प्रमुख काराकाट के अलावे उजियारपुर लोकसभा सीट से भी चुनाव लड़ रहे हैं।दोनों सीट से चुनाव लड़ने का मकसद क्या है ? यह तो रालोसपा प्रमुख ही बताएंगे ?
औरंगाबाद बिहार अब किसी की भी जनसभा हो या न हो ऐसे भी अब काराकाट लोकसभा क्षेत्र में आगामी 19 मई को अंतिम चरण की होने वाली वोटिंग के लिए क्षेत्र की जनता अंदरूनी मन बना चुकी है।क्षेत्र की जनता वोट किसको करेगी ? खुलकर अपना पता नहीं खोल रहे हैं। इसके अलावे जिस प्रकार के बोल निकल रहे हैं, वोटिंग के समय क्या निर्णय लेंगे ? कहना मुश्किल ही होगा ? आखिर पब्लिक निर्णय भी ले तो क्यों नहीं ? इस लोकसभा क्षेत्र में ऐसे तो 27 उम्मीदवार अवश्य है।लेकिन न तो कोई नेता किसी गांव के पब्लिक को पहचान रहे हैं, न हीं किसी गांव का पब्लिक अपने क्षेत्र के किसी नेता को।इस के अलावे इस बार पुनः महागठबंधन की ओर से रालोसपा प्रमुख ही काराकाट लोकसभा क्षेत्र से उम्मीदवार है।जो पिछली बार चुनाव जीतने के बाद से आज तक कभी क्षेत्र में नजर नहीं आए।इन्हीं के वजह से पूर्व विधानसभा चुनाव के पूर्व नबीनगर में भाजपा के केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को चुनावी जनसभा में जनता का बेज्जती सहना पड़ा था। इसके अलावे जब रालोसपा प्रमुख नबीनगर पावर जेनरेटिंग कंपनी लिमिटेड अंकोरहा में केंद्रीय विद्यालय का उद्घाटन करने आए थे तो क्षेत्रीय पब्लिक ने मुर्दाबाद के नारे लगाए थे।उस वक्त तक रालोसपा प्रमुख एनडीए का हिस्सा थे।यही हाल इस बार एनडीए की ओर से पुन बनाए गए जदयू प्रत्याशी महाबली सिंह का भी है।ज्ञात हो कि वर्तमान जदयू प्रत्याशी महाबली सिंह ने भी जब 2009 काराकाट लोकसभा क्षेत्र से चुनाव जीता था तो चुनाव जीतने के बाद से 10 साल बाद टिकट लेने के पहले तक कभी बारुण नबीनगर विधानसभा क्षेत्र में नजर नहीं आए।इसलिए इस बार काराकाट लोकसभा क्षेत्र के चुनाव में पब्लिक भी कह रही है कि आखिर वोट भी दे तो किसको और क्यों दे ? सभी प्रत्याशियों का तो वही हाल है ? ज्ञात हो कि हाल ही में काराकाट लोकसभा क्षेत्र के अंदर पड़ने वाली ओबरा प्रखंड अंतर्गत कारा बाजार में इस बार पुनः महागठबंधन की ओर से बनाए गए प्रत्याशी रालोसपा प्रमुख को स्थानीय लोगों ने काला झंडा दिखाया था।
रिपोर्ट-अजय पांडे