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प्रमंडलीय आयुक्त द्वारा लोक शिकायत के 21 मामलों की सुनवाई की गई एवं परिवादों का निवारण किया गया

त्रिलोकी नाथ प्रसाद/लोक शिकायत के मामलों का ससमय एवं गुणवत्तापूर्ण निवारण सुनिश्चित करने का आयुक्त ने दिया निदेश

लोक शिकायत निवारण के प्रति अरूचि, संवेदनहीनता प्रदर्शित करने एवं प्रतिवेदन उपलब्ध नहीं कराने के कारण एक लोक प्राधिकार से कारण-पृच्छा करते हुए परिवाद के निवारण होने तक उनका वेतन स्थगित किया गया

बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम का सफल क्रियान्वयन सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता; सभी पदाधिकारी इसके प्रति सजग, सक्रिय एवं संवेदनशील रहेंः आयुक्त

आयुक्त, पटना प्रमंडल, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह द्वारा आज अपने कार्यालय में बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 के तहत प्रथम अपील में शिकायतों की सुनवाई की गयी और उसका निवारण किया गया। लोक शिकायत निवारण के प्रति अरूचि एवं संवेदनहीनता प्रदर्शित करने के आरोप में एक लोक प्राधिकार के विरुद्ध कार्रवाई की गई।

आयुक्त द्वारा आज लोक शिकायत के कुल 21 मामलों की सुनवाई की गई एवं परिवादों का निवारण किया गया। योजनाओं के चयन में अनियमितता संबंधी शिकायत के समाधान में शिथिलता एवं लापरवाही बरतने के कारण लोक प्राधिकार जिला पंचायत राज पदाधिकारी, बक्सर से कारण-पृच्छा करते हुए परिवाद के निवारण होने तक उनका वेतन स्थगित किया गया।

अपीलार्थी श्री दिनेश तिवारी का परिवाद सिमरी प्रखंड के पड़री पंचायत में वर्ष 2022-23 में अवैध तरीके से ग्राम सभा एवं कार्यकारिणी की बैठक कर विभाग के प्रावधानों के विरूद्ध योजनाओं का चयन एवं अनियमिततापूर्वक क्रियान्वयन करने तथा दोषियों पर अभी तक कार्रवाई नहीं किए जाने से संबंधित है। आयुक्त ने सुनवाई में पाया कि इस मामले में लोक प्राधिकार जिला पंचायत राज पदाधिकारी, बक्सर द्वारा कोई ईमानदार एवं सार्थक प्रयास नहीं किया गया है। पिछले सुनवाई में उन्हें परिवाद पर जाँच करते हुए नियमानुसार कार्रवाई करने एवं जिला पदाधिकारी, बक्सर के माध्यम से प्रतिवेदन समर्पित करने का निदेश दिया गया था परन्तु उनके द्वारा इसका अनुपालन नहीं किया गया। उन्होंने आज प्रतिवेदन भी प्रस्तुत नहीं किया। विगत दो लगातार सुनवाई में भी उनका प्रतिवेदन अप्राप्त था। आयुक्त द्वारा इसके कारण लोक प्राधिकार जिला पंचायत राज पदाधिकारी, बक्सर से स्पष्टीकरण करते हुए उनका वेतन भुगतान प्रश्नगत मामले के निष्पादन होने तक स्थगित किया गया। साथ ही उन्हें परिवाद पर विधिवत कार्रवाई करते हुए अगली सुनवाई से पूर्व जिला पदाधिकारी, बक्सर के माध्यम से प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया।

आयुक्त ने कहा कि बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 का सफल क्रियान्वयन सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। जनता की शिकायतों का ससमय एवं गुणवत्तापूर्ण निवारण अत्यावश्यक है। सभी पदाधिकारी सजग रहें। लोक प्राधिकारों को संवेदनशीलता एवं तत्परता प्रदर्शित करनी होगी। कार्य के प्रति लापरवाही, लोक शिकायत निवारण के प्रति अरूचि एवं जनहित के मामलों में संवेदनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

 

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