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किशनगंज : ओवरलोड का तांडव: ठाकुरगंज–बहादुरगंज एनएच 327ई पर माफिया का बेखौफ खेल

किशनगंज,06जून(के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, जिले के ठाकुरगंज–बहादुरगंज मार्ग पर राष्ट्रीय राजमार्ग 327ई इन दिनों ओवरलोड वाहनों के तांडव का गवाह बनता जा रहा है। नियमों को ताक पर रखकर दौड़ते इन भारी वाहनों से न केवल सड़कें जर्जर हो रही हैं, बल्कि आम लोगों के जीवन को भी संकट में डाल दिया गया है।

पथ निर्माण विभाग और परिवहन विभाग की निष्क्रियता और मौन स्वीकृति के बीच एक संगठित एंट्री माफिया सक्रिय रूप से इस अवैध नेटवर्क को चला रहा है। सूत्रों के मुताबिक, इन माफियाओं के सहयोगी रणनीतिक स्थानों पर रेकी कर ओवरलोड वाहनों को निर्बाध पास कराने में लगे हैं।

एंट्री का खेल और कोडवर्ड की भाषा

ओवरलोड ट्रकों की आवाजाही में कोडवर्ड का एक नया ट्रेंड सामने आया है। पहले ‘डायमंड’, ‘काबा’, और ‘स्टीकर’ जैसे संकेतों का उपयोग किया जाता था, अब ‘मेजर’ और ‘बादशाह’ जैसे कोडवर्ड्स ने इस अवैध व्यवस्था को और मजबूत बना दिया है। ये कोड वाहन चालकों और माफिया के बीच संकेत बन चुके हैं, जिससे टोल टैक्स, चेकपोस्ट और अन्य नाकों पर इन्हें रोका न जाए।

माफिया की निगरानी और टोल टैक्स पर खेल

मंगलिहाट के पास स्थित टोल टैक्स इस काले खेल का एक प्रमुख केंद्र बना हुआ है। यहां स्थानीय सूत्रों के अनुसार माफिया के एजेंट तैनात रहते हैं जो ओवरलोड गाड़ियों की एंट्री में मदद करते हैं। NH पर लगे सीसीटीवी कैमरे भी इस गतिविधि के गवाह हैं, मगर कार्रवाई की कोई ठोस पहल अब तक नहीं हो सकी है।

जनता त्रस्त, विभाग मौन

स्थानीय लोगों का कहना है कि संबंधित विभाग केवल कागजी खानापूर्ति कर रहा है। कभी-कभार औपचारिक चेकिंग होती है, जिसका कोई प्रभाव नहीं दिखता। इस लापरवाही से माफिया के हौसले बुलंद हैं और सरकारी राजस्व की भी भारी क्षति हो रही है।

जनप्रतिनिधियों की नाराजगी भी बेअसर

पूर्व में जब इस विषय पर मीडिया रिपोर्ट सामने आई थी, तो कई जनप्रतिनिधियों ने इस पर नाराजगी जताई थी। बावजूद इसके, हालात जस के तस बने हुए हैं। कार्रवाई का अभाव यह साबित करता है कि या तो सिस्टम की नीयत में खोट है या एंट्री माफिया की पकड़ बहुत मजबूत।

स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि समय रहते इस ओवरलोडिंग के तांडव पर लगाम नहीं कसी गई, तो आने वाले समय में सड़कें पूरी तरह ध्वस्त होंगी और परिवहन व्यवस्था चरमरा जाएगी। साथ ही सरकार को करोड़ों के राजस्व का नुकसान भी झेलना पड़ेगा।अब वक्त है कि शासन-प्रशासन जागे और सख्ती से नियमों का पालन सुनिश्चित कर इस अवैध नेटवर्क पर रोक लगाए।

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