किशनगंज में मनाया गया अंतरराष्ट्रीय माहवारी स्वच्छता दिवस, लड़कियों को दी गई जागरूकता की सीख
मासिक धर्म कोई अपराध नहीं – स्वच्छता से ही स्वस्थ भविष्य संभव”

किशनगंज,28 मई(के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, मासिक धर्म को लेकर समाज में फैले अंधविश्वास और झिझक को तोड़ते हुए किशनगंज जिले में अंतरराष्ट्रीय माहवारी स्वच्छता दिवस के अवसर पर जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त तत्वावधान में व्यापक स्तर पर जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। ये कार्यक्रम जिलाधिकारी विशाल राज के निर्देशानुसार आयोजित किए गए, जिनका उद्देश्य किशोरियों और महिलाओं में मासिक धर्म स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाना था।
शिक्षण संस्थानों में विविध कार्यक्रम आयोजित
जिले के बालिका उच्च विद्यालय किशनगंज, म.वि. मोहरमारी, म.वि. गलगलिया, उ.म.वि. मिरधनडांगी, एवं उ.वि. समेश्वर में विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
पोस्टर प्रतियोगिता, रैली, और सेमिनार के माध्यम से लड़कियों को मासिक धर्म से जुड़ी सही जानकारी, स्वच्छता की आवश्यकता और इससे जुड़ी सामाजिक भ्रांतियों को दूर करने के लिए प्रेरित किया गया।
स्वच्छता से ही सुरक्षित भविष्य
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. देवेंद्र कुमार ने कहा, “दुनिया भर में महिलाओं और किशोरियों के स्वास्थ्य, कल्याण और सशक्तिकरण के लिए मासिक धर्म स्वच्छता बेहद जरूरी है। यह उन्हें अपनी पूरी क्षमता तक पहुँचने में मदद करता है और यह सार्वजनिक स्वास्थ्य, सम्मान और मानव अधिकारों से जुड़ा मूलभूत विषय है।”
उन्होंने बताया कि हर साल 28 मई को मनाया जाने वाला मासिक धर्म स्वच्छता दिवस इस विषय से जुड़ी चुप्पी तोड़ने और जागरूकता फैलाने का एक वैश्विक प्रयास है।
अंधविश्वास से निकलें, खुले में बात करें: डीसीएम सुमन कुमार सिन्हा
कार्यक्रम में डीसीएम सुमन कुमार सिन्हा ने भी लड़कियों को संबोधित करते हुए कहा, “मासिक धर्म एक सामान्य और प्राकृतिक प्रक्रिया है, इसके बारे में अंधविश्वास या झिझक की कोई आवश्यकता नहीं है।”
उन्होंने जोर देकर कहा कि इस विषय पर खुले में बात करना जरूरी है ताकि किशोरियां मासिक धर्म के दौरान आवश्यक स्वच्छता को अपनाएं और संक्रमण या अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से बच सकें।
जिले भर में हुआ आयोजन
स्वास्थ्य विभाग की ओर से जानकारी दी गई कि जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों एवं विद्यालयों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनका उद्देश्य हर लड़की और महिला तक यह संदेश पहुंचाना है कि मासिक धर्म कोई वर्जना नहीं, बल्कि देखभाल और सम्मान का विषय है।