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छत्तीसगढ़ के किशोरों ने कलारीपयट्टु में रचा इतिहास, खेले इंडिया यूथ गेम्स 2025 में जीता स्वर्ण

त्रिलोकी नाथ प्रसाद। आईआईएम स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में जारी खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 में छत्तीसगढ़ के अर्जुन कुमार चंद्रा और अनंत स्वर्णकार ने इतिहास रच दिया। इन दोनों ने लॉन्ग स्टाफ फाइट पेयर इवेंट में शानदार प्रदर्शन करते हुए छत्तीसगढ़ के लिए कलारीपयट्टु में पहला स्वर्ण पदक जीता।

उनकी इस जीत की अहमियत और भी बढ़ जाती है क्योंकि इस पारंपरिक भारतीय मार्शल आर्ट के जन्मस्थान केरल की टीम को इस बार कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। आमतौर पर इस खेल पर केरल का दबदबा रहता है, लेकिन अर्जुन और अनंत ने अपने संतुलन, लयबद्ध गति और अभिव्यक्ति के दम पर जजों को प्रभावित किया और दिल्ली तथा केरल को पीछे छोड़ते हुए स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया।

छत्तीसगढ़ ने इससे पहले खेलो इंडिया गेम्स के पिछले संस्करणों में कलारीपयट्टु में एक रजत और दो कांस्य पदक जीते थे, लेकिन यह पहली बार है जब राज्य ने स्वर्ण पदक हासिल किया है।

अर्जुन कुमार चंद्रा ने कहा, “हमने कड़ी मेहनत की थी और पदक की उम्मीद थी, लेकिन स्वर्ण मिलेगा, ये हमने सोचा नहीं था। सबसे बड़ी खुशी इस बात की है कि हमने खुद को साबित कर दिखाया।”

दोनों खिलाड़ी 16 वर्ष के हैं और वर्तमान में दसवीं कक्षा में पढ़ाई कर रहे हैं। उन्होंने अपनी जीत का श्रेय अपने कोच कमलेश देवांगन को दिया। अर्जुन ने कहा, “कोच सर ने हमारे लिए जो मेहनत की है, वह अमूल्य है। उन्होंने हमें हर बारीकी सिखाई, आज हम जहां हैं, उसमें उनका सबसे बड़ा योगदान है।”

अनंत स्वर्णकार ने भी अर्जुन की बात से सहमति जताते हुए कहा, “जब हमने तीन साल पहले यह खेल चुना था, तब हमारे परिवार इसके खिलाफ थे। उन्हें डर था कि यह खतरनाक खेल है और हमें चोट लग सकती है। लेकिन हमने ठान लिया था कि हम इसे करेंगे, और आज लगता है कि वो संघर्ष सार्थक रहा।”

कोच कमलेश देवांगन ने बताया कि यह सफलता अचानक नहीं मिली है, बल्कि इसके पीछे पांच साल की मेहनत है। वह कहते हैं, “हमने आठ प्रशिक्षण शिविर लगाए। हमने केरल से विशेषज्ञों को बुलाया, खुद भी वहां जाकर सीखा। छत्तीसगढ़ कलारीपयट्टु संघ ने यह सुनिश्चित किया कि हमें किसी भी संसाधन की कमी न हो।”

उन्होंने उम्मीद जताई कि यह जीत केवल शुरुआत है। वह कहते हैं, “रविवार की जीत ने पूरी टीम को प्रेरित किया है। मुझे लगता है कि आने वाले दिनों में हम तीन और पदक जीत सकते हैं।”

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