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किशनगंज : क्लबफूट से पीड़ित चार बच्चों को इलाज के लिए भेजा गया जेएलएनएमसीएच भागलपुर

पीड़ित बच्चों का होगा निःशुल्क इलाज - किशनगंज से भेजे गए बच्चों का विवरण: आहिल रज़ा, पिता- अकबर अलमा, उम्र: 3 महीने, प्रखंड दिघलबैंक। हामिद, पिता- मो. अशिक, उम्र: 5 साल, प्रखंड दिघलबैंक। मो. शाहिन, पिता- मो. अशिक, उम्र: 2 साल, प्रखंड दिघलबैंक और सिफत परवीन, पिता-साबिद अनवर, उम्र: 5 साल, प्रखंड कोचाधामन

किशनगंज, 15 जनवरी (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, स्वास्थ्य विभाग द्वारा समाज के अंतिम व्यक्ति तक चिकित्सा सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित करने के उद्देश्य से क्लबफूट जैसी जन्मजात विकृति से पीड़ित चार बच्चों को सदर अस्पताल से रूटीन जांच और इलाज के लिए जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (जेएलएनएमसीएच), भागलपुर भेजा गया। यह पहल राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत की गई, जो जरूरतमंद बच्चों को निःशुल्क स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए कार्यरत है।

गौर करे कि इन बच्चों को क्लबफूट जैसी विकृति के निःशुल्क इलाज के लिए विशेषज्ञ डाक्टरों की देखरेख में भेजा गया है। जेएलएनएमसीएच भागलपुर में इनकी रूटीन जांच और आवश्यक उपचार किया जाएगा, ताकि उनके पैर की विकृति को ठीक कर उनका शारीरिक विकास सामान्य किया जा सके। सिविल सर्जन, डा. राजेश कुमार ने बुधवार को बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत हम क्लबफूट जैसी विकृतियों से पीड़ित बच्चों का निःशुल्क इलाज सुनिश्चित कर रहे हैं। हमारा उद्देश्य है कि हर जरूरतमंद बच्चा इस योजना का लाभ उठाए और समाज में स्वस्थ जीवन जी सके। इन चार बच्चों को जेएलएनएमसीएच भागलपुर भेजा गया है, जहां उनकी नियमित जांच और विशेषज्ञों की देखरेख में इलाज होगा। मैं अभिभावकों से अपील करता हूं कि यदि उनके बच्चे को किसी भी प्रकार की शारीरिक विकृति हो, तो वे तुरंत स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र में संपर्क करें।

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम डीआईसी प्रबंधक सह जिला समन्वयक पंकज कुमार शर्मा ने कहा कि हमारी टीम नियमित रूप से इलाके का भ्रमण करती है और जरूरतमंद बच्चों को चिह्नित कर सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में लाने के लिए प्रेरित करती है। हमारा उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं हर जरूरतमंद तक पहुंचें। टीम में दो चिकित्सक, एक एएनएम और एक फार्मासिस्ट शामिल हैं, जो इलाज में हरसंभव सहयोग प्रदान करते हैं।

जिलाधिकारी विशाल राज ने भी इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि सरकार की यह योजना समाज के कमजोर वर्गों के लिए वरदान साबित हो रही है। मैं सभी अभिभावकों से अपील करता हूं कि वे अपने बच्चों को समय पर स्वास्थ्य जांच के लिए स्वास्थ्य केंद्र लाएं। स्वास्थ्य विभाग पूरी तत्परता के साथ सभी जरूरतमंदों की सेवा में कार्यरत है, और हर बच्चे के उज्ज्वल भविष्य को सुनिश्चित करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं।

सिविल सर्जन डा. राजेश कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की महत्वपूर्ण पहल स्वास्थ्य विभाग का यह प्रयास बच्चों के भविष्य को सुधारने में मील का पत्थर साबित हो रहा है। क्लबफूट जैसी गंभीर विकृति का निःशुल्क इलाज उन गरीब और जरूरतमंद परिवारों के लिए बड़ी राहत है, जो महंगे इलाज का खर्च नहीं उठा सकते। विशेषज्ञ डाक्टरों की देखरेख और समय पर उपचार से इन बच्चों का जीवन बेहतर होगा। इस पहल से यह स्पष्ट है कि सरकार और स्वास्थ्य विभाग बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर पूरी तरह संवेदनशील और जागरूक हैं। स्वास्थ्य विभाग का यह कदम न केवल मेडिकल क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि है, बल्कि समाज के हर वर्ग को यह संदेश देता है कि सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं सबके लिए सुलभ और सुविधाजनक हैं।

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