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किशनगंज : विश्व एड्स दिवस के अवसर पर सदर अस्पताल में जागरूकता कार्यशाला का हुआ आयोजन

जागरूकता और प्रयासों से एड्स के खिलाफ लड़ाई जारी जानकारी ही सुरक्षा है। आइए, एड्स के खिलाफ एकजुट होकर इस चुनौती का सामना करें

किशनगंज, 01 दिसंबर (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, विश्व एड्स दिवस के अवसर पर रविवार को सदर अस्पताल में जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें सीडीओ सह जिला एड्स नियंत्रण अधिकारी डा. मंजर आलम, सिविल सर्जन डा. राजेश कुमार, सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डा. अनवर हुसैन, एएनएम स्कूल के छात्र-छात्राएं, स्वास्थ्य कर्मी और अन्य अधिकारियों ने भाग लिया। कार्यक्रम का उद्देश्य एड्स के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाना और इसके प्रसार को रोकने के लिए जरूरी उपायों पर चर्चा करना था। सिविल सर्जन डा. राजेश कुमार ने बताया कि सीमावर्ती जिले किशनगंज में एचआईवी संक्रमण के नए मामलों का सिलसिला जारी है। जनवरी 2024 से अब तक जिले में 147 नए एचआईवी संक्रमित मरीजों की पुष्टि हुई है, जिनमें 96 पुरुष, 51 महिलाएं और 18 वर्ष से कम उम्र के 9 बच्चे शामिल हैं। जिले में कुल 2,500 से अधिक एचआईवी संक्रमित मरीज हैं, जिनमें से 380 मरीज सदर अस्पताल स्थित लिंक एआरटी सेंटर से दवा ले रहे हैं, जबकि बाकी मरीज अन्य केंद्रों से उपचार प्राप्त कर रहे हैं।सीडीओ डा. मंजर आलम ने कहा कि एचआईवी संक्रमण के बढ़ते मामले सीमावर्ती जिले के लिए गंभीर चिंता का विषय हैं। इनकी रोकथाम के लिए जागरूकता कार्यक्रम और स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाना आवश्यक है। सिविल सर्जन डा. राजेश कुमार ने एड्स को एक गंभीर और लाइलाज बीमारी बताते हुए कहा कि एचआईवी संक्रमण असुरक्षित यौन संबंध, संक्रमित सिरिंज या रक्त के प्रयोग और संक्रमित मां से नवजात में फैल सकता है। एचआईवी शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर कर देता है, जिससे शरीर अन्य गंभीर बीमारियों का शिकार हो जाता है। उन्होंने कहा कि एड्स की पहचान में 8 से 10 वर्ष तक का समय लग सकता है और इसकी पुष्टि केवल विशेष जांच से ही की जा सकती है। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम में इस वर्ष की थीम “वैश्विक एकजुटता, साझा जिम्मेदारी” पर चर्चा की गई। डा. राजेश कुमार ने कहा कि एचआईवी एड्स के खिलाफ लड़ाई में हर व्यक्ति की भूमिका महत्वपूर्ण है। जागरूकता अभियान के जरिए समाज में फैली भ्रांतियों को दूर किया जा सकता है। सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डा. अनवर हुसैन ने कहा, “युवाओं में यौन शिक्षा का अभाव एचआईवी संक्रमण का मुख्य कारण है। सुरक्षित यौन व्यवहार, डिस्पोजेबल सिरिंज का उपयोग और संक्रमित रक्त के उपयोग से बचाव बेहद जरूरी है।” कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि बिहार राज्य एड्स नियंत्रण समिति द्वारा 1097 हेल्पलाइन नंबर और ‘हम साथी’ मोबाइल ऐप के जरिए एड्स से संबंधित जानकारी और इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। यह ऐप गर्भवती महिलाओं में संक्रमण रोकने और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की जानकारी देने में सहायक है। डा. अनवर हुसैन ने बताया कि सदर अस्पताल में एचआईवी संक्रमित गर्भवती महिलाओं का सुरक्षित प्रसव सुनिश्चित किया जाता है। एचआईवी पॉजिटिव मां से जन्मे नवजात की 18 माह की उम्र में जांच कर संक्रमण की पुष्टि की जाती है। कार्यक्रम के अंत में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा कि एड्स के खिलाफ लड़ाई में जागरूकता, सहयोग और भेदभाव मिटाने की जरूरत है। शिक्षा और संवेदनशीलता से ही इसे फैलने से रोका जा सकता है। उन्होंने सभी नागरिकों से अपील की कि वे स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रमों में भाग लें और एड्स के खिलाफ इस लड़ाई को सफल बनाएं।

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