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15 लाख का इनामी नक्सली कुंदन पाहन रांची पुलिस के सामने किया सरेंडर, पुलिस ने सौंपा 15 लाख रुपए का चेक

झारखंड का मोस्ट वांटेड और 15 लाख का इनामी नक्सली कुंदन पाहन रांची पुलिस के सामने सरेंडर कर चुका है।रविवार उसने पुलिस और मीडिया के समक्ष विधिवत सरेंडर किया।कुंदन अपनी पहचान छिपाने में कितना माहिर था, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सालों बाद भी मोस्ट वांटेड लिस्ट में शीर्ष पर रहते हुए भी पुलिस उसकी कोई फोटो हासिल नहीं कर पाई थी।128 कांड इसके विरुद्ध दर्ज है।खूंटी में 50, रांची में 42, चाईबासा में 27, सरायकेला में 7, गुमला में एक कांड दर्ज है।रविवार को एडीजी अभियान आरके मल्लिक के समक्ष कुंदन पाहन ने सरेंडर किया।पुलिस ने कुंदन को 15 लाख रुपए का चेक सौंपा।इस दौरान लोहरदगा में नक्सलियों के पास से बरामद हथियार भी दिखाया गया।दो दिन पहले गुपचुप सरेंडर करने वाले कुंदन ने पुलिस पूछताछ में कई अहम जानकारियां दी हैं।कुंदन पहले ही पुलिस को बता चुका है कि पुलिस से लूटे ज्यादातर हथियार सारंडा में नक्सलियों के पास हैं।उसके कई पुलिस अधिकारियों से गहरे ताल्लुकात रहे हैं।इस आधार पर पुलिस की टीम नक्सल प्रभावित खूंटी, रांची, लोहरदगा, गुमला, सारंडा, पूर्वी सिंहभूम और बंगाल से सटे इलाकों में छापेमारी कर रही है।इधर, तमाड़ के आजसू विधायक विकास मुंडा कुंदन पाहन के सरेंडर कराने के तरीके से नाराज हैं।कुंदन उनके पिता रमेश मुंडा की हत्या का मुख्य आरोपी है।कुंदन ने बताया कि पुलिस 
जब उसके खिलाफ ऑपरेशन शुरू करती थी, इसकी जानकारी उसे पहले ही मिल जाती थी।कई पुलिसकर्मी भी उसके संपर्क में रहते थे।बताया कि आईसीआईसीआई बैंक से लूटे पांच करोड़ से ज्यादा की रकम और लगभग सवा किलो सोना उसने अपने कारोबार में लगाया है।बुंडू, तमाड़, अड़की सहित पूर्वी पश्चिमी सिंहभूम, ओड़िशा के कई कारोबारियों को उसने सूद पर मोटी रकम दी है।उसे हर महीने कारोबारियों से सूद के पैसे मिलते थे।बैंक के पांच करोड़ सोना लूटे जाने के बाद नक्सली कुंदन पाहन का अपने करीबी राजेश टोप्पो से रुपए के बंटवारे को लेकर अनबन हो गई थी।इसके बाद राजेश ने अलग दस्ता बना लिया था।उसने राहे में पांच पुलिस पुलिसकर्मियों की हत्या कर हथियार लूटने के साथ ही संगठन को अपनी ताकत का अहसास कराया।इसके बाद संगठन के शीर्ष नेता उसे ज्यादा तरजीह देने लगे।
संगठन में राजेश के बढ़ते प्रभाव से कुंदन खिन्न हो गया और उसने झांसा देकर उसे अड़की के जंगल में बुला कर उसे मार डाला।राजेश के शव को रांची-टाटा हाईवे के किनारे फेंक दिया गया।पुलिस ने समझा कि वह मुठभेड़ में मारा गया है।लेकिन राजेश के मारे जाने की सच्चाई संगठन के शीर्ष नेताओं तक पहुंच गई।इसके बाद से ही कुंदन पाहन की पकड़ संगठन में कमजोर होती चली गई।
संगठन में तरजीह नहीं मिलने की वजह से कुंदन परेशान रहने लगा।बाद में उसे संगठन से निकाल भी दिया गया।इसके बाद ही वह अलग-थलग पड़ गया और शारीरिक रूप से भी कमजोर भी हो गया। परिवार के लोग भी चाहते थे कि वह सरेंडर कर दे।इस खूंखार नक्सली ने पुलिस इंस्पेक्टर फ्रांसिस इंदवार की हत्या की थी और हत्या उनके सिर को लाश से 10 फीट दूर रख दिया था।कुंदन पाहन पर विधायक रमेश सिंह मुंडा और सांसद सुनील महतो की हत्या करने का भी आरोप है।बताया जाता है कि सूबे के विभिन्न थानों में उसपर 120 से अधिक आपराधिक केस दर्ज हैं।कुंदन पाहन का नाम तब सुर्खियाें में आया जब उसने 21 मई 2008 को रांची-टाटा रोड पर आईसीआईसीआई बैंक के कैश वैन से पांच करोड़ से ज्यादा रुपए और सवा किलो सोना लूट लिया था।वहीं, वह मुखबिरी की जरा सी भी अंदेशा होने पर किसी को भी नहीं छोड़ता था।ऐसी ही एक घटना में उसने अपने सबसे विश्वस्त सहयोगी ज्योति मुंडा को मौत के घाट उतार दिया था।

रिपोर्ट-रांची न्यूज़ रिपोटर 

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