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जेपी ब्रेड हेड ने चलाया जागरुकता अभियान…

पटना बिहार में बढ़ते भीसन गर्मी की वजह से लगातार मुजफ्फरपुर, औरंगाबाद, गया, नवादा जिला के अलावे कई स्थानो पर काफी संख्या में हुई मरीजो की मौत पर चिंता जाहिर करते हुए जेपी बीड हेड आकाश यादव ने जागरुकता अभियान चलाया।बताते चले कि इनके टीम द्वारा जागरुकता अभियान उत्तरी बिहार स्थित मुजफ्फरपुर जिले के मुख्यालय प्रखंड अंतर्गत मीनापुर पंचायत क्षेत्र के छपरा गांव में चलाया गया।श्री यादव ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि बिहार की जनता त्राहिमाम कर रही है।लेकिन सरकार अब कुंभकरनी नींद में सो रही है।तभी तो प्रतिदिन प्रतेक जिलों में बीमारी से मरीजो की मौत का आकडा बढ़ते ही जा रहा है।यदि बिहार के किसी भी जिले में इतने मरीजों की मौत हुई है तो सीधा-सीधा सरकार जिम्मेवार नहीं तो और कौन है ? किसी भी जिले में अस्पताल का भवन बनाकर तो सरकार ने दिखा दिया।इसी नाम पर कमीशन का खूब बंदरबांट भी हुआ।जो बिहार की जनता से छुपी हुई भी नहीं है।ज्ञात हो कि बिहार में भयानक गर्मी से उत्पन्न बीमारी से हुई मौत के मामले में ही जब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ0 हर्षवर्धन मुजफ्फरपुर दौरा के लिए रविवार को बिहार पहुंचे थे।तब पटना एयरपोर्ट पर ही जमकर विरोध किया गया था।प्रदर्शनकारी उनके वाहन के नीचे भी लेट गए थे।तब पटना प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों को हटाते हुए मंत्री जी को निकाला था।लेकिन जब केंद्रीय स्वास्थ मंत्री मुजफ्फरपुर पहुंचे थे।तब उन्हीं के साथ बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री रह चुके एवं वर्तमान बक्सर सांसद अश्विनी चौबे सो रहे थे।वहीं इन्ही लोग के टीम में शामिल वर्तमान बिहार के स्वास्थ्य मंत्री माननीय मंगल पांडे जी क्रिकेट का मैच स्कोर पूछने में लगे हुए थे।जो मीडिया के सुर्खियों में भी खूब छाया रहा।इसके अलावे जब बिहार के स्वास्थ्य मंत्री सोमवार को गया अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज होते हुए मुख्यालय औरंगाबाद स्थित सदर अस्पताल पहुंचे तो यहां भी विपक्षीयो ने काला झंडा दिखाते हुए मंत्री वापस जाओ, इस्तीफा दो का जमकर नारा लगाया गया।इसी नारे के एवज में औरंगाबाद प्रशासन ने तीन लोगों को गिरफ्तार भी किया था।सोमवार को ही पूछे जाने पर सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अनूप कुमार ने कहा था कि संभवता एक प्रदर्शनकारी व्यक्ति का नाम विजेंद्र है और दो का नाम अभी क्लियर नहीं हुआ है।कुछ देर बाद पूछ लीजिएगा बता देंगे।हालाकि केंद्रीय एवं बिहार के स्वास्थ्य मंत्री ने आश्वासन देने का काम किया है।बिहार के मरीजो को इलाज में कोई कमी नहीं की जाएगी।लेकिन यह भी सत्य है कि लगभग किसी भी बिहार के अस्पतालों में चिकित्सक, कंपाउंडर, नर्स, उपकरण मशीन की भी अवश्य कमी है।लगभग सरकारी अस्पतालों से मरीजो को दवा लेने के लिए ही बाहर दुकान से दवा लेने का पूरजा भी अवश्य ही थमा दिया जाता है।जो किसी से भी छिपी हुई नहीं है।मंगलवार 18.06.2019 को बिहार के माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी जब मुजफ्फरपुर अस्पताल पहुंचे तो जमकर विरोध किया गया।मीडिया से भी मुख्यमंत्री ने कोई बात नहीं की।इसलिए बिहार के सरकारी अस्पतालों में सर्वप्रथम व्यवस्था सुधारने की जरूरत है।

रिपोर्ट-अजय कुमार पांडे

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