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CM को लूटो आबरू और DM से सम्मानित हो।।…

सोनू कुमार:-मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार में सुशासन लाने के लिए कोई परिवारवाद नहीं करते ताकि वह बदनाम हों। अपनी व्यक्तिगत छवि को दागदार होने से बचा ने के लिए वह राजनीति रूप से कमजोर होना पसंद करते हैं लेकिन अपने नीति एवं सिद्धांत से समझौता नहीं करते। बिहार और खासकर नालन्दा (गृह जिला) के विकास के लिए क्या कुछ नहीं करते जिससे प्रदेश और देश भर में उनका नाम हो लेकिन नालन्दा जिला में काम करने वाला BDO से लेकर DM तक, पंचायत सेवक से लेकर DDC तक, सिपाही से लेकर SP तक यही समझते हैं कि वह नीतीश कुमार के खासमखास हैं लेकिन उनकी करतूत की वजह से CM नीतीश कुमार की आबरू लूट जाती है जब कोई सेवक या पदाधिकारी सरकारी खजाने को लूटकर CM की साख को दागदार करता है।
* क्या DM सर साहेब को नहीं मालूम की CDPO सभी आंगनबाड़ी केंद्र से प्रतिमाह कमीशन लेती हैं?
* क्या DDC सर को नहीं ज्ञात है कि BDO साहेब को प्रति योजना में % कमीशन फिक्स है?
* किसको नहीं पता है कि प्रधानमंत्री आवास योजना बिना कमीशन का नहीं मिलता। पर्यवेक्षक सम्मानित हैं लूटो और अपना कमीशन काटकर ऊपर तक पहुंचा देंगे तो स्वाभाविक है CM को खुश करने के लिए DM साहेब ने कराय- परशुराय प्रखंड के भ्रष्ट पर्यवेक्षक संदीप कुमार को सम्मानित कर दिया, क्यों?

क्या SP साहब को नहीं पता है कि थाने में बिना नजराना का कोई काम नहीं होता, DY SP घटनास्थल पर जाकर सुपरविजन नहीं करते कुछ खास कांड छोड़कर?
* जिला का कोई ऐसा विभाग नहीं है जहां पर भ्रष्टाचार नहीं है? गांव के अनपढ़ को पता है कि बिना कमीशन का कोई काम नहीं होगा तो DM, DDC, SP साहेब को नहीं पता होगा, यह सम्भव है। DM, DDC और SP साहेब ईमानदार रहने के बाद भी राजनीतिक रूप से लाचार हो जाते है जिसकी वजह कमीशनखोर पर्यवेक्षक संदीप कुमार को सम्मानित करना पड़ता है।

कराय परशुराय प्रखंड में फैला भ्रष्टाचार जब जनता के बीच उजागर है तो DM और CM साहब को भी पता होगा और अगर उनके संज्ञान में नहीं है तो हम *केवल सच* उनका ध्यान आकृष्ट कराता हूँ और बात DM सर के संज्ञान में आने के बाद कार्रवाई भी होती है। BPRO मुकुल रंजन का तबादला इसका पुख्ता प्रमाण है।

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीब-कमजोर-लाचार और आवासहीन को सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास निर्माण हेतु राशि आवंटित करती है और इसी राशि को लाभुक तक पहुंचाने के लिए राशि लेते हैं। कई ऐसे भी मामले हैं जिसमे पर्यवेक्षक किसी दूसरे आवास का फोटो खींचकर राशि डकार जाते हैं। पर्यवेक्षक संदीप कुमार की करतूतों का सत्यापन करना चाहते हैं DM, DDC साहब तो जिला के निगरानी से जांच करवा सकते हैं। पर्यवेक्षक संदीप कुमार यह भी लोगो से कहता है कि अकेले कमीशन नहीं खाते बल्कि 20 हजार के कमीशन में ब्लॉक से DM कार्यालय तक बंटता है हम अकेले थोड़े कमीशनखोर हैं। देश की आजादी के दिन भ्रष्टाचार में लिप्त पर्यवेक्षक संदीप कुमार ने अपने काली करतूत के लिए सम्मानित भी हो गए DM और DDC के द्वारा। यह सम्भव हो सकता है कि इस भ्रष्ट नटवरलाल संदीप कुमार की करतूत के विषय मे किसी ने DM साहब को जानकारी नहीं दी हो। केवल सच का यह सोनू कुमार ईमानदार पदाधिकारी के संज्ञान में भ्रष्टो को लाता रहेगा।

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