अगर हम आज चैन से सो रहे हैं,तो इसके पीछे है हमारी सेना,दिन-रात मेहनत कर के हमारी रक्षा के लिए तत्पर रहनेवाली सेना इसे अपनाफ़र्ज़ मानती है lसीमा पर निगरानी करने वाले BSF जवान दुश्मनों के नापाक इरादों को रोकने के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं, जानकारी के लिए बतादें कि आज बॉर्डर सिक्युरिटी फोर्स (बीएसएफ) की स्थापना के 51 साल पूरे हो गए हैं,इस अवसर पर जानें देश के प्रति इनके समर्पण को,सीमा सुरक्षा बल को दुनिया के सबसे बड़े सीमा रक्षक बलों में गिना जाता है,जिसका गठन 01 दिसंबर 1965 में हुआ था lइसकी जिम्मेदारी भारत की अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं पर निगरानी रखना, सीमा पर घुसपैठ जैसी वारदातों को रोकना है,BSF रेगिस्तान से लेकर बर्फ़ीले इलाकों तक फैली सरहद की सुरक्षा करती है l
दुनिया की बड़ी फोर्स
देश में अपनी बेहतरीन सेवाएं देने वाली यह फोर्स आज दुनिया की सबसे बड़ी बॉर्डर फोर्स में से एक है,BSF के पास सेना की जल,वायु और थल के रूप में तीन विंग है l
कुछ उपलब्धियां
- यह एकमात्र भारतीय अर्धसैनिक बल है, जिसकी ख़ुद की मरीन और एयर विंग भी है l
- BSF 1959 में शुरू ‘बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी’ में हिस्सा लेती आ रही है l
- यह हर शाम भारत-पाकिस्तान के राष्ट्रीय ध्वज उतारने का एक प्रोग्राम है l
- पाकिस्तान से सटी पश्चिमी सीमा पर पहरे के लिए भारत BSF पर निर्भर है,BSF के पास ऊंटों का एक दस्ता भी है l
- BSF राष्ट्रीय स्तर पर डॉग्स के लिए ट्रेनिंग स्कूल भी चलाती है l
- गुजरात के अंतिम छोर पर कच्छ के रण में BSF जवान आल टेरराइन व्हीकल्स (एटीवी) से पेट्रोलिंग करती है l