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ऑक्सीजन एक्सप्रेस द्वारा दैनिक ऑक्सीजन की आपूर्ति सर्वोच्च स्तर पर पहुंची, 1142 मीट्रिक टन की आपूर्ति एक दिन में की गई

इससे पहले 20 मई, 2021 को हुई थी 1118 मीट्रिक टन की आपूर्ति

भारतीय रेलवे ने 1 महीने में देश के 14 राज्यों को 16,000 मीट्रिक टन से अधिक ऑक्सीजन की आपूर्ति की

दक्षिण भारत के राज्यों तमिलनाडु और कर्नाटक में प्रत्येक में ऑक्सीजन की आपूर्ति 1000 मीट्रिक टन से ऊपर पहुंची

अब तक 247 ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने 977 टैंकरों में देश के 14 राज्यों को ऑक्सीजन के रूप में राहत पहुंचाई है

12 ऑक्‍सीजन एक्‍सप्रेस 50 टैंकरों में 920 मीट्रिक टन ऑक्‍सीजन लेकर अपने मार्ग पर

ऑक्सीजन एक्सप्रेस द्वारा 14 राज्यों- उत्तराखंड, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, हरियाणा, तेलंगाना, पंजाब, केरल, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और असम को ऑक्सीजन के रूप में सहायता पहुंचाई गई

अब तक महाराष्ट्र में 614 मीट्रिक टन ऑक्सीजन, उत्तर प्रदेश में लगभग 3649 मीट्रिक टन, मध्य प्रदेश में 633 मीट्रिक टन, दिल्ली में 4600 मीट्रिक टन, हरियाणा में 1759 मीट्रिक टन, राजस्थान में 98 मीट्रिक टन, कर्नाटक में 1063 मीट्रिक टन, उत्तराखंड में 320 मीट्रिक टन, तमिलनाडु में 1024 मीट्रिक टन, आंध्र प्रदेश में 730 मीट्

त्रिलोकी नाथ प्रसाद –भारतीय रेलवे मौजूदा चुनौतियों का सामना और नए उपायों की तलाश के साथ देश के विभिन्न राज्यों की मांग पर तरल चिकित्सा ऑक्सीजन की आपूर्ति के अपने अभियान पर निरंतर काम कर रही है। भारतीय रेलवे अब तक देश के विभिन्न राज्यों को 977 टैंकरों में लगभग 16023 मीट्रिक टन चिकित्सा उपयोग हेतु तरल ऑक्सीजन की आपूर्ति कर चुका है।

यहाँ यह उल्लेखनीय है की अब तक 247 ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने अपनी यात्रा पूरी कर ली है और विभिन्न राज्यों को ऑक्सीजन के रूप में राहत पहुंचाई है।

इस विज्ञप्ति के जारी होने के समय तक 12 ऑक्सीजन एक्सप्रेस 50 टैंकरों में 920 मीट्रिक टन तरल मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) लेकर अपने निर्धारित गंतव्य की ओर रवाना हो चुकी हैं।

ऑक्सीजन एक्सप्रेस द्वारा कल अब तक की रिकॉर्ड 1142 मीट्रिक टन दैनिक ऑक्सीजन की आपूर्ति की गई। इससे पहले 20 मई, 2021 को 1118 मीट्रिक टन के साथ सर्वाधिक डिलिवरी का बना था रिकॉर्ड।

दक्षिण भारत के राज्यों तमिलनाडु और कर्नाटक में प्रत्येक में ऑक्सीजन की आपूर्ति 1000 मीट्रिक टन से ऊपर पहुंच गई है।

यहाँ यह उल्लेख करना महत्वपूर्ण है कि ऑक्सीजन एक्सप्रेस से ऑक्सीजन की आपूर्ति 30 दिन पहले 24 अप्रैल को शुरू हुई थी और पहली ऑक्सीजन एक्सप्रेस 126 मीट्रिक टन ऑक्सीजन लेकर महाराष्ट्र पहुंची थी।

भारतीय रेलवे, राज्यों की मांग पर यथासंभव मात्रा और कम से कम समय में तरल मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए प्रतिबद्ध है और इस पर लगातार काम कर रहा है।

ऑक्सीजन एक्सप्रेस द्वारा जिन 14 राज्यों में ऑक्सीजन की आपूर्ति अब तक की गई हैं उनके नाम हैं: उत्तराखंड, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, हरियाणा, तेलंगाना, पंजाब, केरल, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और असम।

अब तक महाराष्ट्र में 614 मीट्रिक टन ऑक्सीजन, उत्तर प्रदेश में लगभग 3649 मीट्रिक टन, मध्य प्रदेश में 633 मीट्रिक टन, दिल्ली में 4600 मीट्रिक टन, हरियाणा में 1759 मीट्रिक टन, राजस्थान में 98 मीट्रिक टन, कर्नाटक में 1063 मीट्रिक टन, उत्तराखंड में 320 मीट्रिक टन, तमिलनाडु में 1024 मीट्रिक टन, आंध्र प्रदेश में 730 मीट्रिक टन, पंजाब में 225 मीट्रिक टन, केरल में 246 मीट्रिक टन, तेलंगाना में 976 मीट्रिक टन और असम में 80 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति हुई।

रेलवे ने ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए नए मार्गों को भी चिन्हित किया है और आपात स्थिति में राज्यों की तरफ से आने वाली किसी भी तरह की मांग को पूरा करने के लिए तैयार है। तरल चिकित्सा ऑक्सीजन के लिए भारतीय रेलवे को टैंकर राज्य की तरफ से उपलब्ध कराये जाते हैं।

भारतीय रेलवे की ऑक्सीजन एक्सप्रेस, विभिन्न राज्यों को तरल चिकित्सा ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए इधर से उधर दौड़ रही है। ऑक्सीजन एक्सप्रेस पश्चिम में हापा, बड़ौदा और मुंद्रा से तो पूरब में राऊरकेला, दुर्गापुर, टाटानगर और अंगुल से ऑक्सीजन लेकर सुव्यवस्थित और योजनबद्ध ढंग से उत्तराखंड, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, हरियाणा, तेलंगाना, पंजाब, केरल, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और असम में आपूर्ति कर रही है।

ऑक्सीजन के रूप में सहायता की आपूर्ति यथासंभव शीघ्रता से करने के लिए भारतीय रेलवे ऑक्सीजन एक्सप्रेस माल गाड़ी चलाने में नए और बेमिसाल मानक स्थापित कर रहा है। लंबी दूरी के अधिकतर मामलों में माल गाड़ी की औसत गति 55 किलोमीटर से अधिक रही है। उच्च प्रथमिकता के ग्रीन कॉरिडोर में आपात स्थिति को ध्यान में रखते हुए विभिन्न मंडलों के परिचालन दल अत्यधिक चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में काम कर रहे हैं। चालक दल बदलने जैसी तकनीकी आवश्यकताओं के लिए गाड़ी के ठहराव (स्टॉपेज) को घटाकर 1 मिनट कर दिया गया है।

मार्गों को लगातार खुला रखा जा रहा है और ऑक्सीजन एक्सप्रेस के सुचारु परिचालन के लिए उच्च स्तर पर सतर्कता बरती जा रही है।

यहाँ यह भी उल्‍लेखनीय है कि ऑक्सीजन एक्सप्रेस के लिए किए गए इन प्रबंधों के साथ यह भी ध्यान रखा जा रहा है कि अन्य मालगाड़ियों के परिचालन में किसी तरह का व्यवधान ना आए।

ऑक्सीजन की ढुलाई एक जटिल प्रक्रिया है और ढुलाई से जुड़े आंकड़े लगातार अपडेट किए जा रहे हैं। कुछ और ऑक्सीजन एक्सप्रेस देर रात अपने-अपने गंतव्य की ओर रवाना होंगी।

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