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किशनगंज : जिले में गैर संचारी रोगों से सम्बंधित क्लीनिक एवं गतिविधियों में विस्तार के लिए समीक्षा बैठक आयोजित

जिले में सभी गैर संचारी रोगियों तक आवश्यक स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराना आवश्यक: राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी

  • कैंसर, रक्तचाप, मधुमेह, मोतियाबिंद, अल्जाइमर, हृदय रोग जैसी बीमारियां हैं प्रमुख गैर संचारी रोग

किशनगंज, 13 जून (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, आम तौर पर शुरुआती दौर में कोई भी बीमारी बेहद सामान्य दिखती है। लेकिन बीतते समय के साथ ये गंभीर रूप लेने लगता है। किसी तरह की शारीरिक समस्या को देर तक टालने का परिणाम लोगों को देर-सबेर भुगतना ही पड़ता है। इसलिये रोग संबंधी किसी लक्षण की तत्काल पहचान कर इसका समुचित इलाज कराया जाये। आज संक्रामक बीमारियों के खतरे से पूरा विश्व परेशान है। ऐसे में आमतौर पर होने वाली गैर संचारी रोगों के प्रति भी पर्याप्त सक्रियता जरूरी है। वैसे रोग जो एक से दूसरे व्यक्ति में सीधे प्रसारित नहीं होते, उन्हें गैर संचारी रोगों की श्रेणी में रखा गया है। ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, मोतियाबिंद, हृदय संबंधी रोग, अल्जाइमर, पार्किंगसन सहित अन्य कई रोग गैर संचारी रोगों की सूची में शामिल हैं। इसको लेकर जागरूकता एवं बचाव के लिए जिला स्वास्थ्य समिति परिसर में राज्य कार्यक्रम अधिकारी डा. राजेश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को जिले में गैर संचारी रोगों से सम्बंधित क्लीनिक एवं गतिविधियों में विस्तार के लिए समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में गैर संचारी रोगों के राज्य कार्यक्रम अधिकारी डा० राजेश कुमार, वित्त-सह-लॉजिस्टिक सलाहकार नामित कुमार के साथ, जिले के गैर संचारी रोग पदाधिकारी, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक, सामुदायिक उत्प्रेरक शामिल हुए। बैठक में गैर संचारी रोगों के राज्य कार्यक्रम अधिकारी ने जिले के सभी प्रखंडों में गैर संचारी रोगों से सुरक्षा के लिए संचालित क्लीनिक में उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी ली। गैर संचारी रोग पदाधिकारी डा० देवेंद्र कुमार ने बताया कि गैर संचारी रोगों से सुरक्षा के लिए जिले के सभी प्रखंडों में एनसीडी क्लीनिक संचालित किया जा रहा है। उक्त क्लीनिक में एनसीडी के सभी मरीजों की नियमित जांच करने के साथ उन्हें आवश्यक दवाइयां उपलब्ध कराई जा रही हैं। राज्य स्तरीय दल ने जिले के कुछ प्रखंडों के प्रदर्शन को बेहतर माना जबकि अन्य प्रखंडों को आवश्यक कार्य करने का निर्देश दिया। आवश्यक दवाइयां समय पर उपलब्ध कराते हुए गंभीर मरीजों को बेहतर इलाज के लिए राज्य सरकार द्वारा चिह्नित प्रमुख अस्पतालों में भेजने का निर्देश दिया गया। डा० देवेंद्र कुमार ने बताया कि आम तौर पर लोगों को होने वाली प्रमुख बीमारियों में गैर संचारी रोग प्रमुख होता है। इसमें मुख्य रूप से कैंसर, उच्च व निम्न रक्तचाप, मधुमेह, मोतियाबिंद, अल्जाइमर, हृदय रोग से सम्बंधित बीमारियां प्रमुख होती हैं। इन बीमारियों के बारे में लोगों को बहुत देर से पता चलता है। इसलिए लोगों को इससे सुरक्षित रहने के लिए नियमित रूप से एनसीडी क्लीनिक में जांच कराते हुए मेडिकल सुविधा का लाभ उठाना चाहिए। संक्रामक के साथ हीं गैर संचारी रोगों के प्रति सतर्क रहने की जरूरत है। उक्त कार्यक्रम के सम्बन्ध में सिविल सर्जन डा० कौशल किशोर ने बताया कि तीस वर्ष से अधिक आयु के लोगों को विभिन्न तरह के गैर संचारी रोगों की चपेट में आने की संभावना अधिक होती है। लिहाजा इससे अधिक उम्र के लोगों को नियमित रूप से अपनी स्वास्थ्य की जांच करानी चाहिये। इस संबंध में जिला समन्वयक गैर संचारी रोग नवाज शरीफ ने बताया कि जिले के प्रमुख स्वास्थ्य केंद्रों पर जांच व इलाज की सुविधा उपलब्ध है। सदर अस्पताल में तो इसके लिये अलग से इंतजाम उपलब्ध है। इसके अलावा सभी पीएचसी व हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, जहां ओपीडी सेवा उपलब्ध है, वहां भी जांच व इलाज की सुविधा उपलब्ध है। गैर संचारी रोग पदाधिकारियों को गैर संचारी रोगों की जांच के लिए स्वास्थ्य संस्थानों में विशेष मेडिकल किट उपलब्ध करायी गयी है। इसमें ब्लड प्रेशर जांच मशीन, ग्लूकोमीटर सहित अन्य जांच उपकरण शामिल हैं। जांच में रोग की पुष्टि होने पर रोगियों को संबंधित दवाएं मुफ्त में उपलब्ध करायी जाती हैं। विभिन्न तरह के गैर संचारी रोगों के लिये अलग-अलग कारण हो सकते हैं। इसमें अनियमित दिनचर्या व खान-पान की गलत आदतें प्रमुख हैं। समीक्षा बैठक में गैर संचारी रोगों के राज्य कार्यक्रम अधिकारी डा० राजेश कुमार ने बताया कि नमक का अधिक सेवन, नशापान, तनाव, मोटापा, गुर्दा व उच्च रक्तचाप भी इसके कारण हो सकते हैं। बार-बार पेशाब आना, वजन में गिरावट, ज्यादा भूख लगना डायबिटीज का लक्षण है। इसी तरह शरीर के किसी अंग में असामान्य सूजन, गांठ या कड़ापन, तिल, मस्से के आकार या रंग में परिवर्तन, ना खत्म होने वाला घाव, लगातार बुखार, वजन में गिरावट सहित अन्य कई लक्षण कैंसर रोग के शुरुआती लक्षणों से जुड़े होते हैं। महिलाओं में मासिक धर्म के दौरान असामान्य रक्त स्राव, स्तन के आकार में परिवर्तन के रूप में भी कैंसर के लक्षण उजागर होते हैं। मोटापा, उच्च रक्तचाप, मधुमेह आगे चलकर कई अन्य बीमारियों के कारण बनते हैं। ऐसे किसी भी रोग से बचाव के लिये नियमित व्यायाम, संतुलित आहार के सेवन के साथ-साथ नशापान की आदतों से पर्याप्त दूरी बनाये रखना जरूरी होता है। नियमित रूप से लोगों को अपना स्वास्थ्य परीक्षण कराते रहना चाहिये। ताकि शुरुआती दौर में ही रोग का पता चल सके। इससे संबंधित रोग का उपचार आसान होता है।

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