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किशनगंज : मलेरिया दिवस पर 25 को जिले भर में आयोजित होंगे कार्य़क्रम, बिहार के अपर निदेशक ने पत्र जारी कर जिलों के सिविल सर्जन को दिए निर्देश।

मलेरिया एक प्रकार का बुखार है, किसी भी उम्र के लोगों का ले सकता है चपेट में।

किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, जिलेभर में आगामी 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाएगा। इसे लेकर अभी से तैयारी चल रही है। इस दौरान जिला मुख्यालय से लेकर प्रखण्ड स्तर पर मलेरिया से बचाव को लेकर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इस दिन आयोजित होने वाले जागरूकता कार्यक्रम के सफल संचालन को लेकर वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम बिहार के अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम निदेशक ने सभी जिलों के सिविल सर्जन, एसीएमओ और जिला वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी को पत्र जारी कर निर्देश जारी किया है। गर्मी की शुरुआत के साथ ही मच्छरों का प्रकोप बढ़ने लगता और आमजन मच्छरजनित रोगों के शिकार होने लगते हैं। मलेरिया, चिकनगुनिया के साथ डेंगू के मामले सामने आने लगते हैं। डेंगू मच्छरों से होने वाला एक खतरनाक बीमारी है। डेंगू एडीज एजिप्टी नामक संक्रमित मादा मच्छर के काटने से होता है। डेंगू बुखार बहुत ही घातक होता और इसका सही समय पर पहचान व इलाज नहीं होने से रोगी की मौत तक हो सकती है। जिला वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ मंजर आलम ने कहा कि मलेरिया प्लाजमोडियम नामक परजीवी से संक्रमित मादा एनोफिलिज मच्छर के काटने से होता है। मलेरिया एक प्रकार का बुखार है जो किसी भी उम्र के लोगों को हो सकता है। इसमें कपकपी के साथ 103 से लेकर 105 डिग्री तक बुखार होता है। कुछ घंटों के बाद पसीने के साथ बुखार उतर जाता है, लेकिन बुखार आते-जाते रहता है। उन्होंने कहा कि फेलसीपेरम मलेरिया (दिमागी मलेरिया) की अवस्था में तेज बुखार होता है। खून की कमी हो जाती है। बुखार दिमाग पर चढ़ जाता है। फेफड़े में सूजन हो जाती है। पीलिया एवं गुर्दे की खराबी फेलसीपेरम मलेरिया की मुख्य पहचान है।

सोते समय मच्छरदानी का करें प्रयोग :

जिला वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ मंजर आलम ने मलेरिया से बचने की सलाह देते हुए कहा कि पूरे बदन को ढकने वाले कपड़े पहनें। सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें। घर के आसपास जलजमाव वाली जगहों को मिट्टी से भर दें। जलजमाव वाले स्थान पर केरोसिन तेल या डीजल डालें। घर के आसापास बहने वाली नाले की साफ-सफाई करते रहें। उन्होंने कहा कि मलेरिया प्रभावित क्षेत्रों में सरकार की तरफ से डीडीटी का छिड़काव कराया जाता है। छिड़काव कर्मियों के आने पर उनका सहयोग करें और छिड़काव की तिथि की जानकारी ग्रामीणों को दें।

सरकारी अस्पतालों में जांच और इलाज की मुफ्त व्यवस्था :

जिला वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ मंजर आलम ने कहा कि मलेरिया बुखार होने पर पीड़ित व्यक्ति को नजदीकी सरकारी अस्पताल जाना चाहिए। खून की जांच में मलेरिया निकलने पर डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवा लेनी चाहिए। सरकारी अस्पतालों में इसकी निःशुल्क जांच और इलाज की व्यवस्था है। मलेरिया फैलाने वाला मच्छर किसी स्थान पर ठहरे हुए साफ पानी और धीमी गति से बहने वाली नालियों में अंडे देती और वहां पर पनपती है।

आशा के लिए प्रोत्साहन राशि की भी व्यवस्था :

जिला वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ मंजर आलम ने बताया कि आशा कार्यकर्ता क्षेत्र में जाकर मलेरिया के लक्षण वाले मरीजों की आरडीटी किट से जांच कर रही हैं। प्रति जांच उन्हें 15 रुपये की राशि देने की भी व्यवस्था है। साथ ही मरीज मिलने पर उसका इलाज कराने पर 75 रुपये प्रति मरीज अलग से दिए जाने की व्यवस्था है। साफ है कि जिले को मलेरिया से मुक्त करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। 2030 तक मलेरिया को खत्म करने का लक्ष्य है। इसे लेकर प्रोत्साहन राशि भी दी जा रही है।

मच्छरों को पनपने से रोकने के करें उपाय :

सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया कि डेंगू व मच्छर जनित सभी प्रकार के रोगों की रोकथाम की पहली शर्त मच्छरों को पनपने से रोकना है। मच्छर जमा पानी में प्रजनन करते हैं। इसलिए उन स्थानों को चिह्नित करें जहां पानी जमे होने की संभावना होती है। इनमें घरों में कूलर्स, छत, आसपास नाली, फिज्र के नीचे का ट्रे, गमलों, पानी की टंकी सहित अन्य सामान हो सकते हैं। ऐसी जगहों की नियमित सफाई करें। अपने घर और आसपास पानी जमा नहीं होने दें। समय समय पर नालियों की सफाई कर उसमें किरासन तेल, पेट्रोल या मच्छर रोधी पाउडर का छिड़काव करें। पानी टंकी खुला नहीं रहे इसका विशेष ध्यान रखें।

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