किशनगंज : अपर निर्देश स्वास्थ्य ने दिघलबैंक में नियमित टीकाकरण कार्य का किया निरीक्षण।

शिशु मृत्यु दर से बचाव के लिए जरूरी है टीकाकरण।
- 5 साल तक के बच्चों को बीमारियों से सुरक्षित रखने के उद्देश्य से लगाया जाता है टीका।
किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, जिले के दिघलबैंक प्रखंड में अपर निर्देशक स्वास्थ्य डॉ.अशोक कुमार ने मंगलवार को प्रखंड अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 110 में नियमित टीकाकरण कार्य का उन्होंने निरिक्षण किया। इसके बाद रजिस्टर के साथ स्टाक रजिस्टर, जननी सुरक्षा योजना समेत दवाओं की बाबत जानकारी हासिल की। उन्होंने कर्मियों को समय से ड्यूटी पर आने तथा मरीजों को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने का निर्देश दिया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने मरीजों को दी जाने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं की जानकारी ली। साथ ही कर्मचारियों को आगाह किया कि सोशल डिस्टेंस के अलावा कोरोना गाइडलाइन का हरसंभव पालन करें। निरीक्षण के दौरान जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ देवेन्द्र कुमार एवं डीडीए सुमन सिन्हा एवं युनिसेफ़ के एसएमसी एजाज अफजल सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित थे। डॉ.अशोक कुमार ने निरिक्षण के क्रम में बताया कि शिशुओं के सम्पूर्ण टीकाकरण के जरिए बच्चों को संक्रामक रोगों के विरुद्ध सुरक्षित किया जाता है। जो न केवल बच्चों को 12 जानलेवा बीमारियों से बचाता बल्कि नवजात व शिशुओं के शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता का भी विकास करता है। साथ ही, समय से बच्चों को प्रतिरक्षित करने से बच्चों में होने वाली सामान्य रोगों में भी कमी आती है। उन्होंने बताया, शिशु मृत्यु दर के प्रमुख कारणों में से अनेक ऐसी बीमारियां हैं, जिनको नियमित टीकाकरण के माध्यम से रोका जा सकता है। लेकिन इन सभी टीकों का सही समय पर दिया जाना भी महत्वपूर्ण है। ताकि, बच्चों को बीमारियों से बचाया जा सके। बच्चों में होने वाले पोलियो, टीबी, खसरा एवं रूबेला, निमोनिया, डायरिया, हैपेटाइटिस-बी, गलाघोंटू, काली खांसी, दिमागी बुखार एवं टेटनेस जैसे कई गंभीर रोगों से टीकाकरण बचाव करता एवं शिशु मृत्यु दर में काफ़ी कमी लाता है। जिले के सभी बच्चों को बीमारियों से बचाने के लिये सदर अस्पताल के साथ-साथ प्रखंड स्तर के सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में टीका उपलब्ध है। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ देवेन्द्र कुमार ने बताया की जिले में सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर सप्ताह में दो दिन बुधवार एवं शुक्रवार को आरोग्य दिवस यानि ग्रामीण स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस मनाया जाता है। इस दौरान 5 साल तक के बच्चों को नियमित टीकाकरण सारणी के अनुसार टीका लगाया जाता है। आशा, आंगनबाड़ी एवं एएनएम के सहयोग से आरोग्य दिवस का सफ़ल संचालन किया जाता है। जिले के सभी आशा एवं एएनएम को टीकाकरण की महता पर नियमित उन्मुखीकरण भी किया जाता है। गृह आधारित नवजात देखभाल कार्यक्रम के तहत आशाएं नियमित गृह भ्रमण करती हैं। वह नवजातों की देखभाल के साथ उनके परिजनों को टीकाकरण के विषय में भी जागरूक करती हैं। जिले के सभी केन्द्रों पर कूरियर के माध्यम से दवाऐं पहुँचायी जा रही हैं जिसे मरीजों को उनके आवश्यकता अनुरूप उपलब्ध करायी जा रही है। अपर निर्देशक स्वास्थ्य डॉ. अशोक कुमार ने कहा कि समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े लोगों तक जरूरी स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को दिशा निर्देश दिए गये हैं, साथ ही नियमित निरीक्षण का भी निर्देश दिया गया है। इससे जमीनी स्तर के स्वास्थ्य कार्यकर्ता के मनोबल में वृद्धि होगी। अस्पताल के प्रसव कक्ष, अस्पताल परिसर, ओटी, परिसर की पूरी साफ सफाई नियमित रूप से किया जाना आवश्यक है।